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कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने ऐतिहासिक मल्ला महल का किया निरीक्षण, जीर्णोंद्धार कार्यों को लेकर दिये निर्देश - उत्तराखंड लेटेस्ट न्यूज

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat) ने कहा है कि अल्मोड़ा के ऐतिहासिक मल्ला महल को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जायेगा ताकि यहां पर्यटकों की आवाजाही बढ़े. कुमाऊं कमिश्नर ने मल्ला महल में चल रहे जीर्णोद्धार कार्यों और म्यूजियम गैलरी का भी निरीक्षण किया.

Kumaon Commissioner Deepak Rawat
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत
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Published : May 26, 2022, 5:45 PM IST

Updated : May 27, 2022, 2:48 PM IST

अल्मोड़ा: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat) ने आज अल्मोड़ा में ऐतिहासिक मल्ला महल (Historic Malla Mahal in Almora) को म्यूजियम बनाने को लेकर चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान कुमाऊं कमिश्नर ने संबंधित अधिकारियों को म्यूजियम निर्माण की लगातार मॉनिटरिंग तथा कार्यदायी संस्थाओं को कार्यों को बहुत सावधानी के साथ करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सभी कार्य महल के मूल स्वरूप को कायम रखते हुए किये जाए. साथ ही महल के कार्यों को विषय विशेषज्ञों के माध्यम से करवाया जाए.

इस दौरान कमिश्नर दीपक रावत ने चल रहे कार्य के दौरान कोई भी विषय विशेषज्ञ उपस्थित न होने पर नाराजगी जाहिर की तथा निर्माण एजेंसी को सख्त निर्देश दिए कि कार्य के दौरान प्रत्येक दिन सिविल इंजीनियर की तैनाती हो तथा सभी कार्य उसके दिशा निर्देशन में किए जाएं.

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने ऐतिहासिक मल्ला महल का किया निरीक्षण.

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मीडिया से बातचीत में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि मल्ला महल का जीर्णोंद्धार किया जा रहा है. अल्मोड़ा में विश्व की कई बड़ी हस्तियां पहुची हैं. ऐसे में मल्ला महल को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा. जिससे पर्यटकों की आवाजाही के साथ पर्यटन बढ़े। कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि मुख्यमंत्री चारधाम यात्रा में कनैक्टीविटी जोड़ने के लिए जोर दे रहे हैं. ऐसे में चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए कार्य शुरू किया जाएगा जबकि पार्किंग व्यवस्था दुरूस्त करने के साथ मनमाना किराया वसूलने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, इसके बाद कमिश्नर दीपक रावत ने आगामी 5 जून को होने वाली संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा की तैयारियों को लेकर जिला सभागार में बैठक ली. इस बैठक में डीएम वंदना सिंह समेत परीक्षा केंद्रों के लिए बनाए गए सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट व अन्य अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट संघ लोक सेवा आयोग की गाइडलाइन के अनुसार समस्त तैयारियां करनी सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि सभी परीक्षा केंद्रों पर बिजली, पानी, फर्नीचर जैसी समस्त व्यवस्थाएं दुरुस्त रखें.

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ब्रिटिश कुमाऊं का केंद्र था मल्ला महल: पूर्व में मल्ला महल ब्रिटिश कुमाऊं का केंद्र था. इतिहासकारों के मुताबिक, अंग्रेजों ने ब्रिटिश कुमाऊं को 26 परगनों में बांट रखा था और अंग्रजों ने ही 1819 में पटवारी व्यवस्था की भी शुरुआत की थी. आजादी के बाद मल्ला महल से ही कलक्टरों ने जिले का कामकाज चलाया था. 220 साल तक चंद शासकों ने मल्ला महल से अपना राजकाज चलाथा. वहीं, 1790 में गोरखाओं ने आक्रमण करके इस मल्ला महल पर कब्जा कर लिया था.

इस मल्ला महल की स्थापना चंपावत से आए चंद राजाओं ने 1570 में की थी. 1570 से 1597 तक में चंद शासक राजा रुद्रचंद ने यहां राज्य चलाया. उसके बाद 1790 से 1815 तक गोरखाओं ने यहां राज किया. 1815 में अंग्रेजों ने यहां से ब्रिटिश कुमाऊं की व्यवस्थाएं संचालित की थी. 1815 में एडवर्ड गार्डनर यहां के पहले कमिश्नर बने और 1815 में ही जॉर्ज विलियम ट्रेल यहां असिस्टेंट कमिश्नर नियुक्त किया गया. 1947 से 2022 मल्ला महल से अल्मोड़ा जिले की प्रशासनिक व्यवस्थाएं चलाई गई और अब इस म्यूजियम बनाया जा रहा है.

अल्मोड़ा: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat) ने आज अल्मोड़ा में ऐतिहासिक मल्ला महल (Historic Malla Mahal in Almora) को म्यूजियम बनाने को लेकर चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान कुमाऊं कमिश्नर ने संबंधित अधिकारियों को म्यूजियम निर्माण की लगातार मॉनिटरिंग तथा कार्यदायी संस्थाओं को कार्यों को बहुत सावधानी के साथ करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सभी कार्य महल के मूल स्वरूप को कायम रखते हुए किये जाए. साथ ही महल के कार्यों को विषय विशेषज्ञों के माध्यम से करवाया जाए.

इस दौरान कमिश्नर दीपक रावत ने चल रहे कार्य के दौरान कोई भी विषय विशेषज्ञ उपस्थित न होने पर नाराजगी जाहिर की तथा निर्माण एजेंसी को सख्त निर्देश दिए कि कार्य के दौरान प्रत्येक दिन सिविल इंजीनियर की तैनाती हो तथा सभी कार्य उसके दिशा निर्देशन में किए जाएं.

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने ऐतिहासिक मल्ला महल का किया निरीक्षण.

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मीडिया से बातचीत में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि मल्ला महल का जीर्णोंद्धार किया जा रहा है. अल्मोड़ा में विश्व की कई बड़ी हस्तियां पहुची हैं. ऐसे में मल्ला महल को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा. जिससे पर्यटकों की आवाजाही के साथ पर्यटन बढ़े। कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि मुख्यमंत्री चारधाम यात्रा में कनैक्टीविटी जोड़ने के लिए जोर दे रहे हैं. ऐसे में चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए कार्य शुरू किया जाएगा जबकि पार्किंग व्यवस्था दुरूस्त करने के साथ मनमाना किराया वसूलने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, इसके बाद कमिश्नर दीपक रावत ने आगामी 5 जून को होने वाली संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा की तैयारियों को लेकर जिला सभागार में बैठक ली. इस बैठक में डीएम वंदना सिंह समेत परीक्षा केंद्रों के लिए बनाए गए सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट व अन्य अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट संघ लोक सेवा आयोग की गाइडलाइन के अनुसार समस्त तैयारियां करनी सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि सभी परीक्षा केंद्रों पर बिजली, पानी, फर्नीचर जैसी समस्त व्यवस्थाएं दुरुस्त रखें.

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ब्रिटिश कुमाऊं का केंद्र था मल्ला महल: पूर्व में मल्ला महल ब्रिटिश कुमाऊं का केंद्र था. इतिहासकारों के मुताबिक, अंग्रेजों ने ब्रिटिश कुमाऊं को 26 परगनों में बांट रखा था और अंग्रजों ने ही 1819 में पटवारी व्यवस्था की भी शुरुआत की थी. आजादी के बाद मल्ला महल से ही कलक्टरों ने जिले का कामकाज चलाया था. 220 साल तक चंद शासकों ने मल्ला महल से अपना राजकाज चलाथा. वहीं, 1790 में गोरखाओं ने आक्रमण करके इस मल्ला महल पर कब्जा कर लिया था.

इस मल्ला महल की स्थापना चंपावत से आए चंद राजाओं ने 1570 में की थी. 1570 से 1597 तक में चंद शासक राजा रुद्रचंद ने यहां राज्य चलाया. उसके बाद 1790 से 1815 तक गोरखाओं ने यहां राज किया. 1815 में अंग्रेजों ने यहां से ब्रिटिश कुमाऊं की व्यवस्थाएं संचालित की थी. 1815 में एडवर्ड गार्डनर यहां के पहले कमिश्नर बने और 1815 में ही जॉर्ज विलियम ट्रेल यहां असिस्टेंट कमिश्नर नियुक्त किया गया. 1947 से 2022 मल्ला महल से अल्मोड़ा जिले की प्रशासनिक व्यवस्थाएं चलाई गई और अब इस म्यूजियम बनाया जा रहा है.

Last Updated : May 27, 2022, 2:48 PM IST
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