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इस योजना से मिलेगा 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार, ऐसे उठाएं लाभ - उत्तराखंड स्वरोजगार योजना

उत्तराखंड में युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने 'मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना' की शुरुआत की है. इससे प्रदेश के 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है.

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उत्तराखंड में युवाओं को स्वरोजगार के अवसर होंगे उपलब्ध
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Published : Sep 23, 2020, 8:53 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड के युवाओं, प्रवासियों और किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का शासनादेश जारी कर दिया गया है. जारी किए गए शासनादेश के अनुसार उत्तराखंड के 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत 25 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट आवंटित किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण, अनुदान के लाभ अनुमन्य किये जायेंगे. उत्तराखंड सरकार का तर्क है कि प्रदेश का अधिकांश क्षेत्र पर्वतीय होने की वजह से यहां के निवासियों और कृषकों को रोजगार के समुचित साधन उपलब्ध नहीं हो पाते हैं और ना ही किसानों की अपनी भूमि का सही ढंग से उपयोग हो पाता है. जिससे कृषि खेती बंजर हो रही है. लिहाजा राज्य सरकार ने सीमांत कृषकों और राज्य के बेरोजगार निवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराए जाने को लेकर मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना चलायी है. इसके तहत जो भूमि कृषि योग्य नहीं है वहां पर सोलर पावर प्लांट स्थापित करने को लेकर लोगों को प्रोत्साहित करना है. जिससे ना सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति होगी बल्कि वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत भी विकसित हो सकेंगे.

पढ़ें- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की रफ्तार धीमी, अब तक महज 86 लोगों को मिला लोन

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना प्रदेशभर में लागू होने का आदेश सचिव राधिका झा ने जारी कर दिया है. इस योजना के तहत 25 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाए जा सकेंगे. इस योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति को उत्तराखंड राज्य का निवासी होना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही वह अपनी निजी भूमि या फिर लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट लगा सकेगा. इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए व्यक्तियों को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा. हालांकि फिलहाल उत्तराखंड सरकार ने इस योजना के तहत 10,000 लोगों को लाभ देने का लक्ष्य रखा है.

पढ़ें- दुग्ध एवं डेयरी के क्षेत्र में 7 हजार लोग होंगे लाभांवित, कवायद में जुटी सरकार

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत लाभार्थियों को 25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र दिए जाएंगे. 25 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट को लगाने के लिए डेढ़ से दो नाली यानी 300 वर्ग मीटर भूमि की आवश्यकता होगी. इस क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाए जाने पर करीब 10 लाख का खर्च आएगा. इसके साथ ही हर साल में करीब 38 हजार यूनिट विद्युत का उत्पादन हो सकेगा और इस विद्युत उत्पादन को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों पर उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड 25 साल तक खरीदेगा.

योजना के तहत उत्तराखंड राज्य एवं जिला सहकारी बैंकों द्वारा चयनित लाभार्थियों को अनुमान्यता के आधार पर 8% ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं, योजना में सोलर पावर प्लांट लगाने में आने वाली कुल लागत का 70 प्रतिशत अंश का ही लाभार्थी लोन ले सकेगा. यह लोन 15 साल के लिए होगा.

देहरादून: उत्तराखंड के युवाओं, प्रवासियों और किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का शासनादेश जारी कर दिया गया है. जारी किए गए शासनादेश के अनुसार उत्तराखंड के 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत 25 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट आवंटित किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण, अनुदान के लाभ अनुमन्य किये जायेंगे. उत्तराखंड सरकार का तर्क है कि प्रदेश का अधिकांश क्षेत्र पर्वतीय होने की वजह से यहां के निवासियों और कृषकों को रोजगार के समुचित साधन उपलब्ध नहीं हो पाते हैं और ना ही किसानों की अपनी भूमि का सही ढंग से उपयोग हो पाता है. जिससे कृषि खेती बंजर हो रही है. लिहाजा राज्य सरकार ने सीमांत कृषकों और राज्य के बेरोजगार निवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराए जाने को लेकर मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना चलायी है. इसके तहत जो भूमि कृषि योग्य नहीं है वहां पर सोलर पावर प्लांट स्थापित करने को लेकर लोगों को प्रोत्साहित करना है. जिससे ना सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति होगी बल्कि वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत भी विकसित हो सकेंगे.

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मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना प्रदेशभर में लागू होने का आदेश सचिव राधिका झा ने जारी कर दिया है. इस योजना के तहत 25 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाए जा सकेंगे. इस योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति को उत्तराखंड राज्य का निवासी होना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही वह अपनी निजी भूमि या फिर लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट लगा सकेगा. इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए व्यक्तियों को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा. हालांकि फिलहाल उत्तराखंड सरकार ने इस योजना के तहत 10,000 लोगों को लाभ देने का लक्ष्य रखा है.

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मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत लाभार्थियों को 25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र दिए जाएंगे. 25 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट को लगाने के लिए डेढ़ से दो नाली यानी 300 वर्ग मीटर भूमि की आवश्यकता होगी. इस क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाए जाने पर करीब 10 लाख का खर्च आएगा. इसके साथ ही हर साल में करीब 38 हजार यूनिट विद्युत का उत्पादन हो सकेगा और इस विद्युत उत्पादन को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों पर उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड 25 साल तक खरीदेगा.

योजना के तहत उत्तराखंड राज्य एवं जिला सहकारी बैंकों द्वारा चयनित लाभार्थियों को अनुमान्यता के आधार पर 8% ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं, योजना में सोलर पावर प्लांट लगाने में आने वाली कुल लागत का 70 प्रतिशत अंश का ही लाभार्थी लोन ले सकेगा. यह लोन 15 साल के लिए होगा.

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