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बीजेपी के 'संस्कारी' सिपहसलारों के बवाल से कहीं झुलस न जाए 'कमल'!

बीते शुक्रवार को बीजेपी के 'चैंपियन' ने देशराज कर्णवाल को कुश्ती लड़ने की चुनौती दी थी.  जिसके बाद आज चैंपियन' दल बल के साथ नेहरू स्टेडियम पहुंचे. लेकिन देशराज कर्णवाल नहीं आए. चैंपियन ने कर्णवाल को जमकर खरी खोटी सुनाई और अपने काफिले के साथ वहां से आचार संहिता के नियमों को अपने हुटर की आवाज से दबाते चले गए

विधायकों के बवाल से कहीं झुलस न जाए 'कमल'!
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Published : Apr 13, 2019, 8:22 PM IST

Updated : Apr 13, 2019, 9:06 PM IST

देहरादून: देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव का शोर है, लेकिन उत्तराखंड में विवादों के जो सुर इन दिनों उठ रहे हैं वो इस से कहीं इतर हैं. प्रदेश में बीजेपी के दो विधायकों की अदावत आये दिन नया रूप धर कर सामने आ रही है. ये दोनों विधायक हैं खानपुर से कुंवर प्रणव चैंपियन और झबरेड़ा से देशराज कर्णवाल. दोनों की अदावत अब खतरनाक रूप लेती जा रही है. विधायक कर्णवाल ने चैंपियन को फर्जी बताया और कहा कि कभी गुल्ली डंडा भी नहीं खेला तो चैंपियन किस बात का. इस चुनौती पर चैंपियन ने खुलेआम कर्णवाल को ललकारा और अखाड़े में आने की चुनौती और छाती चीर देने की धमकी दी.

विधायकों के बवाल से कहीं झुलस न जाए 'कमल'!


पत्नियों को लोकसभा टिकट दिलाने को लेकर शुरू हुआ ये झगड़ा अब कुश्ती के अखाड़े तक पहुंच गया है. बीते शुक्रवार को बीजेपी के 'चैंपियन' ने देशराज कर्णवाल को कुश्ती लड़ने की चुनौती दी थी. जिसके बाद आज चैंपियन' दल बल के साथ नेहरू स्टेडियम पहुंचे. लेकिन देशराज कर्णवाल नहीं आए. चैंपियन ने कर्णवाल को जमकर खरी खोटी सुनाई और अपने काफिले के साथ वहां से आचार संहिता के नियमों को अपने हुटर की आवाज से दबाते चले गए. चैंपियन की चुनौती पर देशराज कर्णवाल ने भी पलटवार किया. कर्णवाल ने कहा चैंपियन बंदूक के जमाने में कुश्ती लड़ने की बात कर रहे हैं.


गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में टिकट मांगने को लेकर दोनों विधायकों के बीच जंग छिड़ी थी. हरिद्वार लोकसभा सीट पर भाजपा के दोनों विधायकों ने अपनी पत्नियों के लिए टिकट मांगा था. इस दौरान चैंपियन ने सांसद निशंक पर निशाना साधा था. जिसके जवाब में देशराज कर्णवाल ने चैंपियन पर पलटवार किया था. तभी से दोनों विधायकों के बीच जुबानी जंग शुरू हुई जो अब अखाड़े से लेकर बंदूक तक पहुंच गई है.


वहीं अब विपक्ष भी बीजेपी के घर में लगी आग में घी डालने का काम कर रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा को अनुशासनहीन पार्टी करार देते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा है तो वहीं बीजेपी के प्रवक्ता भी अब गाहे-बगाहे इस मामले में कार्रवाई की बात कह रहे हैं.


ऐसे में अब देखने वाली बात ये होगी की चाल,चरित्र और चेहरे के दम पर आगे बढ़ने वाली पार्टी अपने 'संस्कारी' सिपहसलारों के बीच होने वाली इस जंग को खत्म करने के लिए कोई कदम उठाती है या फिर बीजेपी विधायकों के इस बवाल में 'कमल' को झुलसना पड़ेगा.

देहरादून: देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव का शोर है, लेकिन उत्तराखंड में विवादों के जो सुर इन दिनों उठ रहे हैं वो इस से कहीं इतर हैं. प्रदेश में बीजेपी के दो विधायकों की अदावत आये दिन नया रूप धर कर सामने आ रही है. ये दोनों विधायक हैं खानपुर से कुंवर प्रणव चैंपियन और झबरेड़ा से देशराज कर्णवाल. दोनों की अदावत अब खतरनाक रूप लेती जा रही है. विधायक कर्णवाल ने चैंपियन को फर्जी बताया और कहा कि कभी गुल्ली डंडा भी नहीं खेला तो चैंपियन किस बात का. इस चुनौती पर चैंपियन ने खुलेआम कर्णवाल को ललकारा और अखाड़े में आने की चुनौती और छाती चीर देने की धमकी दी.

विधायकों के बवाल से कहीं झुलस न जाए 'कमल'!


पत्नियों को लोकसभा टिकट दिलाने को लेकर शुरू हुआ ये झगड़ा अब कुश्ती के अखाड़े तक पहुंच गया है. बीते शुक्रवार को बीजेपी के 'चैंपियन' ने देशराज कर्णवाल को कुश्ती लड़ने की चुनौती दी थी. जिसके बाद आज चैंपियन' दल बल के साथ नेहरू स्टेडियम पहुंचे. लेकिन देशराज कर्णवाल नहीं आए. चैंपियन ने कर्णवाल को जमकर खरी खोटी सुनाई और अपने काफिले के साथ वहां से आचार संहिता के नियमों को अपने हुटर की आवाज से दबाते चले गए. चैंपियन की चुनौती पर देशराज कर्णवाल ने भी पलटवार किया. कर्णवाल ने कहा चैंपियन बंदूक के जमाने में कुश्ती लड़ने की बात कर रहे हैं.


गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में टिकट मांगने को लेकर दोनों विधायकों के बीच जंग छिड़ी थी. हरिद्वार लोकसभा सीट पर भाजपा के दोनों विधायकों ने अपनी पत्नियों के लिए टिकट मांगा था. इस दौरान चैंपियन ने सांसद निशंक पर निशाना साधा था. जिसके जवाब में देशराज कर्णवाल ने चैंपियन पर पलटवार किया था. तभी से दोनों विधायकों के बीच जुबानी जंग शुरू हुई जो अब अखाड़े से लेकर बंदूक तक पहुंच गई है.


वहीं अब विपक्ष भी बीजेपी के घर में लगी आग में घी डालने का काम कर रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा को अनुशासनहीन पार्टी करार देते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा है तो वहीं बीजेपी के प्रवक्ता भी अब गाहे-बगाहे इस मामले में कार्रवाई की बात कह रहे हैं.


ऐसे में अब देखने वाली बात ये होगी की चाल,चरित्र और चेहरे के दम पर आगे बढ़ने वाली पार्टी अपने 'संस्कारी' सिपहसलारों के बीच होने वाली इस जंग को खत्म करने के लिए कोई कदम उठाती है या फिर बीजेपी विधायकों के इस बवाल में 'कमल' को झुलसना पड़ेगा.

Intro:पत्नियों के टिकट की दावेदारी से शुरू हुई भाजपा विधायकों का विवाद सारी सीमाओं को लांघते हुए चरम सीमा पर पहुच गयी है। हालांकि अभी लोकसभा चुनाव के मतदान हुए दो दिन ही हुए है कि दोनों विधायको का विवाद अब सड़क पर आ गया है। दोनो भाजपा विधायक एक दूसरे पर जुबानी हमलावर है। झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने कुँवर प्रणव सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि जब चैंपियन ने कभी गुल्ली डंडा तक नही खेला तो कैसे हुए चैंपियन, इसी के जवाब में भाजपा विधायक कुँवर प्रणव सिंह चैंपियन ने देशराज को मैदान में आ कर दो-दो हाथ करने की चुनौती तक दे डाली।


Body:गौर हो कि चैंपियन और कर्णवाल के बीच इस विवाद की शुरुआत हरिद्वार लोकसभा सीट के टिकट दावेदारी से हुई थी। दोनो ही विधायको ने अपनी-अपनी पत्नियों के लिए हरिद्वार लोकसभा सीट से दावेदारी कर रहे थे। और टिकट की दावेदारी के चक्कर मे दोनो विधायको के समर्थकों के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया। और टिकट दावेदारी का विवाद बढ़ते बढ़ते फर्जी प्रमाण पत्र बनाने तक जा पहुचा।

वहीं कर्णवाल और चैंपियन के विवादों पर ज्यादा कुछ ना बोलते हुए भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि यह बहुत गंभीर मामला है और इस मामले का संज्ञान पार्टी नेतृत्व ने ले लिया है और इस मसले पर चिंतन चल रहा है। जिसके बाद अब उचित कार्यवाही की जाएगी। साथ ही कहा कि भाजपा में अनुशासन का सर्वाधिक महत्व है। और ऐसी घटनाये अपने आप मे स्वाभायमान नही है।

जहां एक तरफ भाजपा के दोनों विधायकों में जुबानी जंग चल रहा है तो वहीं कांग्रेस भी इस मुद्दे को लपकता नजर आया, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा को अनुशासनहीन पार्टी करार देते हुए कहा कि जब से भाजपा की यह सरकार बनी है तब से कभी मंत्रियों में आपसी टकराव, कही सरकार और विधायकों में टकराव, कही संगठन और सरकार में टकराव जैसे तमाम मामले को देखकर लगता है कि सरकार नाम की कोई चीज नही है। साथ ही बताया कि यह मामला बहुत गंभीर है यह सिर्फ दो विधायको का विवाद नही है। बल्कि फर्जी प्रमाण पत्र का मामला है। क्योकि एक विधायक ने दूसरे विधायक पर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का आरोप लगया है। और इस वजह से सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। और प्रमाण पत्र की जांच कराकर ऐसे फर्जी प्रमाण पत्र लेने वाले विधायको पर कार्यवाही करनी चाहिए।


Conclusion:
Last Updated : Apr 13, 2019, 9:06 PM IST
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