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Doon Stone Pelting Case: बॉबी पंवार समेत 7 लोग जेल से रिहा, अब नहीं कर पाएंगे आंदोलन, फंडिंग देने वाला खाता फ्रीज - उत्तराखंड पेपर लीक केस

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार और उसके सात साथियों की जमानत पर 15 फरवरी को कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को जमानत दे दी है. साथ में कुछ शर्तें भी रखी गईं हैं जिनको पूरा करना जरूरी होगा. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों को फंडिंग करने वाले बैंक खाते को फ्रीज किया गया है.

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Published : Feb 15, 2023, 5:25 PM IST

Updated : Feb 15, 2023, 9:13 PM IST

बॉबी पंवार समेत 7 लोग जेल से रिहा

देहरादून: उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार और उसके सात साथियों को कोर्ट ने जमानत दे दी है. बॉबी पंवार पर पुलिस पर पथराव और उपद्रव फैलाने का आरोप है. बॉबी पंवार समेत 13 युवाओं को पुलिस ने बीते 9 फरवरी को गिरफ्तार किया था. शनिवार 11 फरवरी को 6 आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन बॉबी पंवार समेत 7 लोगों को कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाई थी. वहीं, कोर्ट का आदेश मिलने के बाद बॉबी पंवार समेत सभी सात लोग जेल से रिहा कर दिए गए. इसके बाद बॉबी बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद अदा किया.

देहरादून की सीजेएम कोर्ट में बॉबी पंवार समेत सात आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद कोर्ट ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार समेत सातों आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर कर ली. बचाव पक्ष के अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल ने कहा कि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान युवाओं पर लगी धारा 307 को हटाने के निर्देश दिए और जमानत को मंजूर कर लिया हैं. कल तक बॉबी पंवार समेत उनके साथियों की रिहाई हो जाएगी.

बॉबी पंवार समेत सात को कोर्ट ने दी जमानत.

शर्तों के साथ जमानत: कोर्ट ने शर्तों के साथ बॉबी पंवार, रमेश तोमर, लुसुन, हरिओम भट्ट, नितिन दत्त और राम कंडवाल को 30-30 हजार के बॉन्ड पर जमानत मिली है. इसके साथ ही ये लोग किसी उग्र आंदोलन में भाग नहीं लें सकेंगे. साथ ही सरकारी संपत्ति को क्षति नहीं पहुंचाने और आंदोलन नहीं करने एवं बिना अनुमति के सार्वजनिक स्थल पर धरना प्रदर्शन करने की मनाही होगी.
पढ़ें- Dehradun Stone Pelting: पत्थरबाजों की तस्वीरें पुलिस ने की जारी, 10 उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

वहीं, पुलिस ने बॉबी पंवार के पुराने क्रिमिनल रिकॉर्ड को भी कोर्ट में पेश किया. इसके अलावा पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं. पत्थरबाजों को फंडिंग देने वाले बैंक खाते के बारे में पुलिस को अहम जानकारी हाथ लगी है. पत्थरबाजों को जिस बैंक खाते से फंडिंग हो रही थी, वो एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) का बताया जा रहा है. खाते खुलवाने वाले कुछ लोग बाहरी बताए जा रहे हैं. पुलिस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है. डीआईजी देहरादून के मुताबिक यह संदिग्ध फंडिंग खाता कुछ व्यक्तियों या किसी संगठन का भी हो सकता है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

फंडिंग करने वाला बैंक खाता फ्रीज: आईजी गढ़वाल केएस नगन्याल का कहना है कि पथराव करने वाले युवाओं की पहचान हो चुकी है. युवाओं को फंडिंग करने वाले बैंक खातों को फ्रीज किया गया है. युवाओं को फंडिंग करने वालों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है. देहरादून की कुछ कोचिंग की भूमिका भी संदिग्ध मिली है, उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है. उनका कहना है कि प्रदर्शन के दौरान पथराव करने वालों के बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस दिया जा रहा है. पूरे मामले में पुलिस ने सख्त कानूनी कार्रवाई कर रही है, ताकि उपद्रव करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके.

जानें पूरा घटनाक्रम: बता दें कि बीते 9 फरवरी को उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में युवा देहरादून के घंटाघर पर एकत्र हुए थे, जहां पर वो भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधली की सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे. इस दौरान कुछ पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को जबरदस्ती वहां से हटाने का प्रयास किया तो कुछ लोगों ने पुलिस पथराव कर दिया है. जिससे पूरे इलाके का माहौल तनावपूर्ण हो गया था. वहीं, पथराव के बाद पुलिस को भी लाठीचार्ज करना पड़ा.

इस घटना के बाद पुलिस ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. जिसमें 6 आरोपियों को बीते शनिवार को कोर्ट से जमानत मिल गई थी. वहीं, बॉबी पंवार समेत बाकी 7 आरोपियों को आज 15 फरवरी को कोर्ट से जमानत मिल गई है.
पढ़ें- Dehradun Lathicharge: बॉबी पंवार की रिहाई के लिए कांग्रेस ने किया सचिवालय कूच, पुलिस ने रोका

बता दें कि देहरादून पुलिस ने पथराव करने वाले कुछ लोगों के फोटो भी सार्वजनिक किए हैं, जिनकी पुलिस ने पहचान कर ली और उन पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है. बॉबी पंवार और उसके साथियों की रिहाई और उसके खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों को वापस लेने की मांग करते हुए कांग्रेस भी सरकार के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है. बता दें कि पथराव मामले में पुलिस ने धारा 147, 186, 188, 307, 332, 341, 353, 427, 324 के साथ 3/4 लोक संपत्ति निवारण अधिनियम और 7 क्रिमिनल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है जिसकी जांच जारी है.

बॉबी पंवार समेत 7 लोग जेल से रिहा

देहरादून: उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार और उसके सात साथियों को कोर्ट ने जमानत दे दी है. बॉबी पंवार पर पुलिस पर पथराव और उपद्रव फैलाने का आरोप है. बॉबी पंवार समेत 13 युवाओं को पुलिस ने बीते 9 फरवरी को गिरफ्तार किया था. शनिवार 11 फरवरी को 6 आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन बॉबी पंवार समेत 7 लोगों को कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाई थी. वहीं, कोर्ट का आदेश मिलने के बाद बॉबी पंवार समेत सभी सात लोग जेल से रिहा कर दिए गए. इसके बाद बॉबी बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद अदा किया.

देहरादून की सीजेएम कोर्ट में बॉबी पंवार समेत सात आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद कोर्ट ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार समेत सातों आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर कर ली. बचाव पक्ष के अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल ने कहा कि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान युवाओं पर लगी धारा 307 को हटाने के निर्देश दिए और जमानत को मंजूर कर लिया हैं. कल तक बॉबी पंवार समेत उनके साथियों की रिहाई हो जाएगी.

बॉबी पंवार समेत सात को कोर्ट ने दी जमानत.

शर्तों के साथ जमानत: कोर्ट ने शर्तों के साथ बॉबी पंवार, रमेश तोमर, लुसुन, हरिओम भट्ट, नितिन दत्त और राम कंडवाल को 30-30 हजार के बॉन्ड पर जमानत मिली है. इसके साथ ही ये लोग किसी उग्र आंदोलन में भाग नहीं लें सकेंगे. साथ ही सरकारी संपत्ति को क्षति नहीं पहुंचाने और आंदोलन नहीं करने एवं बिना अनुमति के सार्वजनिक स्थल पर धरना प्रदर्शन करने की मनाही होगी.
पढ़ें- Dehradun Stone Pelting: पत्थरबाजों की तस्वीरें पुलिस ने की जारी, 10 उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

वहीं, पुलिस ने बॉबी पंवार के पुराने क्रिमिनल रिकॉर्ड को भी कोर्ट में पेश किया. इसके अलावा पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं. पत्थरबाजों को फंडिंग देने वाले बैंक खाते के बारे में पुलिस को अहम जानकारी हाथ लगी है. पत्थरबाजों को जिस बैंक खाते से फंडिंग हो रही थी, वो एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) का बताया जा रहा है. खाते खुलवाने वाले कुछ लोग बाहरी बताए जा रहे हैं. पुलिस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है. डीआईजी देहरादून के मुताबिक यह संदिग्ध फंडिंग खाता कुछ व्यक्तियों या किसी संगठन का भी हो सकता है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

फंडिंग करने वाला बैंक खाता फ्रीज: आईजी गढ़वाल केएस नगन्याल का कहना है कि पथराव करने वाले युवाओं की पहचान हो चुकी है. युवाओं को फंडिंग करने वाले बैंक खातों को फ्रीज किया गया है. युवाओं को फंडिंग करने वालों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है. देहरादून की कुछ कोचिंग की भूमिका भी संदिग्ध मिली है, उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है. उनका कहना है कि प्रदर्शन के दौरान पथराव करने वालों के बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस दिया जा रहा है. पूरे मामले में पुलिस ने सख्त कानूनी कार्रवाई कर रही है, ताकि उपद्रव करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके.

जानें पूरा घटनाक्रम: बता दें कि बीते 9 फरवरी को उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में युवा देहरादून के घंटाघर पर एकत्र हुए थे, जहां पर वो भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधली की सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे. इस दौरान कुछ पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को जबरदस्ती वहां से हटाने का प्रयास किया तो कुछ लोगों ने पुलिस पथराव कर दिया है. जिससे पूरे इलाके का माहौल तनावपूर्ण हो गया था. वहीं, पथराव के बाद पुलिस को भी लाठीचार्ज करना पड़ा.

इस घटना के बाद पुलिस ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. जिसमें 6 आरोपियों को बीते शनिवार को कोर्ट से जमानत मिल गई थी. वहीं, बॉबी पंवार समेत बाकी 7 आरोपियों को आज 15 फरवरी को कोर्ट से जमानत मिल गई है.
पढ़ें- Dehradun Lathicharge: बॉबी पंवार की रिहाई के लिए कांग्रेस ने किया सचिवालय कूच, पुलिस ने रोका

बता दें कि देहरादून पुलिस ने पथराव करने वाले कुछ लोगों के फोटो भी सार्वजनिक किए हैं, जिनकी पुलिस ने पहचान कर ली और उन पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है. बॉबी पंवार और उसके साथियों की रिहाई और उसके खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों को वापस लेने की मांग करते हुए कांग्रेस भी सरकार के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है. बता दें कि पथराव मामले में पुलिस ने धारा 147, 186, 188, 307, 332, 341, 353, 427, 324 के साथ 3/4 लोक संपत्ति निवारण अधिनियम और 7 क्रिमिनल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है जिसकी जांच जारी है.

Last Updated : Feb 15, 2023, 9:13 PM IST
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