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डेंगू दिवस के मौके पर कार्यशाला आयोजन, लोगों को किया जागरुक - देहरादून न्यूज

डेंगू दिवस पर सीएमओ कार्यालय में डेंगू को लेकर एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया गया. जिसमें आम जनता के साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं को डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के लक्षणों के बारे में बताया गया.

डेंगू दिवस
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Published : May 16, 2019, 8:22 PM IST

देहरादूनः डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के लक्षणों और बचाव के प्रति आम जनता को जागरूक करने के लिए हर साल में 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है. ऐसे में राजधानी स्थित सीएमओ कार्यालय में डेंगू को लेकर एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया गया. जिसमें आम जनता के साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं को डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के लक्षणों के बारे में बताया गया.

डेंगू दिवस पर की गई जनजागृति.

बता दें कि डेंगू मच्छर के काटने से होने वाली एक ऐसी बीमारी है. जिसका यदि समय पर इलाज नहीं किया गया तो किसी व्यक्ति की जान भी जा सकती है. डेंगू पीड़ित व्यक्ति को आमतौर पर तेज बुखार आता है कई बार बुखार को लोग सामान्य बुखार समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसे में तीन-चार दिन बीत जाने के बाद डेंगू का यह वायरस जानलेवा रूप लेने लगता है.

यह भी पढ़ेंः लोक निर्माण विभाग ने रातों-रात बना दी सड़क, स्थानीय व्यापारियों ने किया विरोध

बीते चार सालों में प्रदेश भर से सामने आए डेंगू के मामलों पर गौर करें तो डेंगू के सबसे अधिक 1,434 मामले साल 2016 में सामने आए थे. वहीं, प्रदेश में 3 लोगों की डेंगू के चलते मौत हो गई थी.

साल 2015 से 2018 के डेंगू के मामले

साल डेंगू के मामले मौत
2015 829 00
2016 1,434 03
2017 366 00
2018 314 00


वहीं, डेंगू के संबंध में जानकारी देते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जितेंद्र सिंह त्यागी ने बताया कि डेंगू का मच्छर हमेशा ही साफ पानी या साफ स्थानों में पैदा होता है. इसकी मच्छर की पहचान यह है कि इस मच्छर में सफेद और काली धारियां नजर आती हैं. मुख्यतः बरसात के बाद पनपने वाले इस खतरनाक जानलेवा मच्छर से बचने के कई उपाय हैं.

इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि हम अपने घरों में किसी भी स्थान पर पानी जमा न होने दें, यदि कहीं पानी जमा होता है तो वहां तुरंत सफाई कर दें अन्यथा इस पानी मे जानलेवा डेंगू मच्छर अपना लारवा छोड़ सकता है.

देहरादूनः डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के लक्षणों और बचाव के प्रति आम जनता को जागरूक करने के लिए हर साल में 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है. ऐसे में राजधानी स्थित सीएमओ कार्यालय में डेंगू को लेकर एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया गया. जिसमें आम जनता के साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं को डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के लक्षणों के बारे में बताया गया.

डेंगू दिवस पर की गई जनजागृति.

बता दें कि डेंगू मच्छर के काटने से होने वाली एक ऐसी बीमारी है. जिसका यदि समय पर इलाज नहीं किया गया तो किसी व्यक्ति की जान भी जा सकती है. डेंगू पीड़ित व्यक्ति को आमतौर पर तेज बुखार आता है कई बार बुखार को लोग सामान्य बुखार समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसे में तीन-चार दिन बीत जाने के बाद डेंगू का यह वायरस जानलेवा रूप लेने लगता है.

यह भी पढ़ेंः लोक निर्माण विभाग ने रातों-रात बना दी सड़क, स्थानीय व्यापारियों ने किया विरोध

बीते चार सालों में प्रदेश भर से सामने आए डेंगू के मामलों पर गौर करें तो डेंगू के सबसे अधिक 1,434 मामले साल 2016 में सामने आए थे. वहीं, प्रदेश में 3 लोगों की डेंगू के चलते मौत हो गई थी.

साल 2015 से 2018 के डेंगू के मामले

साल डेंगू के मामले मौत
2015 829 00
2016 1,434 03
2017 366 00
2018 314 00


वहीं, डेंगू के संबंध में जानकारी देते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जितेंद्र सिंह त्यागी ने बताया कि डेंगू का मच्छर हमेशा ही साफ पानी या साफ स्थानों में पैदा होता है. इसकी मच्छर की पहचान यह है कि इस मच्छर में सफेद और काली धारियां नजर आती हैं. मुख्यतः बरसात के बाद पनपने वाले इस खतरनाक जानलेवा मच्छर से बचने के कई उपाय हैं.

इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि हम अपने घरों में किसी भी स्थान पर पानी जमा न होने दें, यदि कहीं पानी जमा होता है तो वहां तुरंत सफाई कर दें अन्यथा इस पानी मे जानलेवा डेंगू मच्छर अपना लारवा छोड़ सकता है.

Intro:Desk please use the file footage of Doon hospital in the news.

देहरादून- डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के लक्षणों और बचाव के प्रति आम जनता को जागरूक करने के लिए हर साल भारत में 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। राजधानी स्थित मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में कई डेंगू को लेकर एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया गया जिसमें आम जनता के साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं को डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के लक्षणों के बारे में बताया गया ।



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बता दें कि डेंगू मच्छर के काटने के काटने से होने वाली एक ऐसी बीमारी है । जिसका यदि समय पर उपचार नही किया गया तो किसी व्यक्ति की जान भी जा सकती है । डेंगू होने पर आमतौर पर व्यक्ति को तेज बुखार आता है कई बार बुखार को लोग सामान्य बुखार समझकर नजरअंदाज कर देते हैं ऐसे में तीन-चार दिन बीत जाने के बाद डेंगू का यह वायरस खतरनाक जानलेवा रूप लेने लगता हैं।

बीते चार सालों में प्रदेश भर से सामने आए डेंगू के मामलों पर गौर करें तो डेंगू के सबसे अधिक 1434 मामले साल 2016 में सामने आए थे । प्रदेश में 3 लोगों के डेंगू के चलते मौत भी हो गई थी।

साल 2015 से 2018 के डेंगू के मामले

साल डेंगू के मामले मौत

2015 829 00

2016 1434 03

2017 366 00




2018 314 00


Conclusion:वही डेंगू के संबंध में जानकारी देते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जितेंद्र सिंह त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू का मच्छर हमेशा ही साफ पानी या साफ स्थानों में पैदा होता है। इसकी मच्छर की पहचान यह है कि इस मच्छर में सफेद और काली धारियां नजर आती हैं । मुख्यतः बरसात के बाद पनपने वाले इस खतरनाक जानलेवा मच्छर से बचने के कई उपाय है ।

क्योंकि डेंगू मचछर हमेशा साफ पानी में पैदा होता है । इसलिए इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि हम अपने घरों में किसी भी स्थान पर पानी जमा न होने दें । यदि कहीं पानी जमा होता है तो वहां तुरंत सफाई कर दें। अन्यथा इस पानी मे जानलेवा डेंगू मच्छर अपना लारवा छोड़ सकता है ।
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