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घरों पर चला बुलडोजर, 30 परिवार हुए बेघर, मसूरी में हटाया गया अतिक्रमण - देहरादून ताजा समाचार टुडे

राजधानी देहरादून में सोमवार को अतिक्रमण के नाम पर मजबूर मजदूरों के घरों पर बुलडोजर चला. प्रशासन और देहरादून नगर निगम की संयुक्त टीम ने करीब 30 परिवारों को बारिश में बेघर कर रही है. इस मौसम में ये परिवार खुले आसमान के नीचे रहने के मजबूर हो गए हैं.

houses of laborers demolished
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Published : Jul 11, 2022, 7:17 PM IST

Updated : Jul 11, 2022, 7:34 PM IST

देहरादून/मसूरी: शासन-प्रशासन ने इन दिनों अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रखा है. सोमवार को देहरादून नगर निगम और मसूरी में अतिक्रमण पर बुलडोजर चला. हालांकि प्रशासन की इस कार्रवाई पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि बारिश के दौरान अतिक्रमण के नाम पर कई घरों को ध्वस्त किया गया, जिससे कई परिवार के बेघर हो गए.

देहरादून में 30 परिवार बेघर: सोमवार को राजधानी देहरादून में सहस्त्रधारा रोड पर तरला आमवाला में जिला प्रशासन और देहरादून नगर निगम की टीम पहुंची. टीम ने देहरादून नगर निगम की जमीन पर बने करीब 30 मकानों को ध्वस्त किया. आशियाना छीन जाने से ये परिवार सड़क पर आ गए. बेघर हुए परिवारों का कहना है कि एक महिला से झांसे में आकर उन्होंने अपनी सारी जमा पूंजी इस मकान में लगी दी, जिसे आज प्रशासन में अतिक्रमण के नाम पर ध्वस्त कर दिया. करीब 30 परिवार के लोग अपना सामना और बच्चों के लेकर बारिश में रात गुजराने को मजबूर हैं.
पढ़ें- सपनों के 'महल' का रियलिटी चेक: PM आवास पर आठवले का दावा सच या झूठ ?, पढ़िए ये रिपोर्ट

महिला पर लगाया गंभीर आरोपी: दरअसल, साल 2015 में सहस्त्रधारा रोड पर तरला आमवाला में एमडीडीए के फ्लैट बनते समय काम करने वाले मजदूरों ने बराबर की नगर निगम की जमीन पर टीन शेड में रहकर मजदूरी का काम कर रहे थे. कई साल तक करीब 22 परिवार टीन शेड में ही रहे थे, लेकिन एमडीडीए के फ्लैट बन जाने के बाद पिछले साल एमडीडीए के फ्लैट की बनी अध्यक्ष मनोरमा काला ने सभी मज़दूरों को झांसे में लिया और उनसे कहा कि आप सभी लोग नगर निगम की इस जमीन पर अपना पक्का घर बना सकते हैं, उन्हें कुछ सालों में जमीन के कागज दे दिए जाएंगे.

मजदूरों का कहना है कि सभी लोग महिला के झांसे में आ गए. महिला ने 40 से 50 गज जमीन की एवज में सभी से चार-चार लाख रुपए लिए. हालांकि उन्होंने ये पैसे थोड़ा-थोड़ा करके किस्तों में दिया. कुछ लोगों ने वहां पर पक्का मकान बनाना भी शुरू कर दिया. तीन दिनों पहले ही कुछ परिवार तो इन घरों में शिफ्ट ही हुए हैं. लेकिन आज जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने उन्हें अतिक्रमण के नाम पर बेघर कर दिया है, उनके घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया और बिना किसी नोटिस के.
पढ़ें- केदारनाथ में भक्तों का दिखा 'तूफानी' जोश, हर-हर महादेव के नारों से 'बाधाओं' को कर रहे पार

वहीं, इस मामले में देहरादून नगर निगम के इंस्पेक्टर वीरेंद्र प्रधान का कहना है कि आज टीम ने 30 घरों को ध्वस्त किया है. ये सभी घर देहरादून नगर निगम की जमीन पर बने हुए थे. नगर निगम की ओर से इन लोगों को एक हफ्ते का समय दिया था, लेकिन किसी ने घर खाली नहीं किया और आज ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई

मसूरी में हुई कार्रवाई: मसूरी के लंढोर बाजार में सोमवार को देहरादून जिलाधिकारी आर राजेश कुमार के नेतृत्व में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया. उप जिलाधिकारी मसूरी ने जानकारी देते हुए बताया कि देहरादून जिलाधिकारी आर राजेश कुमार के निर्देश पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है. इसमें सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि उनकी जमीन पर जहां भी अतिक्रमण है, उससे जल्द से जल्द हटाया जाए. अभियान अभी लगभग 15 दिन और चलेगा.

देहरादून/मसूरी: शासन-प्रशासन ने इन दिनों अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रखा है. सोमवार को देहरादून नगर निगम और मसूरी में अतिक्रमण पर बुलडोजर चला. हालांकि प्रशासन की इस कार्रवाई पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि बारिश के दौरान अतिक्रमण के नाम पर कई घरों को ध्वस्त किया गया, जिससे कई परिवार के बेघर हो गए.

देहरादून में 30 परिवार बेघर: सोमवार को राजधानी देहरादून में सहस्त्रधारा रोड पर तरला आमवाला में जिला प्रशासन और देहरादून नगर निगम की टीम पहुंची. टीम ने देहरादून नगर निगम की जमीन पर बने करीब 30 मकानों को ध्वस्त किया. आशियाना छीन जाने से ये परिवार सड़क पर आ गए. बेघर हुए परिवारों का कहना है कि एक महिला से झांसे में आकर उन्होंने अपनी सारी जमा पूंजी इस मकान में लगी दी, जिसे आज प्रशासन में अतिक्रमण के नाम पर ध्वस्त कर दिया. करीब 30 परिवार के लोग अपना सामना और बच्चों के लेकर बारिश में रात गुजराने को मजबूर हैं.
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महिला पर लगाया गंभीर आरोपी: दरअसल, साल 2015 में सहस्त्रधारा रोड पर तरला आमवाला में एमडीडीए के फ्लैट बनते समय काम करने वाले मजदूरों ने बराबर की नगर निगम की जमीन पर टीन शेड में रहकर मजदूरी का काम कर रहे थे. कई साल तक करीब 22 परिवार टीन शेड में ही रहे थे, लेकिन एमडीडीए के फ्लैट बन जाने के बाद पिछले साल एमडीडीए के फ्लैट की बनी अध्यक्ष मनोरमा काला ने सभी मज़दूरों को झांसे में लिया और उनसे कहा कि आप सभी लोग नगर निगम की इस जमीन पर अपना पक्का घर बना सकते हैं, उन्हें कुछ सालों में जमीन के कागज दे दिए जाएंगे.

मजदूरों का कहना है कि सभी लोग महिला के झांसे में आ गए. महिला ने 40 से 50 गज जमीन की एवज में सभी से चार-चार लाख रुपए लिए. हालांकि उन्होंने ये पैसे थोड़ा-थोड़ा करके किस्तों में दिया. कुछ लोगों ने वहां पर पक्का मकान बनाना भी शुरू कर दिया. तीन दिनों पहले ही कुछ परिवार तो इन घरों में शिफ्ट ही हुए हैं. लेकिन आज जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने उन्हें अतिक्रमण के नाम पर बेघर कर दिया है, उनके घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया और बिना किसी नोटिस के.
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वहीं, इस मामले में देहरादून नगर निगम के इंस्पेक्टर वीरेंद्र प्रधान का कहना है कि आज टीम ने 30 घरों को ध्वस्त किया है. ये सभी घर देहरादून नगर निगम की जमीन पर बने हुए थे. नगर निगम की ओर से इन लोगों को एक हफ्ते का समय दिया था, लेकिन किसी ने घर खाली नहीं किया और आज ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई

मसूरी में हुई कार्रवाई: मसूरी के लंढोर बाजार में सोमवार को देहरादून जिलाधिकारी आर राजेश कुमार के नेतृत्व में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया. उप जिलाधिकारी मसूरी ने जानकारी देते हुए बताया कि देहरादून जिलाधिकारी आर राजेश कुमार के निर्देश पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है. इसमें सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि उनकी जमीन पर जहां भी अतिक्रमण है, उससे जल्द से जल्द हटाया जाए. अभियान अभी लगभग 15 दिन और चलेगा.

Last Updated : Jul 11, 2022, 7:34 PM IST
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