देहरादून: लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार अपने चरम पर है. देवभूमि उत्तराखंड में भी चाय की दुकानों से लेकर खेत की पगडंडियों तक सियासत तेज हो गई है. इस चुनाव में प्रदेश की पांचों सीटों में कुछ नए तो कुछ पुराने जाने पहचाने चेहरे चुनावी मैदान में हैं. साथ ही कुछ दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी हुई है. लेकिन इस सब के बीच जनता जनार्दन क्या सोच रखती है इस बारे में ईटीवी भारत संवाददाता ने ऐतिहासिक नगरी अल्मोड़ा के व्यवसायियों से विस्तार से बातचीत की.
अल्मोड़ा में चुनाव के वक्त नेता यहां के बाल मिठाई का जिक्र करना नहीं भूलते. जिसकी मिठास देश के ही नहीं सात समुंदर पार के लोग भी मुरीद हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव में ईटीवी भारत संवाददाता किरनकांत शर्मा ने भी इन व्यवसायियों की राय जाननी चाही, जो मतदान से देश की दिशा तय करेंगे. मिठाई व्यवसायियों का कहना है कि पर्वतीय अंचलों में स्कूलों, पानी और रोजगार की समस्या जस की तस है. उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में पहाड़ से तेजी से पलायन हुआ है. लेकिन जब उनसे सांसद के कार्यकाल के बारे में पूछा गया तो वे संतुष्ट नजर आए.
उन्होंने कहा कि वे व्यवसाय को ही प्रमुखता देते है क्योंकि ये ही उनका रोजगार है. साथ ही ईटीवी संवाददाता ने प्रसिद्ध बाल मिठाई कैसे तैयार की जाती है उस बारे में भी जानकारी ली और रोजाना कितनी मिठाई बिकती है इस बारे में भी व्यवसायियों से जाना, क्योंकि अल्मोड़ा शहर पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत के मध्य में पड़ता है जहां से गुजरने वाले लोग यहां से बाल मिठाई खरीदना नहीं भूलते.