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असम और बिहार में बाढ़ : लाखों प्रभावित, सुरक्षित स्थान की तलाश

असम और बिहार में बाढ़
असम और बिहार में बाढ़
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Published : Jul 24, 2020, 11:00 AM IST

Updated : Jul 24, 2020, 2:17 PM IST

14:15 July 24

गोपालगंज में बाढ़ का कहर

वीडियो

गोपालगंजः सारण तटबंध टूटने से मांझा प्रखंड के पुराना और बरौली प्रखंड के देवापुर गांव की स्थिती काफी भयावह हो गई है. दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित हो गए हैं. अब बाढ़ का पानी तेजी से आगे के गांवों में प्रवेश कर रही है. वहीं, ग्रामीण सुरक्षित जगह पर पलायन करने लगे हैं.

सारण तटबंध टूटा
दरअसल वाल्मीकि नगर बैराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण लगातार नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. जिसके कारण पहले मांझा प्रखंड का पुरैना रिंग बांध धारासायी हुआ. इसके बाद सारण तटबंध भी धरासायी हो गया है. जिससे बाढ़ का पानी देवापुर के दर्जनों गांव में फैलने लगा और देखते ही देखते पूरा गांव जलमग्न हो गया.

कई गांव हुए जलमग्न
बाढ़ में फंसे गांव के लोग किसी तरह रस्सी के सहारे निकलने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. बांध के टूटने से आवागमन प्रभावित होने की संभावना बढ़ती जा रही है. देवापुर और पुराना तटबंध के टूटने से बरौली देवापुर और बैकुंठपुर प्रखंड के अधिकांश गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है. वहीं स्थिति काफी भयावह होती जा रही है.

13:28 July 24

काजीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ से 116 जानवरों की मौत

असम के वन मंत्री परिमल शुक्ल ने कहा कि काजीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ के कारण 116 जानवर मर गए हैं और 143 जानवरों को रेस्क्यू किया गया है. 

13:13 July 24

समस्तीपुर और दरभंगा के बीच रेल का परिचालन रोका गया

रेल पुल तक पहुंचा बाढ़ का पानी.
रेल पुल तक पहुंचा बाढ़ का पानी.

बाढ़ प्रभावित समस्तीपुर और दरभंगा के बीच एक रेल पुल के समीप बाढ़ का पानी पहुंचने के बाद इस मार्ग पर रेल का परिचालन रोक दिया गया है. पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने शुक्रवार को बताया कि हायाघाट के समीप पुल संख्या-16 के समीप से बाढ़ का पानी गुजर रहा है, जिस कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन सुबह करीब सात बजे से रोक दिया गया है.

07:23 July 24

बाढ़ से त्राहीमाम

बिहार में बाढ़ से बिगड़े हालात.

पटना/ गुवाहाटी : बिहार के 10 जिलों की करीब 6.36 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है. कई नदियां उफान पर हैं. जलभराव के कारण 18,612 लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है. असम में ब्रह्मपुत्र और कुछ सहायक नदियां अभी भी खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं. बाढ़ की स्थिति को अभी भी भयावह बनी हुई है.

असम में बाढ़ से 26 जिले प्रभावित हैं. जिसमें 74 राजस्व सर्कल के तहत 2,634 गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं. राज्य भर में बाढ़ से प्रभावित लगभग 28,32,410 लोग जबकि बाढ़ पीड़ित 456 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं. बाढ़ से 1,19 लाख हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई है. विभिन्न क्षेत्रों में नदी तट और तटबंध का कटाव भी इन दिनों लोगों के लिए खतरा बन गया है.

बिहार

नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बिहार के मधुबनी जिले में नदियां उफान पर है. कमला, कोसी, भूतही, गागन, गेहूमा सभी नदियां उफान पर है. बाढ़ के पानी से सैकड़ों एकड़ खेतों में लगे फसल बर्बाद हो चुके हैं. लोगों के घर खेत-खलिहान, स्कूल हर जगह पानी का सैलाब उमड़ा हुआ है. जिसके कारण लोगों की जिंदगी मुश्किल हो चुकी है.  

ईटीवी भारत से पहले कोई भी मीडिया इन बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने नहीं पहुंचा. पंचायत के लोगों ने बताया आज तक कोई अधिकारी, जनप्रतिनिधि, यहां नहीं आए, ना ही कोई मीडिया के कर्मी आए, सिर्फ आप यहां आए है.

पढ़ें-बाढ़ से तबाही : असम और बिहार में नदियां उफान पर, प्रशासन अलर्ट

बता दें कि इन लोगों के घर कोसी और गेहूमा नदी के बीच में अवस्थित है. चारों ओर जल का सैलाब फैला हुआ है. चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. लोगों के घर खेत-खलिहान, स्कूल, मदरसा हर जगह पानी ही पानी फैला हुआ है. 

इन लोगों को 6 महीना बाढ़ से कष्ट में जिंदगी जीना पड़ता है. लेकिन इनके व्यवस्था को देखने ना सांसद, ना विधायक, ना मंत्री यहां तक कि पंचायत के मुखिया भी नहीं पहुंचे. जिसके कारण इन लोगों में काफी आक्रोश है.  

14:15 July 24

गोपालगंज में बाढ़ का कहर

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गोपालगंजः सारण तटबंध टूटने से मांझा प्रखंड के पुराना और बरौली प्रखंड के देवापुर गांव की स्थिती काफी भयावह हो गई है. दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित हो गए हैं. अब बाढ़ का पानी तेजी से आगे के गांवों में प्रवेश कर रही है. वहीं, ग्रामीण सुरक्षित जगह पर पलायन करने लगे हैं.

सारण तटबंध टूटा
दरअसल वाल्मीकि नगर बैराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण लगातार नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. जिसके कारण पहले मांझा प्रखंड का पुरैना रिंग बांध धारासायी हुआ. इसके बाद सारण तटबंध भी धरासायी हो गया है. जिससे बाढ़ का पानी देवापुर के दर्जनों गांव में फैलने लगा और देखते ही देखते पूरा गांव जलमग्न हो गया.

कई गांव हुए जलमग्न
बाढ़ में फंसे गांव के लोग किसी तरह रस्सी के सहारे निकलने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. बांध के टूटने से आवागमन प्रभावित होने की संभावना बढ़ती जा रही है. देवापुर और पुराना तटबंध के टूटने से बरौली देवापुर और बैकुंठपुर प्रखंड के अधिकांश गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है. वहीं स्थिति काफी भयावह होती जा रही है.

13:28 July 24

काजीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ से 116 जानवरों की मौत

असम के वन मंत्री परिमल शुक्ल ने कहा कि काजीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ के कारण 116 जानवर मर गए हैं और 143 जानवरों को रेस्क्यू किया गया है. 

13:13 July 24

समस्तीपुर और दरभंगा के बीच रेल का परिचालन रोका गया

रेल पुल तक पहुंचा बाढ़ का पानी.
रेल पुल तक पहुंचा बाढ़ का पानी.

बाढ़ प्रभावित समस्तीपुर और दरभंगा के बीच एक रेल पुल के समीप बाढ़ का पानी पहुंचने के बाद इस मार्ग पर रेल का परिचालन रोक दिया गया है. पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने शुक्रवार को बताया कि हायाघाट के समीप पुल संख्या-16 के समीप से बाढ़ का पानी गुजर रहा है, जिस कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन सुबह करीब सात बजे से रोक दिया गया है.

07:23 July 24

बाढ़ से त्राहीमाम

बिहार में बाढ़ से बिगड़े हालात.

पटना/ गुवाहाटी : बिहार के 10 जिलों की करीब 6.36 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है. कई नदियां उफान पर हैं. जलभराव के कारण 18,612 लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है. असम में ब्रह्मपुत्र और कुछ सहायक नदियां अभी भी खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं. बाढ़ की स्थिति को अभी भी भयावह बनी हुई है.

असम में बाढ़ से 26 जिले प्रभावित हैं. जिसमें 74 राजस्व सर्कल के तहत 2,634 गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं. राज्य भर में बाढ़ से प्रभावित लगभग 28,32,410 लोग जबकि बाढ़ पीड़ित 456 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं. बाढ़ से 1,19 लाख हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई है. विभिन्न क्षेत्रों में नदी तट और तटबंध का कटाव भी इन दिनों लोगों के लिए खतरा बन गया है.

बिहार

नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बिहार के मधुबनी जिले में नदियां उफान पर है. कमला, कोसी, भूतही, गागन, गेहूमा सभी नदियां उफान पर है. बाढ़ के पानी से सैकड़ों एकड़ खेतों में लगे फसल बर्बाद हो चुके हैं. लोगों के घर खेत-खलिहान, स्कूल हर जगह पानी का सैलाब उमड़ा हुआ है. जिसके कारण लोगों की जिंदगी मुश्किल हो चुकी है.  

ईटीवी भारत से पहले कोई भी मीडिया इन बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने नहीं पहुंचा. पंचायत के लोगों ने बताया आज तक कोई अधिकारी, जनप्रतिनिधि, यहां नहीं आए, ना ही कोई मीडिया के कर्मी आए, सिर्फ आप यहां आए है.

पढ़ें-बाढ़ से तबाही : असम और बिहार में नदियां उफान पर, प्रशासन अलर्ट

बता दें कि इन लोगों के घर कोसी और गेहूमा नदी के बीच में अवस्थित है. चारों ओर जल का सैलाब फैला हुआ है. चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. लोगों के घर खेत-खलिहान, स्कूल, मदरसा हर जगह पानी ही पानी फैला हुआ है. 

इन लोगों को 6 महीना बाढ़ से कष्ट में जिंदगी जीना पड़ता है. लेकिन इनके व्यवस्था को देखने ना सांसद, ना विधायक, ना मंत्री यहां तक कि पंचायत के मुखिया भी नहीं पहुंचे. जिसके कारण इन लोगों में काफी आक्रोश है.  

Last Updated : Jul 24, 2020, 2:17 PM IST
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