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सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर शहीदों का किया सम्मान: गणेश जोशी

गणेश जोशी ने कहा कि सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर शहीदों और आंदोलनकारियों को सम्मान देने का काम किया है.

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मसूरी
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Published : Mar 7, 2020, 3:56 PM IST

मसूरी: प्रदेश सरकार द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाएं जाने के बाद विधायक गणेश जोशी शनिवार सुबह मसूरी के शहीद स्थल पहुंचे. जहां उन्होंने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की. इस मौके पर उन्होंने शहीदों के परिजनों को फूल माला और शाल भेंटकर सम्मान किया. गणेश जोशी ने कहा कि सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर शहीदों और आंदोलनकारियों को सम्मान देने का काम किया है.

विधायक गणेश जोशी ने कहा कि शहीदों की शहादत और आंदोलनकारियों की वजह से ही उत्तराखंड का निर्माण हो सका है. वहीं, प्रदेश सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर शहीदों और आंदोलनकारियों को सम्मान देने का काम किया है. इस मौके पर उन्होंने उत्तराखंड आंदोलन के समय आंदोलनकारियों के साथ पुलिस द्वारा की गई बर्बरता को याद करके हुए भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद आंदोलनकारी है, वह आंदोलनकारियों और शहीदों के परिजनों का दर्द बहुत अच्छी तरीके से समझते हैं.

पढ़ें: यहां होली में वीरान रहती हैं सड़कें, 100 साल से नहीं मनाया गया रंगों का पर्व

शहीदों के परिजनों ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर शहीदों को सम्मान देने का काम किया गया है. परंतु असली सम्मान तब मिलेगा जब उत्तराखंड को स्थायी राजधानी मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विकास को लेकर पहाड़ का विकास होना जरूरी है. शहीदों के परिजनों के मसूरी शहीद स्थल पर लगी शहीदों की मूर्ति पर आपत्ति भी दर्ज की है. ऐसे में मसूरी विधायक ने घोषणा की है कि जल्द ही मूर्ति को बदल दिया जाएगा.

मसूरी: प्रदेश सरकार द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाएं जाने के बाद विधायक गणेश जोशी शनिवार सुबह मसूरी के शहीद स्थल पहुंचे. जहां उन्होंने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की. इस मौके पर उन्होंने शहीदों के परिजनों को फूल माला और शाल भेंटकर सम्मान किया. गणेश जोशी ने कहा कि सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर शहीदों और आंदोलनकारियों को सम्मान देने का काम किया है.

विधायक गणेश जोशी ने कहा कि शहीदों की शहादत और आंदोलनकारियों की वजह से ही उत्तराखंड का निर्माण हो सका है. वहीं, प्रदेश सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर शहीदों और आंदोलनकारियों को सम्मान देने का काम किया है. इस मौके पर उन्होंने उत्तराखंड आंदोलन के समय आंदोलनकारियों के साथ पुलिस द्वारा की गई बर्बरता को याद करके हुए भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद आंदोलनकारी है, वह आंदोलनकारियों और शहीदों के परिजनों का दर्द बहुत अच्छी तरीके से समझते हैं.

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शहीदों के परिजनों ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर शहीदों को सम्मान देने का काम किया गया है. परंतु असली सम्मान तब मिलेगा जब उत्तराखंड को स्थायी राजधानी मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विकास को लेकर पहाड़ का विकास होना जरूरी है. शहीदों के परिजनों के मसूरी शहीद स्थल पर लगी शहीदों की मूर्ति पर आपत्ति भी दर्ज की है. ऐसे में मसूरी विधायक ने घोषणा की है कि जल्द ही मूर्ति को बदल दिया जाएगा.

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