नैनीतालः हाईकोर्ट में बुधवार को राज्य के रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन से स्वास्थ्य बीमा के नाम पर हो रही कटौती के मामले पर मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि किसी की पेंशन से अनिवार्य कटौती नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने राज्य सरकार से ये भी पूछा है कि वह इसे जारी रखना चाहेंगे या बंद करेंगे. इसपर कोर्ट ने राज्य सरकार से सोमवार तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. मामले की सुनवाई 16 अगस्त (सोमवार) को होगी.
बता दें कि देहरादून निवासी गणपत सिंह बिष्ठ व अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य बीमा के संबंध में 21 दिसंबर 2020 को एक शासनादेश जारी किया. इसके बाद सरकार ने बिना पेंशनधारियों की अनुमति के 1 जनवरी 2021 से उनकी पेंशन से अनिवार्य कटौती करनी शुरू कर दी है.
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याचिकर्ताओं का कहना है कि यह उनकी व्यक्तिगत संपत्ति है. सरकार इस पर इस तरह की कटौती नहीं कर सकती. यह असंवैधानिक है. पूर्व में यह व्यवस्था थी कि कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा सरकार खुद वहन करती थी. परंतु अब सरकार उनके पेंशन से स्वास्थ्य बीमा के नाम पर हर महीने राशि काट रही है. लिहाजा इस संबंध में जारी पूर्व व्यवस्था को लागू किया जाए.