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विज्ञापन के जरिए लाखों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड अब भी फरार

देहरादून में फर्जी कंपनी को चलाने वाला मुख्य आरोपी राघव गुप्ता पुलिस की पकड़ से बाहर है. जिसकी तलाश लगातार जारी है. जानकारी के मुताबिक गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद तीनो लोग देहरादून से दिल्ली फरार हो गए थे

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विज्ञापन के जरिए लाखों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
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Published : Jul 10, 2020, 8:26 PM IST

देहरादून: पुलिस ने राजधानी में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो लोगों से गाड़ी खरीदने की अपील करते हुए किस्त भरने की बात कहकर लोगों को फंसाते थे. पुलिस ने इस मामले में जम्मू कश्मीर के दो लोगों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. ये लोग ग्राहकों को मात्र 20 फीसदी रकम खर्च कर ही नई मोटर-कार दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी को अंजाम देते थे.

हालांकि, अभी इस तरह की फर्जी कंपनी को चलाने वाला मुख्य आरोपी राघव गुप्ता पुलिस की पकड़ से बाहर है. जिसकी तलाश लगातार जारी है. जानकारी के मुताबिक गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद तीनो लोग देहरादून से दिल्ली फरार हो गए थे. जिनमें से पुलिस ने दबिश देकर दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक इंटरनेशनल एडवरटाइजिंग कंपनी नाम से विज्ञापन के जरिए ठगी करने वाला गिरोह इस तरह का प्रचार करता थे, जिसमें यह लिखा रहता था 'गाड़ी खरीदें. आपकी किस्तें हम देंगे'

विज्ञापन के जरिए लाखों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

पढ़ें- विकास दुबे एनकाउंटर: गढ़वाल आईजी ने कहा- यूपी पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहराना सही नहीं

पुलिस की गिरफ्त में आया गिरोह देहरादून में कई लोगों को कार दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर चुका है. 20 प्रतिशत रकम वसूल कर बाकी की 80 प्रतिशत धनराशि कंपनी द्वारा देने का झांसा देते हुए ये लोगों से धोखाधड़ी करते थे. ग्राहकों को संतुष्ट करने के लिए गिरोह के लोग कार डिलीवरी के बाद उसमें 5 साल तक एक विज्ञापन का प्रचार करने की बात कहते थे. उसी विज्ञापन की कमाई से कार की 80 फीसदी धनराशि कार कंपनी को किस्त के रूप में देने की बात कहते थे. पुलिस ने पकड़े गए दोनों अभियुक्तों से एक लग्जरी कार भी बरामद की है.

पढ़ें- ऋषिकेश एम्स: 24 घंटे में छह लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि


मास्टर माइंड राघव गुप्ता अभी भी फरार
इस मामले में गिरोह में शामिल आईटी बीटेक करने वाले अभियुक्त सोहेल अहमद ने बताया कि वह लोग लॉकडाउन से पहले जम्मू कश्मीर से देहरादून घूमने आए थे. इसी दौरान उनके जम्मू के पुराने मित्र राघव गुप्ता से मुलाकात हुई. जहां से इस फर्जी कंपनी की शुरुआत की गई. राजपुर रोड पर नीलकंठ ऑर्केड में ऑफिस खोला गया. जहां से लोगों को विज्ञापन के जरिए मात्र 20 फीसदी रकम पर ही कार दिलाने का झांसा दिया जाता था. अभी तक 10 - 12 लोगों को झांसा देकर 11 लाख से अधिक रकम वसूली गई. पूरे मामले का मास्टर माइंड राघव गुप्ता कंपनी की पूरी रकम लेकर फरार चल रहा है.

पढ़ें- शासन में अधिकारियों की कारस्तानी से मचा हड़कंप, वन विभाग में तबादलों का आदेश निरस्त

देहरादून, डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि कार में विज्ञापन प्रचार करने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के मुख्य आरोपी राघव गुप्ता की तलाश लगातार जारी है. उसकी गिरफ्तारी के बाद पीड़ित लोगों का पैसा वापस दिलाया जाएगा.

देहरादून: पुलिस ने राजधानी में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो लोगों से गाड़ी खरीदने की अपील करते हुए किस्त भरने की बात कहकर लोगों को फंसाते थे. पुलिस ने इस मामले में जम्मू कश्मीर के दो लोगों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. ये लोग ग्राहकों को मात्र 20 फीसदी रकम खर्च कर ही नई मोटर-कार दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी को अंजाम देते थे.

हालांकि, अभी इस तरह की फर्जी कंपनी को चलाने वाला मुख्य आरोपी राघव गुप्ता पुलिस की पकड़ से बाहर है. जिसकी तलाश लगातार जारी है. जानकारी के मुताबिक गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद तीनो लोग देहरादून से दिल्ली फरार हो गए थे. जिनमें से पुलिस ने दबिश देकर दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक इंटरनेशनल एडवरटाइजिंग कंपनी नाम से विज्ञापन के जरिए ठगी करने वाला गिरोह इस तरह का प्रचार करता थे, जिसमें यह लिखा रहता था 'गाड़ी खरीदें. आपकी किस्तें हम देंगे'

विज्ञापन के जरिए लाखों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

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पुलिस की गिरफ्त में आया गिरोह देहरादून में कई लोगों को कार दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर चुका है. 20 प्रतिशत रकम वसूल कर बाकी की 80 प्रतिशत धनराशि कंपनी द्वारा देने का झांसा देते हुए ये लोगों से धोखाधड़ी करते थे. ग्राहकों को संतुष्ट करने के लिए गिरोह के लोग कार डिलीवरी के बाद उसमें 5 साल तक एक विज्ञापन का प्रचार करने की बात कहते थे. उसी विज्ञापन की कमाई से कार की 80 फीसदी धनराशि कार कंपनी को किस्त के रूप में देने की बात कहते थे. पुलिस ने पकड़े गए दोनों अभियुक्तों से एक लग्जरी कार भी बरामद की है.

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मास्टर माइंड राघव गुप्ता अभी भी फरार
इस मामले में गिरोह में शामिल आईटी बीटेक करने वाले अभियुक्त सोहेल अहमद ने बताया कि वह लोग लॉकडाउन से पहले जम्मू कश्मीर से देहरादून घूमने आए थे. इसी दौरान उनके जम्मू के पुराने मित्र राघव गुप्ता से मुलाकात हुई. जहां से इस फर्जी कंपनी की शुरुआत की गई. राजपुर रोड पर नीलकंठ ऑर्केड में ऑफिस खोला गया. जहां से लोगों को विज्ञापन के जरिए मात्र 20 फीसदी रकम पर ही कार दिलाने का झांसा दिया जाता था. अभी तक 10 - 12 लोगों को झांसा देकर 11 लाख से अधिक रकम वसूली गई. पूरे मामले का मास्टर माइंड राघव गुप्ता कंपनी की पूरी रकम लेकर फरार चल रहा है.

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देहरादून, डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि कार में विज्ञापन प्रचार करने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के मुख्य आरोपी राघव गुप्ता की तलाश लगातार जारी है. उसकी गिरफ्तारी के बाद पीड़ित लोगों का पैसा वापस दिलाया जाएगा.

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