देहरादून: उत्तराखंड खाद्य विभाग राशन की कालाबाजारी को रोकने को लेकर सजग हो चुका है. जिसके लिए राशन वितरण प्रणाली का स्पाइस चैन मैनेजमेंट और सस्ता गल्ला विक्रेता को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है. इसके अलावा 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना के तहत प्रदेश के सभी राशन कार्ड धारकों को आधार से लिंक करने कि कवायद तेज कर दी गई है.
मौजूद समय मे राशन वितरण प्रणाली का स्पाइस चैन मैनेजमेंट और सस्ता गल्ला विक्रेता (जो राशन बांटते) इन दोनों प्रक्रियाओं का ऑटोमेशन जोर-शोर से किया जा रहा है. इसके अंतर्गत एफसीआई और राज्य के गोदामों से जो राशन भेजा जाता है, उस प्रक्रिया को कंप्यूटरीकृत किया गया है. इसमें करीब 90% राशन का वितरण कंप्यूटरीकृत प्रक्रिया के अंतर्गत हुआ है. बाकी बचे 10% राशन वितरण प्रक्रिया को जल्द ही कंप्यूटरीकृत कर लिया जाएगा.
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5,000 दुकानों पर बायोमेट्रिक से वितरित किया जा रहा राशन
प्रदेश भर में राशन वितरण की करीब 9,000 दुकानें हैं. लिहाजा राशन वितरण की धांधली और कालाबाजारी को रोकने के लिए राशन की दुकानों पर लैपटॉप, प्रिंटर और बायोमेट्रिक मशीनें दी गई हैं.अभी तक करीब 7,000 राशन की दुकानों पर यह व्यवस्थाएं उपलब्ध करा दी गई हैं. जिसमें से नवंबर महीने में करीब 5,000 राशन वितरण की दुकानों से बायोमेट्रिक तरीके से राशन वितरण किया गया है.
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94 फीसदी राशन कार्ड आधार से हुए लिंक
प्रदेश भर के करीब 23 लाख 32 हजार राशन कार्ड धारकों में से करीब 94 फ़ीसदी राशन कार्ड, आधार से लिंक हो चुके हैं. यही नहीं करीब 60 फीसदी राशन कार्डों को आधार से लिंक करने के बाद इन आधार कार्डों का वेलिडेशन भी कराया जा चुका है. बाकी बचे राशन कार्ड धारकों के राशन कार्ड भी जल्द ही आधार कार्ड से लिंक करा दिये जाएंगे.
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कंप्यूटराइज प्रक्रिया से राशन की कालाबाजारी पर लगेगी रोक
खाद्य सचिव सुशील कुमार ने बताया कि जब खाद्य वितरण की पूरी प्रक्रिया कंप्यूटराइज हो जाएगी तो इससे राशन की कालाबाजारी बंद हो जाएगी. उन्होंने बताया इससे हर चीज को तय समय पर करना होगा, जिससे कालाबाजारी करने वाले नहीं बच सकते हैं.
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प्रदेश में तीन तरह के राशन कार्ड धारक हैं
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत दो तरह के राशन कार्ड धारक हैं. जिसमें अंत्योदय और प्राथमिक परिवार कार्ड शामिल है. इससे अलग जो राशन लेने से वंचित रह जाते हैं उन्हे राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत थोड़ा राशन भारत सरकार की तरफ से और थोड़ा राशन राज्य सरकार की तरफ से दिया जाता है. खाद्य सचिव सुशील कुमार ने बताया कि अंत्योदय के तहत 35 किलोग्राम, प्राथमिक परिवार कार्ड पर 5 किलोग्राम प्रति यूनिट और राज्य योजना के तहत 15 किलोग्राम राशन देने की व्यवस्था है. इसके साथ ही प्रत्येक परिवार को हर माह में 2 किलो चना दाल कम कीमत पर मुहैया कराई जा रही है.