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पौड़ी बस हादसे पर बोली कांग्रेस, CM चॉपर की जगह कार से यात्रा करें, जमीनी हकीकत से होंगे रूबरू - कांग्रेस सरकार पर हमलावर

पौड़ी बस हादसे के बाद कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि उत्तराखंड में सड़कों की हालत खस्ताहाल है. आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं, जिस पर सरकार लगाम नहीं लगा पा रही है. इसके अलावा तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सीएम धामी हवाई दौरों की बजाय कार से दौरा करें, ताकि जमीनी हकीकत का पता चल सके.

Congress State Vice President Dhirendra Pratap
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप
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Published : Oct 6, 2022, 1:13 PM IST

देहरादूनः पौड़ी बस हादसे (Pauri Bus Accident) में अभी तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि, कई घायलों का इलाज चल रहा है. इस दर्दनाक हादसे को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है. कांग्रेस का कहना है कि गढ़वाल और कुमाऊं की सड़कों की हालत बेहद खराब है. इसके बावजूद सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है.

उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप (Congress State Vice President Dhirendra Pratap) ने बीरोंखाल विकासखंड के सिमड़ी में हुई बस दुर्घटना की न्यायिक जांच की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि सड़क की हालत, वाहन चालक और अन्य व्यवस्थाओं की जांच के लिए सरकार तत्काल एक न्यायिक आयोग का गठन करे, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. इसके अलावा उन्होंने गढ़वाल और कुमाऊं की खस्ताहाल सड़कों (Poor Road Condition in Uttarakhand) का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पहाड़ की सड़कें जानलेवा साबित हो रही हैं. आए दिन हादसे हो रहे हैं. लेकिन सरकार इस पर गंभीर नहीं है.

सीएम धामी के हवाई सर्वे से चिढ़ी कांग्रेस

धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से भी आग्रह किया है कि वे हेलीकॉप्टर से हवाई दौरों की बजाय कार से दौरा करें, ताकि जमीनी हकीकत का पता चल सके. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी धुमाकोट में ऐसी ही दुर्घटना हुई थी, लेकिन आज तक लोगों को मुआवजा नहीं मिल पाया है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सड़कों की कटिंग कैसे हो रही है? इंजीनियर सड़कों का कैसा नक्शा बना रहे हैं. पहाड़ों में वाहन चालक शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं, लेकिन कहीं पर भी फ्लाइंग स्क्वायड नजर नहीं आते हैं, जो इन सब पर लगाम लगाएं.
ये भी पढ़ेंः पौड़ी बस हादसे में मौत के मुंह से लौटे दो युवक, बताया कैसे बची उनकी जान

क्या था पौड़ी बस हादसा? बता दें कि बीती 4 अक्टूबर की देर शाम लालढांग से बीरोंखाल के कांडा तल्ला गांव जा रही बारातियों से भरी बस सिमड़ी के पास खाई में गिर गई थी. इस दर्दनाक हादसे में अभी तक 33 लोगों की मौत हो गई है. जबकि, कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह हादसा बेहद भयावह था. जिसमें कई लोग काल के गाल में समा गए. जहां लोग खुशी खुशी शादी समारोह में शिरकत करने जा रहे थे, लेकिन दुल्हन के गांव के करीब ही यह हादसा हो गया. जिससे पल भर में खुशियां मातम में बदल गई.

उत्तराखंड में थम नहीं रहे हादसेः बीती 5 जून को भी यमुनोत्री हाईवे पर डामटा के पास यात्रियों से भरी एक बस करीब 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी. इस बस हादसे में 26 यात्रियों की जान चली गई थी. जबकि, चार लोग घायल हो गए थे. सभी यात्री मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के रहने वाले थे. हालांकि, हादसे में उत्तराखंड के दो लोग (चालक और परिचालक) भी शामिल थे. वहीं, हादसे की सूचना के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तराखंड पहुंचकर घायलों का हाल जाना था. उसके बाद सभी शवों को देहरादून से एयरलिफ्ट कर मध्य प्रदेश पहुंचाया गया था.

देहरादूनः पौड़ी बस हादसे (Pauri Bus Accident) में अभी तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि, कई घायलों का इलाज चल रहा है. इस दर्दनाक हादसे को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है. कांग्रेस का कहना है कि गढ़वाल और कुमाऊं की सड़कों की हालत बेहद खराब है. इसके बावजूद सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है.

उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप (Congress State Vice President Dhirendra Pratap) ने बीरोंखाल विकासखंड के सिमड़ी में हुई बस दुर्घटना की न्यायिक जांच की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि सड़क की हालत, वाहन चालक और अन्य व्यवस्थाओं की जांच के लिए सरकार तत्काल एक न्यायिक आयोग का गठन करे, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. इसके अलावा उन्होंने गढ़वाल और कुमाऊं की खस्ताहाल सड़कों (Poor Road Condition in Uttarakhand) का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पहाड़ की सड़कें जानलेवा साबित हो रही हैं. आए दिन हादसे हो रहे हैं. लेकिन सरकार इस पर गंभीर नहीं है.

सीएम धामी के हवाई सर्वे से चिढ़ी कांग्रेस

धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से भी आग्रह किया है कि वे हेलीकॉप्टर से हवाई दौरों की बजाय कार से दौरा करें, ताकि जमीनी हकीकत का पता चल सके. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी धुमाकोट में ऐसी ही दुर्घटना हुई थी, लेकिन आज तक लोगों को मुआवजा नहीं मिल पाया है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सड़कों की कटिंग कैसे हो रही है? इंजीनियर सड़कों का कैसा नक्शा बना रहे हैं. पहाड़ों में वाहन चालक शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं, लेकिन कहीं पर भी फ्लाइंग स्क्वायड नजर नहीं आते हैं, जो इन सब पर लगाम लगाएं.
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क्या था पौड़ी बस हादसा? बता दें कि बीती 4 अक्टूबर की देर शाम लालढांग से बीरोंखाल के कांडा तल्ला गांव जा रही बारातियों से भरी बस सिमड़ी के पास खाई में गिर गई थी. इस दर्दनाक हादसे में अभी तक 33 लोगों की मौत हो गई है. जबकि, कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह हादसा बेहद भयावह था. जिसमें कई लोग काल के गाल में समा गए. जहां लोग खुशी खुशी शादी समारोह में शिरकत करने जा रहे थे, लेकिन दुल्हन के गांव के करीब ही यह हादसा हो गया. जिससे पल भर में खुशियां मातम में बदल गई.

उत्तराखंड में थम नहीं रहे हादसेः बीती 5 जून को भी यमुनोत्री हाईवे पर डामटा के पास यात्रियों से भरी एक बस करीब 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी. इस बस हादसे में 26 यात्रियों की जान चली गई थी. जबकि, चार लोग घायल हो गए थे. सभी यात्री मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के रहने वाले थे. हालांकि, हादसे में उत्तराखंड के दो लोग (चालक और परिचालक) भी शामिल थे. वहीं, हादसे की सूचना के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तराखंड पहुंचकर घायलों का हाल जाना था. उसके बाद सभी शवों को देहरादून से एयरलिफ्ट कर मध्य प्रदेश पहुंचाया गया था.

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