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बुखार से पीड़ित मासूम ने तोड़ा दम, पूरे गांव का कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश

देवाल के ओडर गांव में एक 7 साल की बच्ची को समय से इलाज नहीं मिलने के कारण मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बच्ची बुखार से पीड़ित थी.

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थराली
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Published : May 25, 2021, 8:13 AM IST

थरालीः चमोली के देवाल विकासखंड के दूरस्थ गांव ओडर में एक 7 साल की मासूम बच्ची की बुखार से मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक बच्ची को पिछले दो-तीन दिनों से बुखार आ रहा था. लेकिन सोमवार को जब बच्ची की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो परिजन मासूम को देवाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाए. जहां डाक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्ची ने दम तोड़ दिया था.

बुखार से पीड़ित मासूम ने तोड़ा दम.

ओडर गांव के करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्वास्थ्य केंद्र पिछले 6 महीने से बंद पड़ा है. स्वास्थ्य केंद्र में पूर्व में तैनात फार्मासिस्ट का कोरोना से निधन हो गया था. तब से लेकर आज तक वहां न कोई डॉक्टर और न ही कोई फार्मासिस्ट की नियुक्ति की गई है. जिसके कारण ऑर्डर गांव के लोगों को इलाज के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता है. लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र चल रहा होता तो बच्ची की जान बच सकती थी.

ये भी पढ़ेंः सरकार का दावा, उत्तराखंड में नहीं होगी ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की कमी

वहीं मासूम बच्ची की दो भाई-बहनों को भी बुखार, दस्त की शिकायत पर थराली सामुदायिक स्वास्थ केंद्र लाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है. दोनों बच्चों का रैपिड एंटीजन कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है.

पूरे गांव का टेस्ट कराने के निर्देश

फिलहाल एसडीएम सुधीर कुमार ने एहतियात के तौर पर पूरे गांव का कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश दे दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी गांव में पहुंच गई है.

थरालीः चमोली के देवाल विकासखंड के दूरस्थ गांव ओडर में एक 7 साल की मासूम बच्ची की बुखार से मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक बच्ची को पिछले दो-तीन दिनों से बुखार आ रहा था. लेकिन सोमवार को जब बच्ची की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो परिजन मासूम को देवाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाए. जहां डाक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्ची ने दम तोड़ दिया था.

बुखार से पीड़ित मासूम ने तोड़ा दम.

ओडर गांव के करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्वास्थ्य केंद्र पिछले 6 महीने से बंद पड़ा है. स्वास्थ्य केंद्र में पूर्व में तैनात फार्मासिस्ट का कोरोना से निधन हो गया था. तब से लेकर आज तक वहां न कोई डॉक्टर और न ही कोई फार्मासिस्ट की नियुक्ति की गई है. जिसके कारण ऑर्डर गांव के लोगों को इलाज के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता है. लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र चल रहा होता तो बच्ची की जान बच सकती थी.

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वहीं मासूम बच्ची की दो भाई-बहनों को भी बुखार, दस्त की शिकायत पर थराली सामुदायिक स्वास्थ केंद्र लाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है. दोनों बच्चों का रैपिड एंटीजन कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है.

पूरे गांव का टेस्ट कराने के निर्देश

फिलहाल एसडीएम सुधीर कुमार ने एहतियात के तौर पर पूरे गांव का कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश दे दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी गांव में पहुंच गई है.

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