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कोरोना की दूसरी लहर से उत्तराखंड में उद्योग जगत को 1500 से 2000 करोड़ का नुकसान - कोरोना की दूसरी लहर में व्यापार चौपट

कोरोना ने उद्योग जगत की कमर तोड़ कर रख दी है. कोरोना कर्फ्यू के कारण उद्योग जगत को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

उद्योग जगत
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Published : Jun 4, 2021, 4:40 PM IST

Updated : Jun 4, 2021, 10:05 PM IST

देहरादून: इस साल उद्योग जगत कोरोना की पिछली मार से उभरने की कोशिश कर ही रहा था कि कोविड की दूसरी लहर ने कारोबार की कमर पूरी तरह तोड़ दी. ऐसे में करोबारियों के सामने कई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. मोटे तौर पर देखा जाए तो इस साल उत्तराखंड में कारोबारियों ने 1500 से 2000 करोड़ रुपये के नुकसान होने की आशंका जताई है. हालांकि अब कोरोना की रफ्तार कम होने पर स्थिति थोड़ा सामान्य होने लगी है, जिससे थोड़ी उम्मीद जगी है.

कोरोना की दूसरी लहर में उद्योग जगत की सांसें उखड़ी

करोबारियों की मानें तो बीते डेढ़ साल से उनका कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. बीते साल गर्मी से ही कोरोना का प्रकोप होने से पूरा बाजार बंद है. इस बार भी वही हाल है. अगर एक साल तक स्थितियां सामान्य रहती हैं तो ही उद्योग जगत अपने पैरों पर खड़ा हो पाएगा.

पढ़ें- कोरोना की मार: वित्तीय वर्ष में प्रदेश को दो महीने में हुआ एक हजार करोड़ का नुकसान

पिछले साल अनलॉक के दौरान केंद्र सरकार से मिली राहत के बाद धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियां शुरू होने लगी थीं. छोटे व्यापारियों के साथ बड़े उद्योगों ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी थी और वो अपनी आर्थिकी को मजबूत करने में जुट गये थे. लेकिन इस साल अप्रैल में जैसे ही कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी, फिर से सभी तरह की गतिविधियों पर ब्रेक लग गया और पटरी पर आया उद्योग जगत फिर से डामाडोल हो गया.

इस साल भी भारी नुकसान की आशंका

इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि अभी तक उद्योग जगत को 1500 से 2000 हजार करोड़ तक का नुकसान हो चुका है, जिसकी मुख्य वजह यह है कि उद्योगों को या तो रॉ मटेरियल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है या तो कई गुने दामों पर रॉ मटेरियल मिल रहे हैं. यही नहीं लेबरों की कमी और बाजार बंद होने की वजह से उद्योग पूरी तरह से प्रोडक्शन नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते उद्योग जगत को काफी नुकसान हो रहा है.

पढ़ें- रोजगार मेला भी दूर नहीं कर पाया बेरोजगारी, एक साल में सिर्फ 455 को नौकरी

उद्योगों को खड़ा होने में कम से कम एक साल का वक्त लगेगा

इसके साथ ही तमाम उद्योग ऐसे भी हैं, जहां ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है. लेकिन ऑक्सीजन की उपलब्धता न होने के चलते प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है, जिसमें स्मॉल, मीडियम और वृहद इंडस्ट्रीज शामिल हैं. पंकज गुप्ता के मुताबिक वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक से जुड़े इंडस्ट्रीज काफी प्रभावित हुई हैं. क्योंकि मार्केट पूरी तरह बंद हैं और यही सीजन होता है जिसमें एसी, फ्रिज और कूलर की बिक्री होती है. ऐसे में इन उद्योगों को खड़ा होने में कम से कम एक साल का वक्त लगेगा.

पढ़ें- केंद्र सरकार ने टीईटी प्रमाण पत्र को आजीवन मान्यता देने का किया ऐलान

कोरोना की दूसरी लहर में उघोग जगत को कितना नुकसान हुआ है, इस बारे में उत्तराखंड सरकार के उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इसका अभी सही आकलन नहीं हो पाया है. लेकिन उद्योग जगत से जुड़े लोगों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले माह तक उद्योगों को करीब 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है, लेकिन राज्य सरकार की कोशिश है कि उद्योग जगत अपना प्रोडक्शन बढ़ाए ताकि अपने नुकसान की प्रतिपूर्ति कर सके.

पढ़ें- कोविड में अनाथ हुए बच्चों को उत्तराखंड सरकार देगी प्रति माह 3000 रुपए

प्रदेश में उद्योगों की स्थिति

  • उत्तराखंड में वर्तमान समय में 67,726 एमएसएमई हैं. इनमें 14187.99 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश है.
  • इन सभी एमएसएमई से 3,39,841 लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है.
  • इसके साथ ही प्रदेश में 329 वृहद औद्योगिक इकाई हैं, जिसमें 37957.94 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश है.
  • वृहद औद्योगिक इकाई से 1,11,451 लोगों को रोजगार मिल रहा है.
  • प्रदेश में कुल 68,055 इंडस्ट्रीज हैं, जिनसे 4,51,292 लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है.

जिलों में मौजूद मुख्य उद्यमों की स्थिति

  • उत्तराखंड में मुख्य रूप से 5 जिलों में ही इंडस्ट्रीज स्थापित हैं. इनमें देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, पौड़ी गढ़वाल और नैनीताल शामिल हैं. देहरादून जिले में खाद्य प्रसंस्करण, जूता निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवा उद्योग और भारी मशीनरी के उद्योग स्थापित हैं.
  • हरिद्वार जिले में ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट, एफएमसीजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, भारी मशीनरी, दवा उद्योग, पैकेजिंग सामग्री, वस्त्र उद्योग यूनिट, प्लास्टिक की बोतलों, स्टील और कांच के सामान संबंधी उद्योग स्थापित हैं.
  • उधमसिंह नगर जिले में खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट, एफएमसीजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, स्टील, प्लास्टिक कंटेनर, कांच का सामान और कालीन संबंधी उद्योग स्थापित है.
  • पौड़ी गढ़वाल जिले में इलेक्ट्रॉनिक, इस्पात बार निर्माण इकाइयों के मुख्य उद्यम स्थापित हैं. इसी तरह नैनीताल जिले में इलेक्ट्रॉनिक, कागज, एलपीजी और बोटलिंग प्लांट के मुख्य उद्यम स्थापित हैं.

देहरादून: इस साल उद्योग जगत कोरोना की पिछली मार से उभरने की कोशिश कर ही रहा था कि कोविड की दूसरी लहर ने कारोबार की कमर पूरी तरह तोड़ दी. ऐसे में करोबारियों के सामने कई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. मोटे तौर पर देखा जाए तो इस साल उत्तराखंड में कारोबारियों ने 1500 से 2000 करोड़ रुपये के नुकसान होने की आशंका जताई है. हालांकि अब कोरोना की रफ्तार कम होने पर स्थिति थोड़ा सामान्य होने लगी है, जिससे थोड़ी उम्मीद जगी है.

कोरोना की दूसरी लहर में उद्योग जगत की सांसें उखड़ी

करोबारियों की मानें तो बीते डेढ़ साल से उनका कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. बीते साल गर्मी से ही कोरोना का प्रकोप होने से पूरा बाजार बंद है. इस बार भी वही हाल है. अगर एक साल तक स्थितियां सामान्य रहती हैं तो ही उद्योग जगत अपने पैरों पर खड़ा हो पाएगा.

पढ़ें- कोरोना की मार: वित्तीय वर्ष में प्रदेश को दो महीने में हुआ एक हजार करोड़ का नुकसान

पिछले साल अनलॉक के दौरान केंद्र सरकार से मिली राहत के बाद धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियां शुरू होने लगी थीं. छोटे व्यापारियों के साथ बड़े उद्योगों ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी थी और वो अपनी आर्थिकी को मजबूत करने में जुट गये थे. लेकिन इस साल अप्रैल में जैसे ही कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी, फिर से सभी तरह की गतिविधियों पर ब्रेक लग गया और पटरी पर आया उद्योग जगत फिर से डामाडोल हो गया.

इस साल भी भारी नुकसान की आशंका

इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि अभी तक उद्योग जगत को 1500 से 2000 हजार करोड़ तक का नुकसान हो चुका है, जिसकी मुख्य वजह यह है कि उद्योगों को या तो रॉ मटेरियल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है या तो कई गुने दामों पर रॉ मटेरियल मिल रहे हैं. यही नहीं लेबरों की कमी और बाजार बंद होने की वजह से उद्योग पूरी तरह से प्रोडक्शन नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते उद्योग जगत को काफी नुकसान हो रहा है.

पढ़ें- रोजगार मेला भी दूर नहीं कर पाया बेरोजगारी, एक साल में सिर्फ 455 को नौकरी

उद्योगों को खड़ा होने में कम से कम एक साल का वक्त लगेगा

इसके साथ ही तमाम उद्योग ऐसे भी हैं, जहां ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है. लेकिन ऑक्सीजन की उपलब्धता न होने के चलते प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है, जिसमें स्मॉल, मीडियम और वृहद इंडस्ट्रीज शामिल हैं. पंकज गुप्ता के मुताबिक वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक से जुड़े इंडस्ट्रीज काफी प्रभावित हुई हैं. क्योंकि मार्केट पूरी तरह बंद हैं और यही सीजन होता है जिसमें एसी, फ्रिज और कूलर की बिक्री होती है. ऐसे में इन उद्योगों को खड़ा होने में कम से कम एक साल का वक्त लगेगा.

पढ़ें- केंद्र सरकार ने टीईटी प्रमाण पत्र को आजीवन मान्यता देने का किया ऐलान

कोरोना की दूसरी लहर में उघोग जगत को कितना नुकसान हुआ है, इस बारे में उत्तराखंड सरकार के उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इसका अभी सही आकलन नहीं हो पाया है. लेकिन उद्योग जगत से जुड़े लोगों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले माह तक उद्योगों को करीब 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है, लेकिन राज्य सरकार की कोशिश है कि उद्योग जगत अपना प्रोडक्शन बढ़ाए ताकि अपने नुकसान की प्रतिपूर्ति कर सके.

पढ़ें- कोविड में अनाथ हुए बच्चों को उत्तराखंड सरकार देगी प्रति माह 3000 रुपए

प्रदेश में उद्योगों की स्थिति

  • उत्तराखंड में वर्तमान समय में 67,726 एमएसएमई हैं. इनमें 14187.99 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश है.
  • इन सभी एमएसएमई से 3,39,841 लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है.
  • इसके साथ ही प्रदेश में 329 वृहद औद्योगिक इकाई हैं, जिसमें 37957.94 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश है.
  • वृहद औद्योगिक इकाई से 1,11,451 लोगों को रोजगार मिल रहा है.
  • प्रदेश में कुल 68,055 इंडस्ट्रीज हैं, जिनसे 4,51,292 लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है.

जिलों में मौजूद मुख्य उद्यमों की स्थिति

  • उत्तराखंड में मुख्य रूप से 5 जिलों में ही इंडस्ट्रीज स्थापित हैं. इनमें देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, पौड़ी गढ़वाल और नैनीताल शामिल हैं. देहरादून जिले में खाद्य प्रसंस्करण, जूता निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवा उद्योग और भारी मशीनरी के उद्योग स्थापित हैं.
  • हरिद्वार जिले में ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट, एफएमसीजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, भारी मशीनरी, दवा उद्योग, पैकेजिंग सामग्री, वस्त्र उद्योग यूनिट, प्लास्टिक की बोतलों, स्टील और कांच के सामान संबंधी उद्योग स्थापित हैं.
  • उधमसिंह नगर जिले में खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट, एफएमसीजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, स्टील, प्लास्टिक कंटेनर, कांच का सामान और कालीन संबंधी उद्योग स्थापित है.
  • पौड़ी गढ़वाल जिले में इलेक्ट्रॉनिक, इस्पात बार निर्माण इकाइयों के मुख्य उद्यम स्थापित हैं. इसी तरह नैनीताल जिले में इलेक्ट्रॉनिक, कागज, एलपीजी और बोटलिंग प्लांट के मुख्य उद्यम स्थापित हैं.
Last Updated : Jun 4, 2021, 10:05 PM IST
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