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सुविधाओं से महरूम सीएम के विधानसभा क्षेत्र का ये गांव, विकास की आस में पथराई आंखें

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोईवाला विधानसभा के दूरस्थ ग्राम सभा नाही कला का बड़कोट गांव आज भी सड़क, स्वास्थ्य और विद्युत सुविधा से महरूम है. जब सीएम की विधानसभा क्षेत्र के इस गांव की तस्वीर ये है तो प्रदेश के अन्य जनपदों का हाल सहज ही लगाया जा सकता है.

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विकास की आस में पथराई आंखें
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Published : Feb 16, 2021, 11:48 AM IST

Updated : Feb 16, 2021, 2:54 PM IST

डोईवाला: प्रदेश में कई ऐसे गांव हैं, जहां आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. जहां एक ओर सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों के लोग सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं न मिलने से शहरों की ओर रुख कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार के विकास के दावों की हकीकत को गांव आइना दिखा रहे हैं. जो लोग गांव में रहते भी है उन्हें रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए मीलों की दूरी नापनी पड़ती है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोईवाला विधानसभा के दूरस्थ ग्राम सभा नाही कला का बड़कोट गांव आज भी सड़क, स्वास्थ्य और विद्युत सुविधा से महरूम है. जब सीएम की विधानसभा क्षेत्र के इस गांव की तस्वीर ये है तो प्रदेश के अन्य जनपदों का हाल सहज ही लगाया जा सकता है.

सुविधाओं से महरूम बड़कोट गांव.

डोईवाला विधानसभा के दूरस्थ ग्राम सभा नाही कला का बड़कोट गांव में लोग सुविधाओं के अभाव में पलायन करने को मजबूर हैं. गांव में केवल अब 4 परिवार ही बचे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क ना होने से स्कूल के बच्चों को 2 घंटे खतरनाक पगडंडी से होकर जाना पड़ता है. वहीं जंगली जानवर का खतरा भी बना रहता है और बीमार होने पर डोली से मरीज को मीलों का सफर तय कर हॉस्पिटल तक पहुंचाना पड़ता है. जबकि दूरस्थ ग्राम सभा नाही कला का बड़कोट गांव राजधानी देहरादून से महज 30 किमी दूर है.

पढ़ें: आपदा पर सतपाल महाराज ने जताई शंका, कहा- कहीं परमाणु विकिरण तो कारण नहीं

बरसात के समय तो कई महीने तक गांव का संपर्क कट जाता है. सीएम का विधानसभा क्षेत्र होने के कारण स्थानीय लोग सड़क, स्वास्थ्य और बिजली की मांग करते आए हैं. लेकिन समस्या से अवगत कराने के बाद भी गांव के हालात जस के तस हैं. ऐसे में लोगों के जहन में ये बात उठ रही है कि उनके गांव के दिन कब बहुरेंगे, जिसकी उम्मीद में उनकी आंखें पथरा गई हैं.

डोईवाला: प्रदेश में कई ऐसे गांव हैं, जहां आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. जहां एक ओर सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों के लोग सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं न मिलने से शहरों की ओर रुख कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार के विकास के दावों की हकीकत को गांव आइना दिखा रहे हैं. जो लोग गांव में रहते भी है उन्हें रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए मीलों की दूरी नापनी पड़ती है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोईवाला विधानसभा के दूरस्थ ग्राम सभा नाही कला का बड़कोट गांव आज भी सड़क, स्वास्थ्य और विद्युत सुविधा से महरूम है. जब सीएम की विधानसभा क्षेत्र के इस गांव की तस्वीर ये है तो प्रदेश के अन्य जनपदों का हाल सहज ही लगाया जा सकता है.

सुविधाओं से महरूम बड़कोट गांव.

डोईवाला विधानसभा के दूरस्थ ग्राम सभा नाही कला का बड़कोट गांव में लोग सुविधाओं के अभाव में पलायन करने को मजबूर हैं. गांव में केवल अब 4 परिवार ही बचे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क ना होने से स्कूल के बच्चों को 2 घंटे खतरनाक पगडंडी से होकर जाना पड़ता है. वहीं जंगली जानवर का खतरा भी बना रहता है और बीमार होने पर डोली से मरीज को मीलों का सफर तय कर हॉस्पिटल तक पहुंचाना पड़ता है. जबकि दूरस्थ ग्राम सभा नाही कला का बड़कोट गांव राजधानी देहरादून से महज 30 किमी दूर है.

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बरसात के समय तो कई महीने तक गांव का संपर्क कट जाता है. सीएम का विधानसभा क्षेत्र होने के कारण स्थानीय लोग सड़क, स्वास्थ्य और बिजली की मांग करते आए हैं. लेकिन समस्या से अवगत कराने के बाद भी गांव के हालात जस के तस हैं. ऐसे में लोगों के जहन में ये बात उठ रही है कि उनके गांव के दिन कब बहुरेंगे, जिसकी उम्मीद में उनकी आंखें पथरा गई हैं.

Last Updated : Feb 16, 2021, 2:54 PM IST
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