ऋषिकेश: हरिद्वार हरकी पैड़ी ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे के लिए पुराना स्थान देने की मांग को लेकर अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने ऋषिकेश के मायाकुंड से देहरादून कूच किया था. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर ज्ञापन देने का कार्यक्रम रखा था, लेकिन पुलिस ने चंद्रभागा पुल पर ही रोक लिया.
पुलिस द्वारा बीच रास्ते में रोके जाने से नाराज अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने वहीं पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों से बीच काफी देर तक बहस भी हुई. मामला बढ़ता देख नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे. उन्होंने आंदोलनकारियों को समझाया इसके बाद वे शांत हुए. आंदोलनकारियों ने नायब तहसीलदार के माध्यम से पीएम मोदी का ज्ञापन भेजा.
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अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह ने बताया कि साल 1984 से हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी पर गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी को अपने पुरान स्थान पर स्थापित करने की मांग की जा रही है. इसके लिए समय-समय पर धरने प्रदर्शन भी किए गए हैं, लेकिन आज तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया. इससे पता चलता है कि अल्पसंख्यक सिखों की तरफ सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है.
जगजीत सिंह ने कहना है कि केंद्र सरकार ने एक साल में कृषि बिल वापस ले लिया. उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड दो साल बाद भंग कर दिया. यह सब इसलिए हुआ कि सभी संगठनों ने उग्र आंदोलन किया. यदि सरकार उग्र आंदोलन के बाद ही गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी को हरकी पैड़ी पर फिर से स्थापित करेगी तो अकाली दल इसके लिए भी तैयार है.
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वहीं, नायब तहसीलदार अयोध्या उनियाल ने बताया कि अकाली दल ने प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन उन्हें दिया है, जिसे वह सरकार को प्रेषित कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर वापस भेज दिया गया है.
क्या है ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा विवाद: बताया जाता है कि हरिद्वार में हरकी पौड़ी के पास लंढोरा हाउस भवन था. वर्ष 1974 में कुंभ से पूर्व घाट की विस्तारीकरण योजना में यह भवन और अन्य इमारतें ढहा दी गई थीं. इस स्थल पर पुल का निर्माण कर दिया गया. वर्तमान में पुल के नीचे स्काउट एंड गाइड का कार्यालय भी है.