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आजादी के सात दशक बाद भी सड़क सुविधा से महरूम ग्रामीण, पैदल नापनी पड़ती है दूरी - बुजुर्ग को आया हार्टअटैक

जोशीमठ विकासखंड अंतर्गत गणाई गांव में एक बुजुर्ग व्यक्ति के बीमार होने पर डोली के सहारे मीलों का सफर तय कर सड़क तक पहुंचाया गया. जिसके बाद मरीज को उपचार के लिए बेस अस्पताल श्रीनगर में भर्ती किया गया.

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चमोली
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Published : Jul 12, 2020, 10:22 AM IST

Updated : Jul 12, 2020, 10:37 AM IST

चमोली: आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी प्रदेश के कई गांव सड़क मार्ग से वंचित हैं. जिससे लोगों को मीलों का सफर पैदल तय करना पड़ता है. जिसकी बानगी जोशीमठ विकासखंड अंतर्गत गणाई गांव में देखने को मिली. जहां सड़क सुविधा से महरूम लोगों को मीलों दूरी पैदल नापनी पड़ती है. ताजा तस्वीर सरकार के विकास के दावों की हकीकत बयां कर रही है.

चमोली जिले में स्थित जोशीमठ विकासखंड अंतर्गत गणाई गांव में एक बुजुर्ग व्यक्ति के बीमार होने पर डोली के सहारे मीलों का सफर तय कर सड़क तक पहुंचाया गया. जिसके बाद मरीज को उपचार के लिए बेस अस्पताल श्रीनगर में भर्ती किया गया. जोशीमठ विकासखंड का दूरस्थ गांव गणाई में सड़क मार्ग गांव से सात किलोमीटर दूर है, जो आज तक सड़क से नहीं जुड़ पाया.

गांव के निवासी जगदीश सती ने बताया कि शनिवार को अवतार सिंह (60) की तबीयत अचानक काफी बिगड़ गई. आनन-फानन में ग्रामीणों ने कुर्सी पर डंडे बांधकर उन्हें सात किलोमीटर जंगल के रास्ते से पातालगंगा के पास मुख्य सड़क बदरीनाथ हाइवे तक पहुंचाया. जिसके बाद उन्हें बेस अस्पताल श्रीनगर में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें हार्टअटैक आने की बात कही.

पढ़ें: सीएम त्रिवेंद्र आ रहे आपके द्वार, 13 जुलाई को करेंगे आपसे बात

ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है. बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना ग्रामीणों के लिए चुनौती बना रहता है. पैदल चलने में काफी समय लग जाता है. जिससे कई बार मरीज की स्थिति काफी बिगड़ जाती है. पैदल मार्ग काफी खतरनाक है. इन दिनों बरसात में भूस्खलन का खतरा लगातार बना रहता है. लेकिन वह अपने रोजमर्रा के कामों के लिए इसी रास्ते का प्रयोग करते हैं. वर्तमान समय मे गांव में 220 परिवार रहते हैं. लेकिन आज भी मूलभूत सुविधाओं को लेकर शासन-प्रशासन उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रहा है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

चमोली: आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी प्रदेश के कई गांव सड़क मार्ग से वंचित हैं. जिससे लोगों को मीलों का सफर पैदल तय करना पड़ता है. जिसकी बानगी जोशीमठ विकासखंड अंतर्गत गणाई गांव में देखने को मिली. जहां सड़क सुविधा से महरूम लोगों को मीलों दूरी पैदल नापनी पड़ती है. ताजा तस्वीर सरकार के विकास के दावों की हकीकत बयां कर रही है.

चमोली जिले में स्थित जोशीमठ विकासखंड अंतर्गत गणाई गांव में एक बुजुर्ग व्यक्ति के बीमार होने पर डोली के सहारे मीलों का सफर तय कर सड़क तक पहुंचाया गया. जिसके बाद मरीज को उपचार के लिए बेस अस्पताल श्रीनगर में भर्ती किया गया. जोशीमठ विकासखंड का दूरस्थ गांव गणाई में सड़क मार्ग गांव से सात किलोमीटर दूर है, जो आज तक सड़क से नहीं जुड़ पाया.

गांव के निवासी जगदीश सती ने बताया कि शनिवार को अवतार सिंह (60) की तबीयत अचानक काफी बिगड़ गई. आनन-फानन में ग्रामीणों ने कुर्सी पर डंडे बांधकर उन्हें सात किलोमीटर जंगल के रास्ते से पातालगंगा के पास मुख्य सड़क बदरीनाथ हाइवे तक पहुंचाया. जिसके बाद उन्हें बेस अस्पताल श्रीनगर में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें हार्टअटैक आने की बात कही.

पढ़ें: सीएम त्रिवेंद्र आ रहे आपके द्वार, 13 जुलाई को करेंगे आपसे बात

ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है. बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना ग्रामीणों के लिए चुनौती बना रहता है. पैदल चलने में काफी समय लग जाता है. जिससे कई बार मरीज की स्थिति काफी बिगड़ जाती है. पैदल मार्ग काफी खतरनाक है. इन दिनों बरसात में भूस्खलन का खतरा लगातार बना रहता है. लेकिन वह अपने रोजमर्रा के कामों के लिए इसी रास्ते का प्रयोग करते हैं. वर्तमान समय मे गांव में 220 परिवार रहते हैं. लेकिन आज भी मूलभूत सुविधाओं को लेकर शासन-प्रशासन उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रहा है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

Last Updated : Jul 12, 2020, 10:37 AM IST
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