देहरादून: प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पूरी कैबिनेट देवभूमि उत्तराखंड को पॉलिथीन मुक्त बनाने के संकल्प के साथ ही जनता को जागरूक करने की कवायद में जुटी है. वहीं इसके उलट प्रदेश में कई ऐसे निजी संस्थान हैं जो सरकार की इस मुहिम को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं.
दरअसल बीते कुछ दिनों पहले कौलागढ़ क्षेत्र के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में विरासत मेले का आयोजन किया गया था. जिसमें एक निजी संस्था ने जमकर सिंगल यूज पॉलिथीन का प्रयोग किया. प्रदेश में पॉलिथीन बैन होने के बावजूद भी जिम्मेदार संस्थान का गैर जिम्मेदाराना रवैया वाकई में कई सवाल खड़े करता है.
बीते 11 से 25 अक्टूबर तक कौलागढ़ के ओएनजीसी ग्राउंड में विरासत मेले का आयोजन किया गया. जिसमें धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग किया गया. इतना ही नहीं मेले के खत्म होने के बाद भी यहां से कूड़े के निस्तारण का कोई इंतजाम नहीं किया गया. अब भी डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में चारों ओर कूड़े का अंबार लगा है. 1 नवंबर को राज्य सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने के लिए संकल्प रैली भी निकाली थी, बावजूद इसके प्रदेश में प्लास्टिक का इस्तेमाल अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है.
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हालांकि मामले की जानकारी मिलने के बाद नगर निगम ने निजी संस्था को नोटिस भेजकर एक लाख रुपये का चालान जरुर किया था. नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि जहां पर विरासत कार्यक्रम आयोजित किया गया था वहां अभी भी कूड़ा फैला हुआ है. इसकी पूरी जानकारी नगर निगम को है. उन्होंने कहा कि गंदगी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया कि सिंगल यूज पॉलिथीन बैन करने के बाद जितने भी बड़े आयोजन हुए हैं उसमे किसी ने भी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया.