रामनगरः शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. नगर क्षेत्र के अंतर्गत आवारा कुत्तों द्वारा काटे जाने के मामले सामने आने से लोग खौफजदा हैं. सरकारी अस्पताल में कुत्ते काटे जाने के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रहा है. लोगों का कहना है कि नगरपालिका प्रशासन इन कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई कदम नही उठा रहा है. जिससे स्थानीय लोगों मे रोष व्याप्त है.
रामनगर में विगत कई महीनों से आवारा कुत्तों का आतंक व्याप्त है. कुत्ते किसी भी राहगीर और बच्चों पर हमला कर रहे हैं. वहीं नगर और उसके आसपास के क्षेत्रों में आये दिन कुत्तों द्वारा काटे जाने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है.स्थानीय नगरपालिका प्रशासन इस समस्या को लेकर अभी तक गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है. जिसकी वजह से यह समस्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. लोगों का कहना है कि एक ओर आवारा कुत्तों के खौफ से लोग घरों से निकलने से कतरा रहे हैं वहीं दूसरी ओर नगर पालिका के अधिकारी कुम्भकरणीय नींद में सोये हैं. कई बार अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे.
वहीं वेटनरी डॉक्टर ने बताया कि यह इनका ब्रीडिंग सीजन है और जिस कारण यह ज्यादा एग्रेसिव हो जाते हैं इसके अलावा इनकी अपनी एक टेरोटेरी होती है जिसमे यह किसी का दखल बर्दाश्त नहीं करते हैं, जिस कारण यह लोगों पर हमला कर देते हैं. इसके साथ हो जो लोग अपने घरों का खाना बाहर फेंक देते है,उसे खाने से भी कुत्ते और ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. रामनगर के संयुक्त चिकित्सालय में कुत्ते काटे जाने के केस आऐ दिन बढ़ रहे हैं, प्रतिदिन लगभग 15 से 20 नये केस सामने आ रहे हैं और महीने में लगभग यह संख्या 200 के लगभग रहती है. जिस कारण रैबीज के इंजेक्शन लगाने की क्वांटिटी बढ़ रही है, जानकारी के अनुसार 50 हज़ार के प्रतिमाह रैबीज के इंजेक्शन पीड़ितों को लगते हैं, यह बहुत ही चिंताजनक विषय है और जिम्मेदार महकमा कुछ करने को तैयार नही है.