देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) में भी बीजेपी का जलवा बरकरार रहा. बीजेपी ने दूसरी बार जीत हासिल कर सरकार बनाई. हालांकि, इस बार बीजेपी को उत्तराखंड में दस सीटों का नुकसान उठाना पड़ा, फिर भी 47 सीटों के साथ बीजेपी ने बहुमत के साथ धामी 2.0 सरकार बनाई है. विपक्ष करारी हार के बाद यह सवाल उठाता रहा है कि क्या बीजेपी के लिए उत्तराखंड एक प्रयोगशाला बन गया है. क्योंकि, पिछले पांच सालों में जहां बीजेपी ने उत्तराखंड को तीन मुख्यमंत्री दिए तो संगठन में चार प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए गए.
बीजेपी की बात करें तो साल 2017 में पार्टी ने उत्तराखंड में 57 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) को मुख्यमंत्री बनाया गया. उस समय अजय भट्ट (Ajay Bhatt) प्रदेश में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे. बीजेपी के संगठन में फिर बदलाव हुआ और बंशीधर भगत (Bansidhar Bhagat) को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. त्रिवेंद्र रावत सरकार को चार साल ही हुए थे कि बीजेपी ने एक बार फिर सरकार और संगठन में बदलाव करते हुए तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) को मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता मदन कौशिक (Madan Kaushik) को पहाड़ और मैदान समेत जातीय समीकरण को साधते हुए पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया.
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वहीं, तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपनी बयानबाजी के चक्कर में कुछ माह ही सीएम कुर्सी का सुख भोग पाए और बीजेपी हाईकमान ने सबको चौंकाते हुए दो बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) को 2021 में पांच महीने के भीतर प्रदेश को तीसरा मुख्यमंत्री दिया. साल 2022 में बीजेपी ने दस सीटों का नुकसान झेलते हुए धामी के नेतृत्व में दोबारा सरकार बनाकर उत्तराखंड का मिथक तोड़ा.
कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामनेः धामी सरकार 2.0 को बने हुए कुछ माह ही हुए थे कि बीजेपी ने संगठन में बदलाव करते हुए मदन कौशिक को हटा कर पहाड़ से महेंद्र भट्ट को प्रदेश अध्यक्ष का नेतृत्व दिया. जिस पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरते हुए कहा है कि आज जहां जनमुद्दों को बीजेपी भूल गई है तो वहीं मात्र सरकार और संगठन में बदलाव कर उत्तराखंड को प्रयोगशाला बना दिया है. उधर, बीजेपी का कहना है कि इन बदलावों से प्रदेश के विकास में कहीं भी कोई नुकसान नहीं हुआ है.