चमोली: जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव का असर (effect of landslide) अब पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ने लगा है. घरों में दरारें पड़ने के साथ-साथ अब नगर क्षेत्र के होटलों में भी दरारें आने लगी हैं. जोशीमठ नगर के शुरुआत में ही दो बड़े होटल भू धंसाव के चलते आपस में टकरा गए हैं. भू-धंसाव का क्षेत्र बढ़ता देख चमोली डीएम ने मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने सिंचाई विभाग को जोशीमठ में ड्रेनेज प्लान का डीपीआर (DPR of drainage plan in Joshimath) तैयार करने और जल्द से जल्द सुरक्षात्मक कार्य कराने के निर्देश दिए.
जोशीमठ में बढ़ते भू-धंसाव को देखते हुए चमोली जिलाधिकारी हिमांशु खुराना (Chamoli DM Himanshu Khurana) ने मौके का स्थलीय जायजा लिया. इस दौरान डीएम ने भू-धंसाव की वजह से दो होटलों में आई दरारों का निरीक्षण किया. जिसके बाद डीएम ने सिंचाई विभाग को जोशीमठ के ड्रेनेज प्लान का डीपीआर तैयार करते हुए जल्द से जल्द सुरक्षात्मक कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
वहीं, डीएम ने मारवाड़ी पुल से विष्णुप्रयाग तक करीब 1.5 किलोमीटर क्षेत्र में नदी से हो रहे भू-कटाव की रोकथाम के लिए सुरक्षा दीवार (protection wall for prevention of soil erosion) निर्माण के लिए आपदा न्यूनीकरण में प्रस्ताव उपलब्ध करने को कहा. जोशीमठ नगर में हाल ही में हुए भू-धंसाव और मकानों में आई दरारों को लेकर जिलाधिकारी ने स्ट्रक्चरल इंजीनियर से परामर्श लेते हुए तत्काल रूप से सुरक्षात्मक कार्य शुरू करने के निर्देश दिए.
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जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ में मनोहर बाग, सिंग्धार, गांधीनगर, मारवाड़ी सहित विभिन्न वार्ड क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया और संबधित विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. बता दें कि जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई हैं.
भू-धंसाव के कारण लोगों के घरों में दरारें पड़ गई हैं. एक अनुमान के मुताबिक अब तक भू-धंसाव (Landslide in Joshimath) के कारण जोशीमठ में 150 घरों में दरारें (Cracks in 150 houses in Joshimath) पड़ चुकी हैं, जिसके कारण ये घर रहने लायक नहीं बचे हैं. घरों में दरारें पड़ने के कारण कई लोगों ने अपना आशियाना भी छोड़ दिया है.