देहरादूनः आईजी की गाड़ी के जरिए हाइप्रोफाइल प्रॉपर्टी डीलर से लूट मामले में जेल में बंद एक पुलिसकर्मी को सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई है. एक आरोपी कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा को बीते 7 मई को ही जमानत मिल गई थी. जबकि दो आरोपी अभी भी जेल में बंद है. वहीं, मनोज अधिकारी के वकील का कहना है कि किसी भी प्रकार की कोई लूट नहीं हुई थी. पुलिस ने साजिश के तहत इन्हें फंसाया है.
गौर हो कि 4 अप्रैल की रात को राजपुर रोड पर आईजी अजय रौतेला की कार से तीन पुलिसकर्मियों ने प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार को आचार संहिता का डर दिखाकर एक करोड़ रुपये लूट लिए थे. जिसके बाद मुकदमा दर्ज होने पर एसटीएफ को मामले की जांच सौंपी गई थी. एसटीएफ ने मामले की विवेचना करते हुए पुलिसकर्मियों से पूछताछ किया था. पूछताछ में तीनों आरोपी पुलिसकर्मी और अनुपम शर्मा ने खुद को निर्दोष बताया था, लेकिन एसटीएफ ने गहनता से पूछताछ करने पर काफी सबूत मिले थे.
एसटीएफ ने तीनों पुलिसकर्मी दरोगा दिनेश नेगी, कांस्टेबल हिमांशु उपाध्याय और मनोज समेत कांग्रेस के सक्रिय नेता और प्रॉपर्टी डीलर अनुपम शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था. बीते 17 अप्रैल को चारों आरोपियों को पुनीत कुमार सीजीएम-5 के कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. साथ ही एसटीएफ के प्रार्थना पत्र पर चारों को 48 घंटे के लिए रिमांड पर भी लिया गया, लेकिन एसटीएफ 48 घंटे में चारों आरोपियों से कुछ नहीं उगला पाई.
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उधर, डालनवाला थाना पुलिस ने लूटकांड में इस्तेमाल कार को कब्जे में लिया था, लेकिन डीआईजी कार्यालय से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देने के बाद आईजी की गाड़ी को भी रिलीज कर दिया गया था. इसी क्रम में बुधवार को एक आरोपी पुलिसकर्मी मनोज अधिकारी को सेशन कोर्ट से जमानत की मंजूरी मिल गई. हालांकि कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा को 7 मई को ही जमानत मिल गई थी. दरोगा दिनेश नेगी और सिपाही हिमांशु उपाध्याय अभी भी जेल में हैं.
वहीं, मनोज अधिकारी के वकील नीरज पांडे ने बताया कि वादी अनिरुद्ध पंवार ने सामने आने पर लूट करने वालों की पहचान करने की बात कही थी. जिसपर पुलिस के सामने अनिरुद्ध पंवार को मनोज अधिकारी की भी पहचान कराई गई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने साजिश के तहत इन्हें फंसाने का काम किया है. किसी प्रकार की कोई लूट नहीं हुई थी. पुलिस ने सभी को रिमांड पर लिया था, लेकिन केस से संबंधित कुछ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि मामले में रुपये की रिकवरी पुलिस नहीं कर पाई है. पुलिस ने दो लोग मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय को टारगेट बनाया था, बाकी दो पुलिसकर्मियों की जमानत के लिए जल्द अर्जी डाली जायेगी.