ETV Bharat / state

प्रॉपर्टी डीलर लूट कांड मामले में मनोज अधिकारी को जमानत, वकील बोले- फंसा रही पुलिस

हाइप्रोफाइल प्रॉपर्टी डीलर से लूट मामले में एक आरोपी पुलिसकर्मी मनोज अधिकारी को सेशन कोर्ट से जमानत की मंजूरी मिल गई. हालांकि कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा को 7 मई को ही जमानत मिल गई थी. दरोगा दिनेश नेगी और सिपाही हिमांशु उपाध्याय अभी भी जेल में हैं.

लूटकांड मामले में दूसरे आरोपी को मिली जमानत.
author img

By

Published : May 15, 2019, 8:04 PM IST

देहरादूनः आईजी की गाड़ी के जरिए हाइप्रोफाइल प्रॉपर्टी डीलर से लूट मामले में जेल में बंद एक पुलिसकर्मी को सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई है. एक आरोपी कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा को बीते 7 मई को ही जमानत मिल गई थी. जबकि दो आरोपी अभी भी जेल में बंद है. वहीं, मनोज अधिकारी के वकील का कहना है कि किसी भी प्रकार की कोई लूट नहीं हुई थी. पुलिस ने साजिश के तहत इन्हें फंसाया है.

लूटकांड मामले में दूसरे आरोपी को मिली जमानत.


गौर हो कि 4 अप्रैल की रात को राजपुर रोड पर आईजी अजय रौतेला की कार से तीन पुलिसकर्मियों ने प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार को आचार संहिता का डर दिखाकर एक करोड़ रुपये लूट लिए थे. जिसके बाद मुकदमा दर्ज होने पर एसटीएफ को मामले की जांच सौंपी गई थी. एसटीएफ ने मामले की विवेचना करते हुए पुलिसकर्मियों से पूछताछ किया था. पूछताछ में तीनों आरोपी पुलिसकर्मी और अनुपम शर्मा ने खुद को निर्दोष बताया था, लेकिन एसटीएफ ने गहनता से पूछताछ करने पर काफी सबूत मिले थे.


एसटीएफ ने तीनों पुलिसकर्मी दरोगा दिनेश नेगी, कांस्टेबल हिमांशु उपाध्याय और मनोज समेत कांग्रेस के सक्रिय नेता और प्रॉपर्टी डीलर अनुपम शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था. बीते 17 अप्रैल को चारों आरोपियों को पुनीत कुमार सीजीएम-5 के कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. साथ ही एसटीएफ के प्रार्थना पत्र पर चारों को 48 घंटे के लिए रिमांड पर भी लिया गया, लेकिन एसटीएफ 48 घंटे में चारों आरोपियों से कुछ नहीं उगला पाई.


ये भी पढ़ेंः मतगणना को लेकर निर्वाचन आयोग ने कसी कमर, सौजन्या ने अफसरों को बताई सावधानियां


उधर, डालनवाला थाना पुलिस ने लूटकांड में इस्तेमाल कार को कब्जे में लिया था, लेकिन डीआईजी कार्यालय से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देने के बाद आईजी की गाड़ी को भी रिलीज कर दिया गया था. इसी क्रम में बुधवार को एक आरोपी पुलिसकर्मी मनोज अधिकारी को सेशन कोर्ट से जमानत की मंजूरी मिल गई. हालांकि कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा को 7 मई को ही जमानत मिल गई थी. दरोगा दिनेश नेगी और सिपाही हिमांशु उपाध्याय अभी भी जेल में हैं.


वहीं, मनोज अधिकारी के वकील नीरज पांडे ने बताया कि वादी अनिरुद्ध पंवार ने सामने आने पर लूट करने वालों की पहचान करने की बात कही थी. जिसपर पुलिस के सामने अनिरुद्ध पंवार को मनोज अधिकारी की भी पहचान कराई गई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने साजिश के तहत इन्हें फंसाने का काम किया है. किसी प्रकार की कोई लूट नहीं हुई थी. पुलिस ने सभी को रिमांड पर लिया था, लेकिन केस से संबंधित कुछ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि मामले में रुपये की रिकवरी पुलिस नहीं कर पाई है. पुलिस ने दो लोग मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय को टारगेट बनाया था, बाकी दो पुलिसकर्मियों की जमानत के लिए जल्द अर्जी डाली जायेगी.

देहरादूनः आईजी की गाड़ी के जरिए हाइप्रोफाइल प्रॉपर्टी डीलर से लूट मामले में जेल में बंद एक पुलिसकर्मी को सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई है. एक आरोपी कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा को बीते 7 मई को ही जमानत मिल गई थी. जबकि दो आरोपी अभी भी जेल में बंद है. वहीं, मनोज अधिकारी के वकील का कहना है कि किसी भी प्रकार की कोई लूट नहीं हुई थी. पुलिस ने साजिश के तहत इन्हें फंसाया है.

लूटकांड मामले में दूसरे आरोपी को मिली जमानत.


गौर हो कि 4 अप्रैल की रात को राजपुर रोड पर आईजी अजय रौतेला की कार से तीन पुलिसकर्मियों ने प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार को आचार संहिता का डर दिखाकर एक करोड़ रुपये लूट लिए थे. जिसके बाद मुकदमा दर्ज होने पर एसटीएफ को मामले की जांच सौंपी गई थी. एसटीएफ ने मामले की विवेचना करते हुए पुलिसकर्मियों से पूछताछ किया था. पूछताछ में तीनों आरोपी पुलिसकर्मी और अनुपम शर्मा ने खुद को निर्दोष बताया था, लेकिन एसटीएफ ने गहनता से पूछताछ करने पर काफी सबूत मिले थे.


एसटीएफ ने तीनों पुलिसकर्मी दरोगा दिनेश नेगी, कांस्टेबल हिमांशु उपाध्याय और मनोज समेत कांग्रेस के सक्रिय नेता और प्रॉपर्टी डीलर अनुपम शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था. बीते 17 अप्रैल को चारों आरोपियों को पुनीत कुमार सीजीएम-5 के कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. साथ ही एसटीएफ के प्रार्थना पत्र पर चारों को 48 घंटे के लिए रिमांड पर भी लिया गया, लेकिन एसटीएफ 48 घंटे में चारों आरोपियों से कुछ नहीं उगला पाई.


ये भी पढ़ेंः मतगणना को लेकर निर्वाचन आयोग ने कसी कमर, सौजन्या ने अफसरों को बताई सावधानियां


उधर, डालनवाला थाना पुलिस ने लूटकांड में इस्तेमाल कार को कब्जे में लिया था, लेकिन डीआईजी कार्यालय से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देने के बाद आईजी की गाड़ी को भी रिलीज कर दिया गया था. इसी क्रम में बुधवार को एक आरोपी पुलिसकर्मी मनोज अधिकारी को सेशन कोर्ट से जमानत की मंजूरी मिल गई. हालांकि कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा को 7 मई को ही जमानत मिल गई थी. दरोगा दिनेश नेगी और सिपाही हिमांशु उपाध्याय अभी भी जेल में हैं.


वहीं, मनोज अधिकारी के वकील नीरज पांडे ने बताया कि वादी अनिरुद्ध पंवार ने सामने आने पर लूट करने वालों की पहचान करने की बात कही थी. जिसपर पुलिस के सामने अनिरुद्ध पंवार को मनोज अधिकारी की भी पहचान कराई गई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने साजिश के तहत इन्हें फंसाने का काम किया है. किसी प्रकार की कोई लूट नहीं हुई थी. पुलिस ने सभी को रिमांड पर लिया था, लेकिन केस से संबंधित कुछ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि मामले में रुपये की रिकवरी पुलिस नहीं कर पाई है. पुलिस ने दो लोग मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय को टारगेट बनाया था, बाकी दो पुलिसकर्मियों की जमानत के लिए जल्द अर्जी डाली जायेगी.

Intro:4 अप्रैल को हाइप्रोफाइल प्रॉपर्टी डीलर से लूट के मामले में 3 पुलिसकर्मियों में से मनोज अधिकारी को आज सेशन कोर्ट की अदालत से जमानत की मंजरी मिल गई है।हालांकि कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा को 7 मई को ही ज़मानत मिल गई थी।ओर दरोगा दिनेश नेगी ओर सिपाही हिमांशु उपाध्याय अभी भी जेल में है।एसटीएफ़ ने मुकदमा लिख कर अनुपम शर्मा सहित 3 पुलिसकर्मी पिछले 17 अप्रैल से जेल में बंद थे।ओर इसी बीच एसटीएफ ने अनुपम शर्मा के साथ तीनो पुलिस कर्मियों को रिमांड पर लिया था।लेकिन एसटीएफ़ को रिमांड के दौरान कुछ हासिल नही हो पाया था।साथ ही इस पूरे मामले में प्रयोग हुई आई जी की गाड़ी भी कोर्ट के द्वारा छूट गई थी।


Body:आपको बता दे कि राजपुर रोड 4 अप्रैल की रात आईजी अजय रौतेला की कार से तीन पुलिसकर्मियों द्वारा प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पवार से आचार संहिता का डर दिखाकर 1करोड़ रुपए छीन लिए गए थे जिसके बाद मुकदमा होने पर एसटीएफ को जांच सौंप दी गई थी।एसटीएफ ने मामले की विवेचना करते हुए पुलिसकर्मियों से पूछताछ शुरू कर दी कर दी थी। और तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों और अनुपम शर्मा ने पूछताछ में खुद को निर्दोष बताया गया था लेकिन एसटीएफ ने गहनता से पूछताछ करने पर काफी साक्ष्य मिले।एसटीएफ ने जांच के दौरान 4 अप्रैल की रात को हुई लूट पर मोहर लगाते हुए तीनों पुलिसकर्मी दरोगा दिनेश नेगी कांस्टेबल हिमांशु उपाध्याय और मनोज सहित प्रॉपर्टी डीलर अनुपम शर्मा कांग्रेस के सक्रिय नेता को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है।17 अप्रैल को चारो आरोपियों को पुनीत कुमार सीजीएम 5 के यहाँ पेश करके 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।ओर एसटीएफ की प्रार्थना पत्र पर चारो को 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया गया था लेकिन एसटीएफ़ ने 48 घंटे में इन चारों से कुछ उगला नही पाई थी।साथ ही थाना डालनवाला ने लूटकांड में प्रयोग हुई कार को अपने कब्जे में कर लिया था।लेकिन डीआईजी कार्यलय से कोर्ट में प्रार्थना पत्र जाने पर कोर्ट ने आई जी की गाड़ी को भी रिलीज कर दिया था।


Conclusion:मनोज अधिकारी के वकील नीरज पांडे ने बताया कि आज कथित मनोज अधिकारी के सेशन कोर्ट ने जमानत दे दी है।साथ ही हमारी तरफ से तथ्य के अनुसार वादी अनिरुद्ध पंवार ने कहा था कि सामने आने पर लूट करने वालो की पहचान कर सकता हूं।लेकिन पुलिस के सामने अनिरुद्ध पंवार को मनोज अधिकारी की भी पहचान कराई गई।लेकिन कोई निष्कर्ष नही निकल कर आया।पुलिस ने साजिश के तहत इन लोगो को फँसाया है।और न ही किसी प्रकार की कोई लूट हुई थी।पुलिस द्वारा इन लोगो को रिमांड पर लिया गया था लेकिन केस से सम्बंधित कुछ नही मिला था।और न ही रुपय की रिकवरी पुलिस कर पाई है।पुलिस ने दो लोगो मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय को टारगेट बनाया था।बाकी दो पुलिसकर्मियों की ज़मानत के लिए जल्द अर्जी डाल दी जायेगी।

बाइट-नीरज पांडे(वकील)

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.