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जिला अस्पताल ने ऑपरेशन बताकर गर्भवती को किया रेफर, सुविधा विहीन PHC में हुई नॉर्मल डिलीवरी - पीएचसी ताकुला महिला ने बच्चे को जन्म दिया

बागेश्वर जिला अस्पताल ने एक गर्भवती महिला की डिलीवरी करवाने से हाथ खड़े कर दिए. इतना ही नहीं ऑपरेशन की बात कह कर हायर सेंटर अल्मोड़ा रेफर कर दिया. हैरानी की बात ये है कि महिला की सुविधा विहीन पीएचसी ताकुला में नॉर्मल डिलीवरी हुई. ऐसे में परिजन जिला अस्पताल के डॉक्टर से काफी खफा हैं.

Woman gave birth child
गर्भवती की नॉर्मल डिलीवरी
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Published : Apr 20, 2022, 7:00 PM IST

Updated : Apr 20, 2022, 7:20 PM IST

सोमेश्वरः सूबे में जिला अस्पतालों के क्या हाल हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस गर्भवती महिला को जिला अस्पताल ने ऑपरेशन की बात कहकर हायर सेंटर रेफर किया था, उसी गर्भवती महिला की सुविधा विहीन अस्पताल पीएचसी ताकुला में नॉर्मल डिलीवरी हुई है. महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. फिलहाल, जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं. वहीं, परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल ने महिला को रेफर कर उनकी मुसीबतें बढ़ाईं.

जानकारी के मुताबिक, बागेश्वर के चोनोला गांव की गर्भवती दीपा जसन्याल को अचानक प्रसव पीड़ा हुई. जिसके बाद परिजन दीपा को लेकर बागेश्वर जिला अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर दिया, लेकिन बुधवार सुबह करीब 8 बजे दीपा की हालत बिगड़ने लगी. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने डिलीवरी कराने से हाथ खड़े कर दिए. ऑपरेशन से डिलीवरी होने की बात कहकर हायर सेंटर अल्मोड़ा रेफर कर दिया.

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी में जिला अस्पताल के बाहर से दवाइयां खरीद रहे मरीज, डॉक्टर कर रहे मजबूर!

वहीं, परिजन आनन-फानन में दीपा को लेकर अल्मोड़ा जिला अस्पताल की ओर निकले, लेकिन बागेश्वर से अल्मोड़ा जाते समय ताकुला के पास उसकी हालत और बिगड़ने लगी. असहनीय दर्द को देखते हुए वाहन रोककर उसे पीएचसी ताकुला में भर्ती किया. जहां कुछ देर बाद दीपा ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. गनीमत रही कि पीएचसी ताकुला रास्ते में था. जिससे जच्चा और बच्चा दोनों बच पाए.

पीएचसी ताकुला के डॉक्टर एनसी जोशी ने बताया कि महिला को अस्पताल में भर्ती करने के बाद उनकी सामान्य डिलीवरी की गई. महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया है. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. वहीं, महिला के परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल बागेश्वर के डॉक्टरों ने दीपा को 24 घंटे तक अस्पताल में भर्ती रखा. हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल अल्मोड़ा के लिए यह कहकर रेफर किया कि महिला की ऑपरेशन से डिलीवरी होगी.

दीपा जसन्याल के पिता गोपाल सिंह मेहरा ने जिला अस्पताल बागेश्वर की कार्य प्रणाली और डॉक्टरों के रेफर करने के सिस्टम पर हैरानी जताई है. उनका कहना है कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन से बच्चा होने की बात कहकर उन्हें बागेश्वर से हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया. जिससे उन्हें काफी परेशानी हुई. जबकि आधे रास्ते में हालत बिगड़ने पर सुविधा विहीन पीएचसी के स्टाफ ने सामान्य डिलीवरी कर उनकी बेटी और उनके नाती को बचा लिया.

ये भी पढ़ेंः हरिद्वार के निजी अस्पताल में नवजात की मौत, परिजनों ने जमकर किया हंगामा

उनका यह भी कहना है कि अगर वो पीएचसी ताकुला में नहीं रुकते तो हायर सेंटर में ऑपरेशन के नाम पर उन्हें आर्थिक चपत भी लगती. डिलीवरी कराने में डॉक्टर एनसी जोशी, डॉक्टर श्रेया सागर और स्टाफ नर्स पूनम भाकुनी ने सहयोग प्रदान किया. डिलीवरी के बाद महिला को उसके परिजन सकुशल घर वापस ले गए. उन्होंने पीएचसी के स्टाफ का आभार जताया. साथ ही सरकार से अस्पतालों में व्यवस्था बढ़ाने की अपील की.

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सोमेश्वरः सूबे में जिला अस्पतालों के क्या हाल हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस गर्भवती महिला को जिला अस्पताल ने ऑपरेशन की बात कहकर हायर सेंटर रेफर किया था, उसी गर्भवती महिला की सुविधा विहीन अस्पताल पीएचसी ताकुला में नॉर्मल डिलीवरी हुई है. महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. फिलहाल, जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं. वहीं, परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल ने महिला को रेफर कर उनकी मुसीबतें बढ़ाईं.

जानकारी के मुताबिक, बागेश्वर के चोनोला गांव की गर्भवती दीपा जसन्याल को अचानक प्रसव पीड़ा हुई. जिसके बाद परिजन दीपा को लेकर बागेश्वर जिला अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर दिया, लेकिन बुधवार सुबह करीब 8 बजे दीपा की हालत बिगड़ने लगी. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने डिलीवरी कराने से हाथ खड़े कर दिए. ऑपरेशन से डिलीवरी होने की बात कहकर हायर सेंटर अल्मोड़ा रेफर कर दिया.

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वहीं, परिजन आनन-फानन में दीपा को लेकर अल्मोड़ा जिला अस्पताल की ओर निकले, लेकिन बागेश्वर से अल्मोड़ा जाते समय ताकुला के पास उसकी हालत और बिगड़ने लगी. असहनीय दर्द को देखते हुए वाहन रोककर उसे पीएचसी ताकुला में भर्ती किया. जहां कुछ देर बाद दीपा ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. गनीमत रही कि पीएचसी ताकुला रास्ते में था. जिससे जच्चा और बच्चा दोनों बच पाए.

पीएचसी ताकुला के डॉक्टर एनसी जोशी ने बताया कि महिला को अस्पताल में भर्ती करने के बाद उनकी सामान्य डिलीवरी की गई. महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया है. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. वहीं, महिला के परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल बागेश्वर के डॉक्टरों ने दीपा को 24 घंटे तक अस्पताल में भर्ती रखा. हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल अल्मोड़ा के लिए यह कहकर रेफर किया कि महिला की ऑपरेशन से डिलीवरी होगी.

दीपा जसन्याल के पिता गोपाल सिंह मेहरा ने जिला अस्पताल बागेश्वर की कार्य प्रणाली और डॉक्टरों के रेफर करने के सिस्टम पर हैरानी जताई है. उनका कहना है कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन से बच्चा होने की बात कहकर उन्हें बागेश्वर से हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया. जिससे उन्हें काफी परेशानी हुई. जबकि आधे रास्ते में हालत बिगड़ने पर सुविधा विहीन पीएचसी के स्टाफ ने सामान्य डिलीवरी कर उनकी बेटी और उनके नाती को बचा लिया.

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उनका यह भी कहना है कि अगर वो पीएचसी ताकुला में नहीं रुकते तो हायर सेंटर में ऑपरेशन के नाम पर उन्हें आर्थिक चपत भी लगती. डिलीवरी कराने में डॉक्टर एनसी जोशी, डॉक्टर श्रेया सागर और स्टाफ नर्स पूनम भाकुनी ने सहयोग प्रदान किया. डिलीवरी के बाद महिला को उसके परिजन सकुशल घर वापस ले गए. उन्होंने पीएचसी के स्टाफ का आभार जताया. साथ ही सरकार से अस्पतालों में व्यवस्था बढ़ाने की अपील की.

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Last Updated : Apr 20, 2022, 7:20 PM IST
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