ऋषिकेशः अमेरिका के नरोपा विश्वविद्यालय से आए छात्रों और शिक्षकों के दल ने परमार्थ निकेतन पहुंचकर परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से मुलाकात की. इस दौरान छात्रों ने भारतीय अध्यात्म और दर्शन से जुड़ी जानकारियां भी ली.
बता दें कि नरोपा विश्वविद्यालय बोल्डर कोलोराडो में एक अमेरिकी निजी उदार कला विश्वविद्यालय है. तिब्बत बौद्ध शिक्षक चोइगाम टुंगपा द्वारा ये विश्वविद्यालय 1974 में स्थापित किया गया था. जो 11वीं शताब्दी के भारतीय बौद्ध ऋषि नरोपा, नालंदा के मठाधीश के नाम पर है.
वहीं, इस मुलाकात के दौरान छात्रों से स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि योगी नरोपा बंगाल में जन्म लेने वाले तथा युवा अवस्था में ही आध्यात्मिक ज्ञान के साथ वैज्ञानिक सोच रखने वाले विद्वान थे.
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इस मौके पर छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हम सभी का उद्देश्य वन यूनिवर्स-वन फैमिली, वसुधैव कुटुम्बकम् अर्थात पूरा विश्व एक ही परिवार होना चाहिए. हमें एक नई सामूहिकता (कम्यून) को जन्म देना होगा.
उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक और परिपक्व दिखना होगा. युवा पीढ़ी को चाहिए कि वे अपनी रचनात्मकता, नवीनता और अन्वेषण के आधार पर पर्यावरण संरक्षण के नए तरीके खोजे. साथ ही कल्चर, नेचर और फ्यूचर इन तीनों से जुड़े रहे.