देहरादूनः डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के लक्षणों और बचाव के प्रति आम जनता को जागरूक करने के लिए हर साल में 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है. ऐसे में राजधानी स्थित सीएमओ कार्यालय में डेंगू को लेकर एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया गया. जिसमें आम जनता के साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं को डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के लक्षणों के बारे में बताया गया.
बता दें कि डेंगू मच्छर के काटने से होने वाली एक ऐसी बीमारी है. जिसका यदि समय पर इलाज नहीं किया गया तो किसी व्यक्ति की जान भी जा सकती है. डेंगू पीड़ित व्यक्ति को आमतौर पर तेज बुखार आता है कई बार बुखार को लोग सामान्य बुखार समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसे में तीन-चार दिन बीत जाने के बाद डेंगू का यह वायरस जानलेवा रूप लेने लगता है.
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बीते चार सालों में प्रदेश भर से सामने आए डेंगू के मामलों पर गौर करें तो डेंगू के सबसे अधिक 1,434 मामले साल 2016 में सामने आए थे. वहीं, प्रदेश में 3 लोगों की डेंगू के चलते मौत हो गई थी.
साल 2015 से 2018 के डेंगू के मामले
साल | डेंगू के मामले | मौत |
2015 | 829 | 00 |
2016 | 1,434 | 03 |
2017 | 366 | 00 |
2018 | 314 | 00 |
वहीं, डेंगू के संबंध में जानकारी देते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जितेंद्र सिंह त्यागी ने बताया कि डेंगू का मच्छर हमेशा ही साफ पानी या साफ स्थानों में पैदा होता है. इसकी मच्छर की पहचान यह है कि इस मच्छर में सफेद और काली धारियां नजर आती हैं. मुख्यतः बरसात के बाद पनपने वाले इस खतरनाक जानलेवा मच्छर से बचने के कई उपाय हैं.
इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि हम अपने घरों में किसी भी स्थान पर पानी जमा न होने दें, यदि कहीं पानी जमा होता है तो वहां तुरंत सफाई कर दें अन्यथा इस पानी मे जानलेवा डेंगू मच्छर अपना लारवा छोड़ सकता है.