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हार्ट केयर सेंटर को लेकर जमकर हो रही राजनीति, खामियाजा भुगत रहे मरीज

अल्मोड़ा में स्थित हार्ट केयर सेंटर बंद होन से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सेंटर को लेकर जमकर सियासत हो रही है. कांग्रेस मामले को लेकर त्रिवेंद्र सरकार पर हमला बोल रही है तो बीजेपी अपने बचाव को तरह-तरह के बयान दे रही है.

हार्ट केयर सेंटर
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Published : Sep 24, 2019, 8:54 PM IST

Updated : Sep 24, 2019, 9:15 PM IST

अल्मोड़ाः हार्ट केयर सेंटर को बंद हुए करीब एक पखवाड़ा बीत चुका है, लेकिन हार्ट केयर सेंटर को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामले को लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी सरकार पर हमलावर है. वहीं, दूसरी ओर सत्तासीन बीजेपी के नेता मुद्दे पर सरकार और खुद का बचाव करने में जुटे हैं. उधर, हार्ट केयर सेंटर बंद हो जाने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

हार्ट केयर सेंटर को लेकर हो रही सियासत.

राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने हार्ट केयर सेंटर के बंद होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उनका कहना है कि बीते तीन सालों से हार्ट केयर सेंटर में कुमाऊं के पहाड़ी जिलों के मरीजों का अच्छा इलाज हुआ है. इलाज को लेकर किसी को शिकायत का मौका नहीं मिला, लेकिन अचानक यहां पर तैनात डॉक्टरों की योग्यता पर सवाल उठाकर हार्ट केयर सेंटर की दी जाने वाली पेमेंट को रोक दिया गया है. जो पूरी तरह गलत है.

ये भी पढ़ेंः अल्मोड़ाः चुनाव में अहम रहेगा सियासी घमासान, जिला पंचायत की 45 सीटों पर होगा दंगल

उन्होंने कहा कि सरकार बहाना बना कर हार्ट केयर सेंटर चलाना ही नहीं चाहती है. क्योंकि, दो साल तक सरकार ने खुद इसका एग्रीमेंट आगे बढ़ाया था. वहीं, स्थानीय विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता की कोई परवाह नहीं है. बल्कि, वो देहरादून की ब्यूरोक्रेसी की सेवा में लगे हैं.

वहीं, जागेश्वर विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी इस मामले में सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार (कांग्रेस) ने काफी कोशिशों के बाद यहां पर हार्ट केयर सेंटर यूनिट की स्थापित किया था, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने उनका पैसा रोक दिया है. जिस कारण सेंटर बंद हो गया. उन्होंने कहा कि असल में सरकार की मंशा ही हार्ट केयर चलाने की नहीं है. वे इस मामले को सदन में उठाएंगे.

ये भी पढ़ेंः प्रदेश में लगभग 17 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार, जागरूकता के लिए चलाया जा रहा अभियान

उधर, अल्मोड़ा विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान का कहना है कि हार्ट केयर सेंटर को सरकार संचालित करने की कोशिश में जुटी है. जिसकी पूरी तैयारी हो चुकी है. एक महीने के भीतर फिजिशियन चार्ज ले लेंगे. मामले को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक वार्ता की है.

उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से कहा गया कि हार्ट सेंटर को सरकार हर महीने 11 लाख का बजट दे रही थी, लेकिन वहां तैनात डॉक्टर हार्ट के स्पेशलिस्ट नहीं थे. बल्कि, डिप्लोमाधारी थे. जिस कारण सरकार ने यह निर्णय लिया. अब सरकार खुद अपने स्तर से जल्द डॉक्टरों की तैनाती कर जल्द हार्ट केयर सेंटर को फिर से संचालित करेगी.

अल्मोड़ाः हार्ट केयर सेंटर को बंद हुए करीब एक पखवाड़ा बीत चुका है, लेकिन हार्ट केयर सेंटर को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामले को लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी सरकार पर हमलावर है. वहीं, दूसरी ओर सत्तासीन बीजेपी के नेता मुद्दे पर सरकार और खुद का बचाव करने में जुटे हैं. उधर, हार्ट केयर सेंटर बंद हो जाने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

हार्ट केयर सेंटर को लेकर हो रही सियासत.

राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने हार्ट केयर सेंटर के बंद होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उनका कहना है कि बीते तीन सालों से हार्ट केयर सेंटर में कुमाऊं के पहाड़ी जिलों के मरीजों का अच्छा इलाज हुआ है. इलाज को लेकर किसी को शिकायत का मौका नहीं मिला, लेकिन अचानक यहां पर तैनात डॉक्टरों की योग्यता पर सवाल उठाकर हार्ट केयर सेंटर की दी जाने वाली पेमेंट को रोक दिया गया है. जो पूरी तरह गलत है.

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उन्होंने कहा कि सरकार बहाना बना कर हार्ट केयर सेंटर चलाना ही नहीं चाहती है. क्योंकि, दो साल तक सरकार ने खुद इसका एग्रीमेंट आगे बढ़ाया था. वहीं, स्थानीय विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता की कोई परवाह नहीं है. बल्कि, वो देहरादून की ब्यूरोक्रेसी की सेवा में लगे हैं.

वहीं, जागेश्वर विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी इस मामले में सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार (कांग्रेस) ने काफी कोशिशों के बाद यहां पर हार्ट केयर सेंटर यूनिट की स्थापित किया था, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने उनका पैसा रोक दिया है. जिस कारण सेंटर बंद हो गया. उन्होंने कहा कि असल में सरकार की मंशा ही हार्ट केयर चलाने की नहीं है. वे इस मामले को सदन में उठाएंगे.

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उधर, अल्मोड़ा विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान का कहना है कि हार्ट केयर सेंटर को सरकार संचालित करने की कोशिश में जुटी है. जिसकी पूरी तैयारी हो चुकी है. एक महीने के भीतर फिजिशियन चार्ज ले लेंगे. मामले को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक वार्ता की है.

उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से कहा गया कि हार्ट सेंटर को सरकार हर महीने 11 लाख का बजट दे रही थी, लेकिन वहां तैनात डॉक्टर हार्ट के स्पेशलिस्ट नहीं थे. बल्कि, डिप्लोमाधारी थे. जिस कारण सरकार ने यह निर्णय लिया. अब सरकार खुद अपने स्तर से जल्द डॉक्टरों की तैनाती कर जल्द हार्ट केयर सेंटर को फिर से संचालित करेगी.

Intro:अल्मोड़ा में हार्टकेयर सेंटर को बंद हुए लगभग एक पखवाड़ा बीत चुका है लेकिन हार्टकेयर सेंटर को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। जहां विपक्षी कांग्रेस लगातार भाजपा सरकार पर इस मुद्दे पर लगातार हमलावर है। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा के नेता इस मामले में सरकार और खुद का बचाव करने में लगे हैं। लेकिन हार्टकेयर सेंटर बंद हो जाने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने हार्टकेयर सेंटर के बंद होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हार्टकेयर सेंटर ने कुमाऊॅ के पहाड़ी जिलों के मरीजों की पिछले तीन सालों में अच्छा इलाज किया कभी भी कोई शिकायत का मौका नहीं मिला। लेकिन अचानक वहां तैनात डाॅक्टरों की योग्यता पर सवाल उठाकर हार्टकेयर सेंटर की दी जाने वाली पेमेंट को रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार का यह बहाना है वह हार्टकेयर सेंटर चलाना ही नहीं चाहती क्योंकि दो साल तक तो सरकार ने खुद इसका एग्रीमेंट आगे बढ़ाया। उन्होंने अल्मोड़ा विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनको अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता की कोई परवाह नहीं है बल्कि वह देहरादून की ब्यूरोके्रसी की सेवा में लगे हैं।
वहीं जागेश्वर विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुन्जवाल ने भी इस मामले में सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछली हमारी सरकार में बहुत कोशिशों के बाद यहां हार्टकेयर सेंटर यूनिट की स्थापित हुई लेकिन सरकार द्वारा उनका पैसा रोक दिया गया जिस कारण यह सेंटर आज बंद हो गया उन्होंने कहा कि असल में सरकार की मंशा ही हार्टकेयर चलाने की नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को सदन में उठायेंगे।
Body:वहीं हार्टकेयर सेंटर के बंद होने पर अल्मोड़ा विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान का कहना है कि हार्टकेयर सेंटर को सरकार संचालित करने की कोशिश में जुटी है। जिसकी पूरी तैयारी हो चुकी है। एक महीने के अंदर यहां पर फिजिशियन चार्ज ले लेंगे। उनका कहना है कि इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक वार्ता की। उनका कहना है कि सरकार की तरफ से कहा गया कि हार्टसेंटर को सरकार हर महीने 11 लाख का बजट दे रही थी, लेकिन वहां तैनात डाॅक्टर हार्ट के स्पेशलिस्ट नहीं थे बल्कि डिप्लोमाधारी थे। जिस कारण सरकार ने यह निर्णय लिया। अब सरकार खुद अपने स्तर से जल्द डाॅक्टरों की तैनाती कर जल्द हार्टकेयर सेंटर को फिर से शुरू करेगी।

बाईट- प्रदीप टम्टा, राज्यसभा सांसद
बाईट- गोविन्द सिंह कुन्जवाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष
बाईट- रघुनाथ सिंह चैहान, विधानसभा उपाध्यक्ष
Conclusion:
Last Updated : Sep 24, 2019, 9:15 PM IST
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