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4 दिन में केदारनाथ पहुंचे 77 हजार से ज्यादा श्रद्धालु, बिना रजिस्ट्रेशन वालों को रोक सकती है पुलिस

चारधाम यात्रा 2022 में रिकॉर्ड भीड़ उमड़ रही है. खासकर केदारनाथ धाम में तो श्रद्धालुओं का सैलाब आ रहा है. सोमवार की ही बात करें तो केदारनाथ दाम में 18 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. पिछले चार दिन में केदारनाथ में 77 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के केदारनाथ धाम पहुंचने से वहां की व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि बिना रजिस्ट्रेशन के चारधाम यात्रा खासकर केदारनाथ धाम न आएं. नहीं तो बिना रजिस्ट्रेशन वाले तीर्थयात्री केदारनाथ धाम जाने से रोके जाएंगे.

Chardham Yatra 2022
केदारनाथ यात्रा
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Published : May 10, 2022, 9:44 AM IST

देहरादून: चारधाम यात्रा 2022 में मुख्यतः केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना पुलिस के लिए लगातार बड़ी चुनौती बना हुआ है. राज्य सरकार द्वारा चारों धामों में श्रद्धालुओं की सीमा तय न होने के चलते अव्यवस्थित ढंग से बेतहाशा यात्रियों की संख्या व्यावहारिक मुश्किलें बढ़ा रही है. ऐसे में यात्रा के आपदा प्रभावित इलाकों में हादसों की आशंका को देखते हुए खासकर केदारनाथ धाम में बिना पंजीकरण के जाने वाले यात्रियों को अब रोका जा सकता है.

केदारनाथ में उमड़ रहा श्रद्धालुओं का सैलाब: चारधामों में से बाबा केदार के धाम केदारनाथ में सबसे ज्यादा श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. सोमवार को केदारनाथ में 18,183 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. इनमें पुरुषों की संख्या 12,671 थी. 5,379 महिलाओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए. 133 बच्चे भी सोमवार को केदारनाथ धाम पहुंचे. इसके साथ ही एक विदेशी महिला और एक विदेशी पुरुष ने भी केदारनाथ के दर्शन किए. सिर्फ चार दिन में ही 77,656 तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं.

बिना रजिस्ट्रेशन वालों को रोका जा सकता है: पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अपनी अपील को एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन कराने के उपरांत ही यात्रा पर आएं. ताकि सुरक्षित व सुगम यात्रा की व्यवस्था को बहाल रखा जा सके. अगर ऐसा नहीं होता तो बिना रजिस्ट्रेशन के श्रद्धालुओं को यात्रा पर जाने के लिए रोका जा सकता है. बता दें कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच रहे हैं. ऐसे वहां पर व्यवस्थाएं बनाने में काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं. डीजीपी के मुताबिक बीते तीन-चार दिनों में ही केदारनाथ और बदरीनाथ में श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिला है.

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि जो भी श्रद्धालु यात्रा पर आएं वो अवश्य अपना रजिस्ट्रेशन और होटल बुकिंग करवा कर आएं. देखने में आया है कि धामों की क्षमता से कई गुना अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. ऐसे में वहां ठहरने और यात्रा की व्यवस्थाओं में परेशानी आ रही है. हालांकि पुलिस किसी भी तरह से श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित व सुगम बनाने के इंतजाम में जुटी है. लेकिन श्रद्धालु अगर कुछ दिन रुक कर रजिस्ट्रेशन करवाकर यात्रा पर आएं तो बेहतर होगा.

ये भी पढ़ें: बाबा केदार के दर पर उमड़ा आस्था का सैलाब, दर्शन के लिए लगी 3 किलोमीटर लंबी लाइन

पहली बार सेक्टर में बंटे एंट्री और एग्जिट गेट: पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए पहली बार एंट्री और एग्जिट गेट को अलग-अलग सेक्टर में बांटा गया है. शिकायत में देखा गया है कि सोनप्रयाग और गौरीकुंड का सेक्टर व्यवस्थित नहीं है. इसको व्यवस्थित करने की कवायद जारी है. वहीं बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए माणा गांव इलाके तक 2 किलोमीटर की लंबी लाइन लगी है.

डीजीपी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि व्यवस्था बनाने में वह अपना सहयोग करें. ताकि बेहतर ढंग से उनकी यात्रा सफल हो सके. DGP ने कहा कि इसके अलावा यमुनोत्री गौरीकुंड और केदारनाथ में भीड़ को देखते हुए यहां सुरक्षा और यात्रियों की मदद के लिए एक-एक अतिरिक्त प्लाटून पीएसी, फोर्स के अतिरिक्त तैनात की गई है.
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक यात्रियों के लिए कई व्यवस्थाएं लचर: जानकारी के अनुसार केदारनाथ यात्रा मार्ग में सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक कई जगह यात्रा की व्यवस्था लचर बतायी जा रही हैं. खासकर इस मार्ग पर महिला श्रद्धालुओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है. ना ही कोई पुलिस जवान मदद के लिए तैनात है. इसके अलावा केदारनाथ घाटी के दुर्घटना प्रभावित रास्ते में लोहे की रेलिंग की जगह प्लास्टिक की रेलिंग लगाई गई है. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा किसी श्रद्धालु के खाई में गिरने के चलते हो सकता है.

इसके अलावा यात्रा मार्ग पर लाइटिंग की व्यवस्था की सही नहीं है. ऐसे में डीजीपी अशोक कुमार ने एसपी रुद्रप्रयाग को जिले के जिलाधिकारी के साथ शिकायत वाले पैदल मार्ग पर भ्रमण करने के साथ ही व्यवस्थाओं को संबंधित विभाग के साथ सामंजस्य बनाकर बेहतर करने के निर्देश दिए हैं. डीजीपी ने कहा कि सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक यात्रा को लेकर प्राथमिकताएं बेहद जरूरी हैं, जिन्हें जल्द ही संबंधित विभाग की मदद से पूरा किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: चारधाम में श्रद्धालुओं की भीड़ ने तोड़े रिकॉर्ड, अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा यात्रियों ने किए दर्शन

यात्रियों के साथ बदसलूकी और पुलिस की शिकायतों पर कार्रवाई के निर्देश: वहीं दूसरी ओर हरिद्वार और उत्तरकाशी जैसे यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोगों की मारपीट और पुलिस की ओर से परेशान करने वाली समस्याओं को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि यात्रा पर आने वाला हर श्रद्धालु "अतिथि देवो भव" है. हालांकि लाखों की संख्या में आने वाले लोगों के बीच कई बार अत्यधिक भीड़ और किन्हीं कारणों के चलते कहासुनी और तनाव की स्थिति बन जाती है. ऐसे में इस बात को ध्यान रखते हुए कानून और सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर करने के लिए संबंधित जिलों के एसपी एसएसपी को निर्देश दिए गए हैं. वहीं उत्तरकाशी में बड़कोट सहित जहां भी पुलिस द्वारा यात्रियों से बदसलूकी या परेशानी की शिकायतें आ रही हैं, उन पर तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की जा रही है.

देहरादून: चारधाम यात्रा 2022 में मुख्यतः केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना पुलिस के लिए लगातार बड़ी चुनौती बना हुआ है. राज्य सरकार द्वारा चारों धामों में श्रद्धालुओं की सीमा तय न होने के चलते अव्यवस्थित ढंग से बेतहाशा यात्रियों की संख्या व्यावहारिक मुश्किलें बढ़ा रही है. ऐसे में यात्रा के आपदा प्रभावित इलाकों में हादसों की आशंका को देखते हुए खासकर केदारनाथ धाम में बिना पंजीकरण के जाने वाले यात्रियों को अब रोका जा सकता है.

केदारनाथ में उमड़ रहा श्रद्धालुओं का सैलाब: चारधामों में से बाबा केदार के धाम केदारनाथ में सबसे ज्यादा श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. सोमवार को केदारनाथ में 18,183 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. इनमें पुरुषों की संख्या 12,671 थी. 5,379 महिलाओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए. 133 बच्चे भी सोमवार को केदारनाथ धाम पहुंचे. इसके साथ ही एक विदेशी महिला और एक विदेशी पुरुष ने भी केदारनाथ के दर्शन किए. सिर्फ चार दिन में ही 77,656 तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं.

बिना रजिस्ट्रेशन वालों को रोका जा सकता है: पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अपनी अपील को एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन कराने के उपरांत ही यात्रा पर आएं. ताकि सुरक्षित व सुगम यात्रा की व्यवस्था को बहाल रखा जा सके. अगर ऐसा नहीं होता तो बिना रजिस्ट्रेशन के श्रद्धालुओं को यात्रा पर जाने के लिए रोका जा सकता है. बता दें कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच रहे हैं. ऐसे वहां पर व्यवस्थाएं बनाने में काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं. डीजीपी के मुताबिक बीते तीन-चार दिनों में ही केदारनाथ और बदरीनाथ में श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिला है.

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि जो भी श्रद्धालु यात्रा पर आएं वो अवश्य अपना रजिस्ट्रेशन और होटल बुकिंग करवा कर आएं. देखने में आया है कि धामों की क्षमता से कई गुना अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. ऐसे में वहां ठहरने और यात्रा की व्यवस्थाओं में परेशानी आ रही है. हालांकि पुलिस किसी भी तरह से श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित व सुगम बनाने के इंतजाम में जुटी है. लेकिन श्रद्धालु अगर कुछ दिन रुक कर रजिस्ट्रेशन करवाकर यात्रा पर आएं तो बेहतर होगा.

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पहली बार सेक्टर में बंटे एंट्री और एग्जिट गेट: पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए पहली बार एंट्री और एग्जिट गेट को अलग-अलग सेक्टर में बांटा गया है. शिकायत में देखा गया है कि सोनप्रयाग और गौरीकुंड का सेक्टर व्यवस्थित नहीं है. इसको व्यवस्थित करने की कवायद जारी है. वहीं बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए माणा गांव इलाके तक 2 किलोमीटर की लंबी लाइन लगी है.

डीजीपी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि व्यवस्था बनाने में वह अपना सहयोग करें. ताकि बेहतर ढंग से उनकी यात्रा सफल हो सके. DGP ने कहा कि इसके अलावा यमुनोत्री गौरीकुंड और केदारनाथ में भीड़ को देखते हुए यहां सुरक्षा और यात्रियों की मदद के लिए एक-एक अतिरिक्त प्लाटून पीएसी, फोर्स के अतिरिक्त तैनात की गई है.
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक यात्रियों के लिए कई व्यवस्थाएं लचर: जानकारी के अनुसार केदारनाथ यात्रा मार्ग में सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक कई जगह यात्रा की व्यवस्था लचर बतायी जा रही हैं. खासकर इस मार्ग पर महिला श्रद्धालुओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है. ना ही कोई पुलिस जवान मदद के लिए तैनात है. इसके अलावा केदारनाथ घाटी के दुर्घटना प्रभावित रास्ते में लोहे की रेलिंग की जगह प्लास्टिक की रेलिंग लगाई गई है. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा किसी श्रद्धालु के खाई में गिरने के चलते हो सकता है.

इसके अलावा यात्रा मार्ग पर लाइटिंग की व्यवस्था की सही नहीं है. ऐसे में डीजीपी अशोक कुमार ने एसपी रुद्रप्रयाग को जिले के जिलाधिकारी के साथ शिकायत वाले पैदल मार्ग पर भ्रमण करने के साथ ही व्यवस्थाओं को संबंधित विभाग के साथ सामंजस्य बनाकर बेहतर करने के निर्देश दिए हैं. डीजीपी ने कहा कि सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक यात्रा को लेकर प्राथमिकताएं बेहद जरूरी हैं, जिन्हें जल्द ही संबंधित विभाग की मदद से पूरा किया जाएगा.

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यात्रियों के साथ बदसलूकी और पुलिस की शिकायतों पर कार्रवाई के निर्देश: वहीं दूसरी ओर हरिद्वार और उत्तरकाशी जैसे यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोगों की मारपीट और पुलिस की ओर से परेशान करने वाली समस्याओं को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि यात्रा पर आने वाला हर श्रद्धालु "अतिथि देवो भव" है. हालांकि लाखों की संख्या में आने वाले लोगों के बीच कई बार अत्यधिक भीड़ और किन्हीं कारणों के चलते कहासुनी और तनाव की स्थिति बन जाती है. ऐसे में इस बात को ध्यान रखते हुए कानून और सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर करने के लिए संबंधित जिलों के एसपी एसएसपी को निर्देश दिए गए हैं. वहीं उत्तरकाशी में बड़कोट सहित जहां भी पुलिस द्वारा यात्रियों से बदसलूकी या परेशानी की शिकायतें आ रही हैं, उन पर तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की जा रही है.

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