चंपावत: आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की कार्यकत्रियों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. कार्यकत्रियों ने अपनी सात सूत्रीय मांगें पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है. संगठन की जिलाध्यक्ष मीना बोहरा और लोहाघाट शाखाध्यक्ष शर्मिला बोहरा के नेतृत्व में कार्यकत्रियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन भी किया है.
क्या है प्रमुख मांगें
- कार्यकत्रियों को काम के बदले उचित दाम मिले.
- १८ हजार रुपए मासिक मानदेय मिले.
- समान कार्य के लिए समान मानदेय होना चाहिए.
- सहायिकाओं को आंगनबाड़ी के मानदेय का ७५ फीसदी मानदेय मिले.
- विभागीय पदोन्नति.
- आयु सीमा का बंधन को समाप्त किया जाए.
- रिक्त पदों पर उसी केंद्र की सहायिकाओं को नियुक्ति मिले.
आदि जैसी मांगों को प्रमुखता से उठाया है. उनका कहना है कि कार्यकत्रियां लगातार आंदोलन कर रही हैं, लेकिन उनकी मांगों को सरकार द्वारा बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सात सूत्रीय मांगों को लेकर चंपावत, बाराकोट और लोहाघाट में भी प्रदर्शन हुआ है.
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कार्यकत्रियों ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि अपनी मांगों को लेकर देहरादून में एक माह से हजारों कार्यकत्रियां धरने पर बैठी हैं. लेकिन सरकार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. कार्यकत्रियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो कार्यकत्रियां उग्र आंदोलन को बाध्य होंगी.