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आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की कार्यकत्रियों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. कार्यकत्रियों ने अपनी मांगें पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है.

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Published : Jan 7, 2020, 11:03 PM IST

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आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का धरना

चंपावत: आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की कार्यकत्रियों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. कार्यकत्रियों ने अपनी सात सूत्रीय मांगें पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है. संगठन की जिलाध्यक्ष मीना बोहरा और लोहाघाट शाखाध्यक्ष शर्मिला बोहरा के नेतृत्व में कार्यकत्रियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन भी किया है.

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का धरना जारी.

क्या है प्रमुख मांगें

  • कार्यकत्रियों को काम के बदले उचित दाम मिले.
  • १८ हजार रुपए मासिक मानदेय मिले.
  • समान कार्य के लिए समान मानदेय होना चाहिए.
  • सहायिकाओं को आंगनबाड़ी के मानदेय का ७५ फीसदी मानदेय मिले.
  • विभागीय पदोन्नति.
  • आयु सीमा का बंधन को समाप्त किया जाए.
  • रिक्त पदों पर उसी केंद्र की सहायिकाओं को नियुक्ति मिले.

आदि जैसी मांगों को प्रमुखता से उठाया है. उनका कहना है कि कार्यकत्रियां लगातार आंदोलन कर रही हैं, लेकिन उनकी मांगों को सरकार द्वारा बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सात सूत्रीय मांगों को लेकर चंपावत, बाराकोट और लोहाघाट में भी प्रदर्शन हुआ है.

ये भी पढ़े: श्रीनगर: क्षेत्र में तीन दिन विद्युत सेवा रहेगी बाधित, बढ़ सकती हैं उपभोक्ताओं की परेशानियां

कार्यकत्रियों ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि अपनी मांगों को लेकर देहरादून में एक माह से हजारों कार्यकत्रियां धरने पर बैठी हैं. लेकिन सरकार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. कार्यकत्रियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो कार्यकत्रियां उग्र आंदोलन को बाध्य होंगी.

चंपावत: आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की कार्यकत्रियों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. कार्यकत्रियों ने अपनी सात सूत्रीय मांगें पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है. संगठन की जिलाध्यक्ष मीना बोहरा और लोहाघाट शाखाध्यक्ष शर्मिला बोहरा के नेतृत्व में कार्यकत्रियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन भी किया है.

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का धरना जारी.

क्या है प्रमुख मांगें

  • कार्यकत्रियों को काम के बदले उचित दाम मिले.
  • १८ हजार रुपए मासिक मानदेय मिले.
  • समान कार्य के लिए समान मानदेय होना चाहिए.
  • सहायिकाओं को आंगनबाड़ी के मानदेय का ७५ फीसदी मानदेय मिले.
  • विभागीय पदोन्नति.
  • आयु सीमा का बंधन को समाप्त किया जाए.
  • रिक्त पदों पर उसी केंद्र की सहायिकाओं को नियुक्ति मिले.

आदि जैसी मांगों को प्रमुखता से उठाया है. उनका कहना है कि कार्यकत्रियां लगातार आंदोलन कर रही हैं, लेकिन उनकी मांगों को सरकार द्वारा बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सात सूत्रीय मांगों को लेकर चंपावत, बाराकोट और लोहाघाट में भी प्रदर्शन हुआ है.

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कार्यकत्रियों ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि अपनी मांगों को लेकर देहरादून में एक माह से हजारों कार्यकत्रियां धरने पर बैठी हैं. लेकिन सरकार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. कार्यकत्रियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो कार्यकत्रियां उग्र आंदोलन को बाध्य होंगी.

Intro:स्लग-चंपावत-कार्य बहिष्कार।
-आंगनबाड़ी कर्मियों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू।
-सात सूत्रीय मांगों को लेकर चंपावत, बाराकोट और लोहाघाट में प्रदर्शन।
एंकर-चंपावत जिले में सात सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका मिनी कर्मचारी संगठन की कार्यकत्रियों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। मांगें पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है। संगठन की जिलाध्यक्ष मीना बोहरा, लोहाघाट शाखाध्यक्ष शर्मिला बोहरा के नेतृत्व में कार्यकत्रियों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया।
Body:कार्यकत्रियों ने काम के बदले उचित दाम देने, १८ हजार रुपये मासिक मानदेय देने, समान कार्य के लिए समान मानदेय देने, सहायिकाओं को आंगनबाड़ी के मानदेय का ७५ फीसदी, विभागीय पदोन्नति करने, आयु सीमा का बंधन समाप्त कर रिक्त पदों पर उसी केंद्र की सहायिकाओं को नियुक्ति देने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया। उनका कहना था कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां आंदोलन कर रही हैं, लेकिन उनकी मांगों की सरासर उपेक्षा की जा रही है। Conclusion:उन्होंने बताया कि मांगों को देहरादून में एक माह से हजारों कार्यकत्रियां धरने में बैठी हैं, लेकिन सरकार उनकी ओर पीठ किए हुए है। चेतावनी दी कि यदि शीघ्र उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो कार्यकत्रियां उग्र आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे।
बाइट एक-दीपा पांडेय, ब्लाक अध्यक्ष।
बाइट दो-सरस्वती, जिलाध्यक्ष।
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