अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना परिसर से समाजशास्त्र कर रहे छात्र आशीष पंत, मासिक धर्म और महिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में शोध के साथ महिलाओं को जागरूक करने का काम करेंगे. छात्र आशीष पंत ने बताया कि शोध के दौरान उन्होंने पाया कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं आज भी जागरूकता की कमी के चलते महिलाएं सेनेटरी पैड की जगह कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, जिनसे उनको स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं.
आशीष ने बताया कि समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. इला साह के निर्देशन में ग्रामीण क्षेत्रों में महिला मासिक धर्म विषय पर वो लघु शोध करेंगे. इसके लिए उन्होंने अल्मोड़ा के दौलाघट स्थित गुरना गांव को चुना है, जहां तथ्यात्मक अध्ययन के बाद एकत्रित आंकड़ों के आधार पर यह निष्कर्ष निकला कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी महिलाएं मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता को लेकर जागरूक नहीं हैं. कई ऐसी महिलाएं हैं जो मासिक धर्म के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, जिसके कारण ऐसी महिलाओं को कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है.
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शोधार्थी आशीष ने बताया महिलाओं के इसी अज्ञानता को दूर करने के लिए वह 14 फरवरी आज दौलाघट स्थित इंटर कॉलेज में एक शिविर का आयोजन करेंगे. इस दौरान महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित कर उन्हें इसके महत्व से रूबरू कर करेंगे. महिलाओं को जागरूक करने के लिए वो एक डॉक्यूमेंट्री का सहारा लेंगे. इस जागरुकता अभियान को लेकर उन्होंने सीएमओ से बात की है, जिस पर सीएमओ ने उन्हें मदद का भरोसा दिया है.
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सीएमओ ने उन्हें आश्वसन दिया है कि 14 फरवरी यानी आज एक महिला चिकित्सक दल उनके साथ गांव जाएगा. वह इस अभियान और रिसर्च को एक डॉक्यूमेंट्री का रूप देंगे, जिसके बाद इस डॉक्यूमेंट्री को राज्य और केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेंगे. आशीष ने बताया कि प्रयास किया जाएगा कि उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाए, ताकि महिलाओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकें. वहीं, प्रो. इला साह ने कहा कि महिलाओं में मासिक धर्म को लेकर भ्रांतियां एक समस्या है, जिसे दूर करना बहुत जरूरी है. इसके लिए जागरूकता की जरूरत है.