वॉशिंगटन : अमेरिका द्वारा इराक में ईरान के शीर्ष कमांडर की हवाई हमले में हत्या के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ता जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि उसने कोई गुस्ताखी की तो ईरान के 52 महत्वपूर्ण स्थानों को प्रभावी तरीके से निशाना बनाया जाएगा. इसके जवाब में ईरान के मंत्री मोहसिन जवादी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. जवादी ने कहा है कि हम अमेरिकी हमले की निंदा करते हैं और जवाब देना जानते हैं. दुनियाभर में कहीं भी इस तरह की घटना की निंदा की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमें वर्षों से अमेरिका से धमकियां मिल रही हैं. हम इसका सामना कर रहे हैं. हमें किसी से दुश्मनी नहीं है, लेकिन अगर कोई हमारे खिलाफ काम करता है, तो हम जवाब देना जानते हैं.
बता दें कि रविवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि ईरान अमेरिकी जवानों या संपत्ति पर हमला करता है, तो अमेरिका 52 ईरानी स्थलों को निशाना बनाएगा और उन पर बहुत तेजी से और जोरदार हमला करेगा.
ट्रंप ने इराक में एक शीर्ष ईरानी जनरल को निशाना बनाकर शुक्रवार को ड्रोन हमला किए जाने का बचाव करते हुए ट्वीट किया कि 52 अंक उन लोगों की संख्या को दर्शाता है, जिन्हें एक साल से अधिक समय तक तेहरान स्थित अमेरिकी दूतावास में 1979 में बंधक बनाकर रखा गया था.
ट्रंप ने ट्वीट किया कि इनमें से कुछ स्थल बहुत उच्च स्तर के और ईरान एवं ईरानी संस्कृति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन स्थलों और ईरान पर बहुत तेजी से एवं जोरदार तरीके से हमला किया जाएगा. अमेरिका को अब और खतरा नहीं चाहिए.
गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा शुक्रवार को इराक में किए गए ड्रोन हमले में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है.
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि संभावित जवाबी कार्रवाई का पहला संकेत देते हुए बगदाद में अमेरिकी दूतावास के निकट के एक इलाके में मोर्टार के दो गोले दागे गए.
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उन्होंने बताया कि इसी दौरान अमेरिकी बलों की तैनाती वाले अल-बलाद वायुसेना अड्डे पर दो रॉकेट गिराए गए.
इराकी सेना ने अल बलाद और बगदाद में मिसाइल हमलों की पुष्टि की है और कहा है कि इनमें कोई हताहत नहीं हुआ. अमेरिका ने भी कहा है कि गठबंधन का कोई जवान हताहत नहीं हुआ.