देहरादूनः राज्य में श्रमिकों के वेतन में 23 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है. इस फैसले से हजारों श्रमिक लाभान्वित होंगे. हालांकि पहले भी कई बार श्रमिकों ने अपना न्यूनतम वेतन को बढ़ाने को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करवाया है. बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्रमिकों के न्यूनतम वेतन को बढ़ाने की घोषणा की थी, जिसके बाद गुरुवार को श्रम विभाग के अधिकारियों ने शासन स्तर पर अंतिम बैठक किया. इस बैठक मे श्रम बोर्ड विभाग ने श्रमिकों के वेतन में करीब 23 फीसदी वेतन बढ़ाने का फैसला लिया है. जल्द ही शासन, सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखेगी.
आपको बता दें, कि प्रदेश में 2013 के बाद श्रमिकों के वेतन में 23 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया गया है. हालांकि पिछले साल ही प्रदेश में न्यूनतम वेतन तय किया जाना था. लेकिन पिछले साल ना हो पाने के बाद इस साल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन को रिवाइज करने को लेकर श्रम विभाग ने अंतिम बोर्ड की बैठक की.
वहीं श्रम विभाग के सचिव हरबंस सिंह चुघ ने बताया कि श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में वृद्धि प्रदेश में 2013 के बाद इस साल होने जा रही है. जिसको लेकर गुरुवार को श्रम बोर्ड की अंतिम बैठक की गई है. जिसमें सभी श्रेणियों के श्रमिकों के वेतन में वृद्धि करने की संस्तुति हुई हैं. इसका प्रस्ताव राज्य सरकार के सामने रखा जाएगा और इसका अंतिम निर्णय राज्य सरकार करेगी. हालांकि श्रमिकों में 59 प्रकार के ट्रेड हैं, जिसमें कुशल, अकुशल और अर्द्धकुशल श्रमिक शामिल हैं.
वहीं श्रम बोर्ड के सदस्य संजय चोपड़ा ने बताया कि प्रदेश की आबादी का ढाई फीसदी आबादी श्रमिक है, जिसमें संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक शामिल हैं. पिछले कई महीनों से श्रमिक अपना न्यूनतम वेतन बढ़ाने की मांग कर रहा था, जिसको लेकर बोर्ड की बैठक में श्रमिकों के न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 8300 रुपये किया गया है.