देहरादून: प्रदेश के नौनिहालों में कुपोषण दूर करने के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हालहि में एक विशेष अभियान की शुरूआत की है. जिसके तहत सूबे के हर मंत्री और अधिकारी को एक कुपोषित बच्चे को गोद लेने कि जिम्मेदारी दी गई है. इसी क्रम में बुधवार को प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने अपने द्वारा गोद ली गई ढाई साल की कुपोषित बच्ची निहारिका से मुलाकात की और दून अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ से उसका इलाज करावाया.
बता दें कि निहारिका के पिता दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. ऐसे में परिवार की माली हालत ठीक न होने की वजह से निहारिका कुपोषण का शिकार है.
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वहीं, दून अस्पताल में निहारिका के इलाज के लिए पहुंची मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि डॉक्टर की ओर से निहारिका को कुपोषण से बाहर निकालने के लिए एक डाइट चार्ट दिया गया है. ऐसे में इस डाइट चार्ट में दी गई दवाइयां और अन्य पौष्टिक आहारों को वह निहारिका के परिजनों को उपलब्ध कराएंगी, जिससे निहारिका जल्द जल्द तंदरुस्त हो सकेगी.
बता दें कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के मुताबिक प्रदेश में 17 हजार कुपोषित बच्चे हैं. जिसमें अति कुपोषित बच्चों की संख्या 1600 है.
बच्चों में कुपोषण के कुछ प्रमुख लक्षण-
- भूख न लगना
- मांसपेशियों में कमजोरी
- खेलते हुए जल्द थक जाना
- शरीर में खून की कमी
- चिड़चिड़ापन
- कमजोर प्रतिरक्षा