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19 मई को खुलेंगे चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट, 6 माह तक कर सकेंगे दर्शन

पंचकेदारों में से चतुर्थ केदार के नाम से विख्यात भगवान रुद्रनाथ के कपाट 19 मई को खुलेंगे और 17 मई को भगवान रुद्रनाथ की डोली की पूजा-अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोचारण के साथ भक्तों के साथ गोपेश्वर गोपीनाथ से विदा किया जाएगा.

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Published : May 16, 2019, 3:39 PM IST

Updated : May 16, 2019, 5:33 PM IST

रुद्रनाथ मंदिर.

चमोली: सबसे ऊंचे शिव मंदिर रुद्रनाथ भगवान के मंदिर के कपाट खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है. 19 मई को भगवान रुद्रनाथ के कपाट 6 माह के लिए खोल दिए जाएंगे. भगवान रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी इन दिनों कपाट खुलने और भगवान की डोली गोपीनाथ मंदिर से रुद्रनाथ तक पहुंचाने की तैयारियों में जुटे हुए हैं.

पढ़ें- ये सेंटर बनेगा EVM में पारदर्शिता का गवाह, गड़बड़ी की नहीं रहेगी कोई गुंजाइश

गौर हो कि चतुर्थ केदार के नाम से विख्यात भगवान रुद्रनाथ के कपाट बंद होने के बाद भगवान रुद्रनाथ की डोली आम श्रदालुओं के दर्शनों के लिये गोपीनाथ मंदिर के गर्भगृह में रखी जाती है. 17 मई को भगवान रुद्रनाथ की डोली की पूजा-अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोचारण के साथ भक्तों के साथ गोपेश्वर गोपीनाथ से विदा किया जाएगा. सगर गांव से 19 किलोमीटर की चढ़ाई पार करने के बाद 18 मई को भगवान रुद्रनाथ की डोली श्रद्धालुओं के साथ रुद्रनाथ मंदिर में पहुंचेगी.

ब्रह्ममुहूर्त में 19 मई को भगवान रुद्रनाथ के कपाट 6 माह के लिए आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जाएंगे. भगवान रुद्रनाथ के कपाट खुलने के बाद बदरी-केदार की यात्रा पर आए कई श्रद्धालु केदारनाथ भगवान के दर्शनों के बाद उखीमठ चोपता के रास्ते भगवान तुंगनाथ मंदिर के दर्शनों के भी पहुंचते हैं. जिसके लिए उन्हें सगर गांव से पैदल 19 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. बता दें कि रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शिव के मुख भाग के दर्शन होते हैं.

चमोली: सबसे ऊंचे शिव मंदिर रुद्रनाथ भगवान के मंदिर के कपाट खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है. 19 मई को भगवान रुद्रनाथ के कपाट 6 माह के लिए खोल दिए जाएंगे. भगवान रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी इन दिनों कपाट खुलने और भगवान की डोली गोपीनाथ मंदिर से रुद्रनाथ तक पहुंचाने की तैयारियों में जुटे हुए हैं.

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गौर हो कि चतुर्थ केदार के नाम से विख्यात भगवान रुद्रनाथ के कपाट बंद होने के बाद भगवान रुद्रनाथ की डोली आम श्रदालुओं के दर्शनों के लिये गोपीनाथ मंदिर के गर्भगृह में रखी जाती है. 17 मई को भगवान रुद्रनाथ की डोली की पूजा-अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोचारण के साथ भक्तों के साथ गोपेश्वर गोपीनाथ से विदा किया जाएगा. सगर गांव से 19 किलोमीटर की चढ़ाई पार करने के बाद 18 मई को भगवान रुद्रनाथ की डोली श्रद्धालुओं के साथ रुद्रनाथ मंदिर में पहुंचेगी.

ब्रह्ममुहूर्त में 19 मई को भगवान रुद्रनाथ के कपाट 6 माह के लिए आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जाएंगे. भगवान रुद्रनाथ के कपाट खुलने के बाद बदरी-केदार की यात्रा पर आए कई श्रद्धालु केदारनाथ भगवान के दर्शनों के बाद उखीमठ चोपता के रास्ते भगवान तुंगनाथ मंदिर के दर्शनों के भी पहुंचते हैं. जिसके लिए उन्हें सगर गांव से पैदल 19 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. बता दें कि रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शिव के मुख भाग के दर्शन होते हैं.

Intro:हिमालय की पहाड़ियों पर बसे सबसे ऊंचे शिव मंदिर रुद्रनाथ भगवान के मंदिर के कपाट खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है।19 मई को भगवान रुद्रनाथ के कपाट 6 माह के लिए आम श्रदालुओ के लिए ब्रम्हमुहर्त में खोले जाने है ।गोपेश्वर गांव के हक हकूकधारी भगवान रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी इन दिनों कपाट खुलने और भगवान रुद्रनाथ की डोली गोपीनाथ मंदिर से रुद्रनाथ तक पहुंचाने की तैयारियों पर जुटे हुए है । नॉट-विस्वल बाईट-और फोटो मेल से भेजी है


Body: पंचकेदारों में से चतुर्थ केदार के नाम से विश्व मे विख्यात भगवान रुद्रनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने पर भगवान रुद्रनाथ की डोली आम श्रदालुओ के दर्शनों हेतु 6 माह के गोपीनाथ मंदिर के गर्भगृह में रखी जाती है।जिसको कि इन दिनों आम लोगो के दर्शनों के लिए मंदिर की धर्मशाला की तिबारी में रखा जाता है ।कल सुबह 17 मई को भगवान रुद्रनाथ की डोली की पूजा अर्चना मंत्रोचारण व पञ्चांग पूजा के बाद भक्तो के साथ गोपेश्वर गोपीनाथ से विदा किया जाएगा।सगर गांव से 19 किलोमीटर का चढाई का सफर पैदल दुर्गम और जंगली रास्ता पार करने के बाद 18 मई को भगवान रुद्रनाथ की डोली श्रदालूओ के साथ रुद्रनाथ मंदिर में पहुंचेगी।साथ ही ब्रम्हमुहर्त पर 19 मई को भगवान रुद्रनाथ के कपाट 6 माह के लिए आम श्रदालुओ के लिए खोल दिये जाएंगे। बाईट-अनसूया प्रसाद भट्ट-गोपीनाथ रुद्रनाथ मंदिर समिति अध्य्क्ष।


Conclusion:भगवान रुद्रनाथ के कपाट खुलने के बाद बद्री केदार की यात्रा पर आए कई श्रदालू केदारनाथ भगवान के दर्शनों के बाद उखीमठ चोपता के रास्ते बद्रीनाथ की तरफ आते वक्त भगवान तुंगनाथ मंदिर के दर्शनो के साथ साथ सगर गांव से पैदल 19 किलोमीटर का सफर तय कर रुद्रनाथ रुद्रनाथ भी पहुंचते है।बता दे कि रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शिव के मुख भाग के दर्शन होते है।
Last Updated : May 16, 2019, 5:33 PM IST
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