देहरादून: कोरोनाकाल के दौरान लॉकडाउन से उपजे रोजगार संकट में बाहरी प्रदेशों से बड़ी तादाद में कामगार घर लौट आए. साथ ही प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार जुटी हुई है. कोरोना संकटकाल में देश के अलग-अलग हिस्सों से लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार से जुड़ने के लिए मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है. ऐसे में जल्दी कि आगामी 20 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है.
कोरोना महामारी में लगे लॉकडाउन के दौरान काफी संख्या में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हुई है. प्रदेश की बड़ी आबादी रोजगार के लिए सरकार का मुंह ताक रही है. वहीं मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ने की तैयारी चल रही है. गौरतलब है कि इस महत्वपूर्ण स्वरोजगार योजना से प्रदेश के 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के 10 हजार युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना के तहत 25 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापित करने के लिए किसी भी सहकारी बैंक से 8% ब्याज दर पर आसानी से लोन लिया जा सकता है. वहीं, इस लोन के लिए बैंक के पास भूमि को बंधक रखने पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी पर भी सौ फीसदी छूट दी जाएगी.
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मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के संबंध में जानकारी देते हुए उरेडा के मुख्य परियोजना अधिकारी एके त्यागी ने बताया कि कोई भी उत्तराखंड का मूल निवासी इस योजना से लाभान्वित हो सकता है. इसके लिए उन्हें एमएसएमई की वेबसाइट msy.uk.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा.
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बता दें कि इस योजना के तहत 25 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट उसी स्थान के आसपास लगाया जा सकता है, जहां आसपास यूपीसीएल का 63 केवी का ट्रांसफार्मर मौजूद हो. इसके लिए पहाड़ी इलाकों में 63 केवी के ट्रांसफार्मर को 300 मीटर एरियल डिस्टेंस के आसपास होना जरूरी है. वहीं, मैदानी इलाकों के लिए 100 मीटर एरियल डिस्टेंस निर्धारित किया गया है.