देहरादून: कोरोना की संभावित थर्ड वेव से निपटने के लिए स्वास्थ विभाग ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. विशेषज्ञों के मुताबिक तीसरी लहर बच्चों को सबसे अधिक संक्रमित कर सकती है. ऐसे में बच्चों को इलाज में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो उसके लिए स्वास्थ्य विभाग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड कर रहा है. ताकि बीमार व्यक्ति को निचले लेवल पर ही सुविधाएं मिल जायें और उन्हें बड़े अस्पतालों के चक्कर न काटने पड़ें.
देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज उप्रेती ने थर्ड वेव की तैयारियों को लेकर बताया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पहुंचा दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि संबंधित स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं कि कोई बीमार व्यक्ति अगर पीएचसी में आता है तो उसे ऑक्सीजन की सुविधा मिलनी चाहिए. डाक्टर उप्रेती ने बताया कि प्राथमिक उपचार मिलने से बीमार व्यक्ति की आधे से ज्यादा समस्याओं का निदान पीएचसी में ही हो जाएगा. यदि इसके बावजूद बीमार व्यक्ति के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं होता है, तो उसे तब बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाएगा.
ये होंगे इसके फायदे- निचले स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय जैसे अस्पतालों में दबाव कम हो जाएगा, क्योंकि दूसरी लहर में दून अस्पताल में कोविड मरीजों का अतिरिक्त दबाव देखने को मिला इससे अव्यवस्थाएं हुईं. ऐसा तीसरी लहर में ना हो इसके लिए प्राइमरी और कंबाइंड हेल्थ सेंटरों पर मरीजों के उपचार के समुचित व्यवस्थाएं की जा रही हैं. ताकि तीसरी लहर के आने पर दून अस्पताल या अन्य बड़े अस्पतालों में मरीजों का अतिरिक्त दबाव ना पड़ सके.
ये की जा रही हैं व्यवस्थाएं- वहीं कंबाइन हेल्थ सेंटरों में दो बेड के आईसीयू तैयार किये जा रहे हैं. साथ ही बच्चों के लिए बेड की व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इसके अलावा देहरादून के चार सब जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट और ऑक्सीजन टैंक लगाए जा रहे हैं. सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं. साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून ने सभी संबंधित स्टाफ को तमाम चिकित्सकीय उपकरणों को भी दुरुस्त करने को कहा है. बच्चों के इलाज में कोई दिक्कत ना आए, उसके लिए बच्चों की इम्युनिटी से जुड़ी सभी दवाइयों की खरीद की जा रही है, ताकि इन दवाइयों को सीएचसी और पीएचसी में भेजा जा सके. इन दवाओं से बच्चों की इम्युनिटी में सुधार होने के साथ ही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी.
थर्ड वेव को देखते हुए बच्चों के इलाज में किसी भी प्रकार की समस्याएं ना आए उसके लिए दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय तीसरी लहर का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. केसी पंत ने बताया कि बीते माह से अस्पताल में तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा संक्रमित करेगी. ऐसे में अस्पताल के PICU WARD को अपग्रेड किया जा रहा है.
बच्चों के समुचित इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम से कई जनरल चिकित्सकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें अपडेट किया गया है. ताकि बच्चों को समय पर बेहतर उपचार मिल सके. उन्होंने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञों की सलाह पर बच्चों के लिए मेडिसिन उपलब्ध करवा दी गई हैं. इसके साथ ही अस्पताल में अत्याधुनिक पीडियाट्रिक वार्ड बनाने की प्रक्रिया चल रही है.
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दूसरी लहर से सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग इस बार तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए कोई कोताही नहीं बरत रहा है. थर्ड वेव से निपटने की तैयारियों में जुटा स्वास्थ्य विभाग निचले लेवल पर मरीजों के लिए इलाज की व्यवस्थाएं कर रहा है. ताकि उन्हें बड़े अस्पतालों में भर्ती होने के लिए इधर-उधर ना न भटकना पड़े. दूसरी लहर में दून अस्पताल की व्यवस्थाएं भी पूरी तरह से चरमरा गई थी, लेकिन इस बार दून अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यदि थर्डवेव आती है, तो अस्पताल इसका सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है.