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WORLD METEOROLOGICAL DAY पर मौसम विज्ञान केंद्र में लगाई गई प्रदर्शनी

विश्व मौसम विज्ञान दिवस (WORLD METEOROLOGICAL DAY) के तहत देहरादून में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.

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Published : Mar 23, 2019, 9:40 AM IST

विश्व मौसम विज्ञान दिवस.

देहरादून: विश्व मौसम विज्ञान दिवस (WORLD METEOROLOGICAL DAY) के तहत देहरादून में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. शुक्रवार को देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र में आम लोगों और स्कूली बच्चों के लिए मौसम के पुर्वानुमान लगाने वाले उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई थी.

विश्व मौसम विज्ञान दिवस.

बता दें कि 23 मार्च 1951 को विश्व मौसम संगठन की स्थापना की गई थी. जिसके चलते हर साल 23 मार्च को विश्व भर में 'वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल डे' मनाया जाता है. इस क्रम में वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन ने इस बार 'द सन, द अर्थ, द वाटर' को थीम रखा है.

इस बारे में देहरादून के मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि इस बार वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन ने 'द सन, द अर्थ, द वाटर' को थीम रखा है. जिसका अर्थ यह है कि धरती में जो भी मौसम में बदलाव हो रहे हैं उसका कारण कहीं न कहीं सूरज है. क्योंकि धरती पर ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत ही सूरज है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि हमारी युवा पीढ़ी पर्यावरण में होने वाले बदलाव को बारीकी से समझे.

देहरादून: विश्व मौसम विज्ञान दिवस (WORLD METEOROLOGICAL DAY) के तहत देहरादून में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. शुक्रवार को देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र में आम लोगों और स्कूली बच्चों के लिए मौसम के पुर्वानुमान लगाने वाले उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई थी.

विश्व मौसम विज्ञान दिवस.

बता दें कि 23 मार्च 1951 को विश्व मौसम संगठन की स्थापना की गई थी. जिसके चलते हर साल 23 मार्च को विश्व भर में 'वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल डे' मनाया जाता है. इस क्रम में वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन ने इस बार 'द सन, द अर्थ, द वाटर' को थीम रखा है.

इस बारे में देहरादून के मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि इस बार वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन ने 'द सन, द अर्थ, द वाटर' को थीम रखा है. जिसका अर्थ यह है कि धरती में जो भी मौसम में बदलाव हो रहे हैं उसका कारण कहीं न कहीं सूरज है. क्योंकि धरती पर ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत ही सूरज है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि हमारी युवा पीढ़ी पर्यावरण में होने वाले बदलाव को बारीकी से समझे.

Intro:देहरादून- 23 मार्च 1951 को विश्व मौसम संगठन की स्थापना हुई थी। यही कारण है कि हर साल 23 मार्च को विश्व भर में ' वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल डे ' मनाया जाता है। इसी के तहत मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून में भी आज एक दिन पूर्व विश्व मेट्रोलॉजिकल डे मनाया गया । इस दौरान आम जनता और स्कूल छात्र-छात्राओं के लिए विशेष एग्जिबिशन का आयोजन किया गया था । जिसमें मौसम का पूर्वानुमान लगाने में मददगार साबित होने वाले उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई थी।


Body:वहीं मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि हर साल की तरह इस साल भी वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल डे मनाया जा रहा है । इस बार वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन की ओर से जो थीम निर्धारित की गई है वह है 'The sun ,the Earth and the Weather' । जिसका अर्थ यह है कि धरती में जो भी मौसम में बदलाव देखे जाते हैं उसका कारण कहीं न कहीं सूरज है । क्योंकि धरती पर ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत ही सूरज है । ऐसे में यह बेहद ही जरूरी है कि जो हमारी युवा पीढ़ी है वह पर्यावरण में आने वाले हर बदलाव को बारीकी से समझे।

बाइट- विक्रम सिंह मौसम निदेशक


Conclusion:गौरतलब है कि आए दिन मौसम में होने वाले छोटे बड़े बदलावों से जुड़ी जो जानकारियां हम तक पहुँच पाती है वो मौसम विज्ञान केंद्र ही हम तक पहुचाता है । ऐसे में हम सभी के लिए ये समझना जरूरी है की मौसम में जो बदलाव हम देखते हैं वो आखिर किन कारणों से होते हैं।
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