देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में फ्री बिजली और अन्य योजनाओं के दम पर विधानसभा चुनाव में उतरी आप पार्टी के नेता अब धीरे-धीरे राजनीतिक गलियारों से गायब होते जा रहे हैं. विधानसभा चुनाव में आप पार्टी से सीएम फेस रहे कर्नल अजय कोठियाल (Colonel Ajay Kothiyal) विधानसभा चुनाव हारने के बाद सक्रिय नजर नहीं (Ajay Kothiyal not active in politics) आ रहे हैं. इससे चर्चा होने लगी है कि कर्नल अजय कोठियाल का राजनीतिक सफर (Political Journey of Colonel Ajay Kothiyal) बस यहीं तक था.
(रि) कर्नल अजय कोठियाल को आम आदमी पार्टी की ओर से गंगोत्री विधानसभा से चुनाव लड़ाया गया था. पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा भी घोषित किया. आम आदमी पार्टी को उम्मीद थी कि ईमानदार छवि के कर्नल अजय कोठियाल के दम पर वह प्रदेश में अपने लिए जमीन तलाश कर दिल्ली की तरह जीत दर्ज करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और प्रदेश की 2 सीटों को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए. हैरानी की बात ये है कि पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरा अजय कोठियाल को भी करारी हार झेलनी पड़ी. उनकी भी जमानत जब्त हुई. उसके बाद से कर्नल कोठियाल पार्टी के कार्यक्रमों से नदारद नजर आ रहे हैं.
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो आम आदमी पार्टी हाईकमान भी अब कर्नल पर ज्यादा भरोसा नहीं जता रहा है. यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के नई प्रदेश कार्यकारिणी में भी कर्नल अजय कोठियाल को जगह नहीं मिल पाई. जबकि कुछ दिन पूर्व कांग्रेस छोड़ चुके जोत सिंह बिष्ट को आप की प्रदेश कार्यकारिणी में अहम जिम्मेदारी से नवाजा गया है. हालांकि, पार्टी नेताओं का कहना है कि प्रदेश में अभी भी कर्नल अजय कोठियाल पार्टी के सर्वमान्य नेता हैं, उनका स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह सक्रिय नहीं हैं. सूत्रों की मानें तो चुनावी हार के बाद कर्नल से पार्टी की शक्तियों को छीन लिया गया है. वहीं, भाजपा का कहना है कि आप का प्रदेश में कोई अस्तित्व नहीं था. इसलिए प्रदेश की जनता उन्हें जवाब दे चुकी है.