देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) के लिए भले ही कांग्रेस अपनी प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा को पटखनी देने की रणनीति तैयार कर रही हो, लेकिन इस लड़ाई से पहले कांग्रेस के नेता अपने ही दल में टिकट की लड़ाई लड़ रहे हैं. राहुल गांधी की जनसभा (rahul gandhi visit uttarakhand) ऐसे दावेदारों के लिए पार्टी हाईकमान की नजरों में आने का बड़ा मौका बन गई है. दरअसल, पार्टी ने तमाम नेताओं को राहुल गांधी की जनसभा में भीड़ इकट्ठा करने का एक लक्ष्य दिया है. ऐसे में दावेदार भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को जुटाकर पार्टी नेताओं के सामने अपनी लोकप्रियता को साबित करने की होड़ में दिखाई दे रहे हैं.
जनसभा में भीड़ जुटाना चुनौती: उत्तराखंड में राहुल गांधी की रैली को लेकर कांग्रेस बड़े ही मनोयोग से तैयारियों में जुटी हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय कांग्रेस के पास राहुल गांधी की पहली चुनावी रैली को सफल बनाने की चुनौती है. यही नहीं, पार्टी के सामने एक बड़ा लक्ष्य भी है, जिसे हर हाल में पार्टी पूरा करना चाहेगी. यह लक्ष्य कुछ और नहीं बल्कि राहुल गांधी की जनसभा में भीड़ जुटाना है.
पीएम मोदी की रैली से है मुकाबला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की जनसभा के बाद कांग्रेस पर मोदी की रैली में मौजूद भीड़ से ज्यादा संख्या में लोगों को जुटाने की चुनौती है. खास बात यह है कि राहुल गांधी की जनसभा के लिए भी कांग्रेस ने उसी परेड ग्राउंड को चुना है, जहां कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जनसभा को संबोधित करते हुए दिखाई दिए थे. ऐसे में कांग्रेस जनता में बड़ा संदेश देने के लिए इस जनसभा में ज्यादा भीड़ जुटाने की कोशिश करेगी. इसके लिए बाकायदा पार्टी के प्रभारी से लेकर सह प्रभारी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर पूरा संगठन घंटों तक पार्टी कार्यकर्ताओं को जिला स्तर पर अलग-अलग बातचीत के लिए बुला रहा है.
भीड़ तय करेगी टिकट: पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट कहते हैं कि जाहिर तौर पर पार्टी के नेताओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों को जनसभा में लाने के लिए कहा जा रहा है और यह एक मौका भी होगा, जब दावेदार ज्यादा भीड़ जुटाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे. पार्टी ने जिला स्तर पर अलग-अलग बातचीत कर पार्टी के नेताओं को राहुल गांधी की जनसभा में भीड़ इकट्ठी करने का लक्ष्य दे दिया है लेकिन दावेदार इस लक्ष्य को अपनी दावेदारी को मजबूत करने के रूप में देख रहे हैं.
पार्टी नेताओं की नजर में आने की होड़: पार्टी के नेताओं ने टिकट पाने से पहले बड़े नेताओं की नजर में आने के लिए सैकड़ों लोगों को जुटाने का दावा भी कर दिया है. लक्सर सीट पर कांग्रेस के टिकट को लेकर दावेदारी करने वाले संजय कहते हैं कि वह 20 से ज्यादा बसें और गाड़ियां राहुल गांधी की रैली में लेकर जा रहे हैं. उधर, दूसरे दावेदार कहते हैं कि मोदी की रैली से दोगुनी भीड़ राहुल गांधी की रैली में कांग्रेस पार्टी करने जा रही है, और इसके लिए वे पूरी ताकत के साथ अपने क्षेत्र की जनता को जनसभा में जुटाएंगे.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा से तुलना करते हुए कांग्रेस जिस तरह भीड़ जुटाने की कोशिशों में जुटी हुई है, उसको लेकर भाजपा की भी अब राहुल गांधी की जनसभा पर निगाहें बनी हुई हैं. प्रदेश में दोनों ही मुख्य दलों के प्रमुख नेताओं की जनसभा को लेकर जुटने वाली भीड़ पर तुलनात्मक चर्चा होना लाजिमी है. लिहाजा, प्रदेश में जनता के बीच एक माहौल बनाने के लिए कांग्रेस के पास एक बड़ा मौका होगा. हालांकि सरकार में शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल कहते हैं कि कांग्रेस को राहुल गांधी की जनसभा के लिए शुभकामनाएं हैं लेकिन जिस व्यक्ति को पूरा देश ठुकरा रहा है, ऐसे व्यक्ति के लिए यदि कांग्रेस मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखना चाहती है तो देख सकती है.
16 दिसंबर को उत्तराखंड आ रहे राहुल गांधी: राहुल गांधी का 16 दिसंबर को विजय दिवस के मौके पर उत्तराखंड दौरा तय हुआ है. राहुल गांधी देहरादून के परेड ग्राउंड में जनता को संबोधित करेंगे. राहुल गांधी के जरिए कांग्रेस पूरे प्रदेश में संदेश देने की कोशिश करेगी. पूर्व सैनिक और शहीद परिवारों को सम्मानित करने का भी कार्यक्रम है. ऐसे में कांग्रेस ने पीएम मोदी की रैली से दोगुनी भीड़ जुटाने का दावा किया है.