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दिव्यांग शबाना की कामयाबी के आड़े आई गरीबी, अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पहुंचना हुआ मुश्किल

रामनगर की हुनरमंद दिव्यांग महिला खिलाड़ी की गरीबी उसकी कामयाबी के बीच में आ गई है. शबाना को थाईलैंड में अंतरराष्ट्रीय सिटिंग वॉलीबॉल प्रतियोगिता में भाग लेना है. आर्थिक तंगी के चलते शबाना का इस प्रतियोगिता में भाग लेना मुश्किल हो गया है.

आर्थिक तंगी बना दिव्यांग शबाना के रास्ते का रोड़ा.
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Published : Oct 19, 2019, 10:38 AM IST

रामनगर: नगर के ऊंट पड़ाव क्षेत्र की रहने वाली दिव्यांग शबाना एक गरीब परिवार से है. इंग्लैंड पैरा वॉलीबॉल एकेडमी से खेलने वाली शबाना ने अपने कैरियर की शुरुआत साल 2016 में सीटिंग वॉलीबॉल से किया था. शबाना ने साल 2017-18 में चेन्नई में हुई प्रतियोगिता में उत्तराखंड की ओर से भाग लिया था. जिसमें उन्होंने उत्तराखंड का नाम रोशन किया था.

वहीं, खेल में बेहतर प्रदर्शन को लेकर शबाना का चयन मलेशिया में होने वाली प्रतियोगिता के लिए हुआ था. जिसमें उन्होंने खेल का बेहतरीन नमूना पेश कर एक बार फिर उत्तराखंड का नाम रोशन किया था. जिसके बाद सरकार द्वारा उन्हें खूब सराहा गया. शबाना को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन अब उन आश्वासनों के दावों में से हवा तब निकलती हुई दिखाई दे रही है.

आर्थिक तंगी बना दिव्यांग शबाना के रास्ते का रोड़ा.

यह भी पढ़ें: देवभूमि को सुपरस्टार रजनीकांत ने कहा अलविदा, बेटी-दामाद संग चेन्नई के लिए हुए रवाना

दरअसल, शबाना को 27 अक्टूबर को थाईलैंड में होने वाली प्रतियोगिता में शामिल होना है. शबाना उत्तराखंड की एकमात्र खिलाड़ी हैं जिनका चयन थाईलैंड में होने वाली प्रतियोगिता के लिए हुआ है. बावजूद इसके शबाना बहुत ही गरीब से परिवार से आती है. जिस कारण इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. जिसके लिए उन्होंने सरकार के आगे महज 48 हजार रुपये की आर्थिक मदद के लिए गुहार लगाई है. जिसपर अभी तक किसी और से शबाना को कोई आश्वासन नहीं मिला है.

रामनगर: नगर के ऊंट पड़ाव क्षेत्र की रहने वाली दिव्यांग शबाना एक गरीब परिवार से है. इंग्लैंड पैरा वॉलीबॉल एकेडमी से खेलने वाली शबाना ने अपने कैरियर की शुरुआत साल 2016 में सीटिंग वॉलीबॉल से किया था. शबाना ने साल 2017-18 में चेन्नई में हुई प्रतियोगिता में उत्तराखंड की ओर से भाग लिया था. जिसमें उन्होंने उत्तराखंड का नाम रोशन किया था.

वहीं, खेल में बेहतर प्रदर्शन को लेकर शबाना का चयन मलेशिया में होने वाली प्रतियोगिता के लिए हुआ था. जिसमें उन्होंने खेल का बेहतरीन नमूना पेश कर एक बार फिर उत्तराखंड का नाम रोशन किया था. जिसके बाद सरकार द्वारा उन्हें खूब सराहा गया. शबाना को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन अब उन आश्वासनों के दावों में से हवा तब निकलती हुई दिखाई दे रही है.

आर्थिक तंगी बना दिव्यांग शबाना के रास्ते का रोड़ा.

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दरअसल, शबाना को 27 अक्टूबर को थाईलैंड में होने वाली प्रतियोगिता में शामिल होना है. शबाना उत्तराखंड की एकमात्र खिलाड़ी हैं जिनका चयन थाईलैंड में होने वाली प्रतियोगिता के लिए हुआ है. बावजूद इसके शबाना बहुत ही गरीब से परिवार से आती है. जिस कारण इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. जिसके लिए उन्होंने सरकार के आगे महज 48 हजार रुपये की आर्थिक मदद के लिए गुहार लगाई है. जिसपर अभी तक किसी और से शबाना को कोई आश्वासन नहीं मिला है.

Intro:intro- रामनगर की हौनार महिला दिव्यांग खिलाड़ी की गरीबी उसकी कामयाबी के बीच में आ गयी है। दिव्यांग शबाना को थाईलैंड मैं अंतरराष्ट्रीय सिटींग वॉलीबॉल प्रतियोगिता में भाग लेना है, परंतु आर्थिक तंगी सामने आ रही है जिस कारण उसने सरकार और उसके नुमांइदों से गुहार लगाई है, परंतु कोई आश्वासन नहीं मिल पाया है।


Body:vo.- रामनगर के ऊंट पड़ाव क्षेत्र की रहने वाली दिव्यांग शबाना एक गरीब परिवार से आती है। इंग्लैंड पैरा वॉलीबॉल एकेडमी से खेलने वाली शबाना ने अपने कैरियर की शुरुआत वर्ष 2016 में सीटिंग वॉलीबॉल से की थी। और 2017-18 मैं चेन्नई में हुई प्रतियोगिता में उत्तराखंड की ओर से भाग लिया था। जिसमें उन्होंने उत्तराखंड का नाम रोशन किया था। अपने बेहतर खेल के लिए कारण उसका चयन मलेशिया में होने वाली प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ था। जिसमें उन्होंने भाग लिया था और अपने खेल का बेहतरीन नमूना पेश कर एक बार फिर उत्तराखंड का नाम रोशन किया था। जिसके बाद सरकार और उनके नुमाइंदों द्वारा उनकी खूब तारीफ की गई थी और हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन उन आश्वासनों के दावों में से हवा तब निकलती हुई दिखाई दी जब दिव्यांग समाना को 27 अक्टूबर को थाईलैंड में होने वाली प्रतियोगिता में शामिल होना है। शबाना उत्तराखंड की एकमात्र खिलाड़ी है जिनका चयन थाईलैंड में होने वाली प्रतियोगिता के लिए हुआ है। बावजूद इसके शबाना बहुत ही गरीब से परिवार से आती है। जिस कारण इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उनके पास पैसा नहीं है। जिसके लिए उन्होंने सरकार और उनके नुमाइंदों के आगे महज़ 48 हजार रुपये की आर्थिक मदद के लिए गुहार लगाई है। परंतु अभी तक किसी और से उसे कोई आश्वासन नहीं मिला है।

byte-कुमारी शबाना (दिव्यांग खिलाड़ी)


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