वाराणसी: नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी के दर्शन-पूजन का विधान है. ऐसी मान्यता है कि माता कात्यायनी की आराधना करने से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं. नवरात्र के छठे दिन मां को दही और हल्दी का लेप लगाने से कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर की प्राप्ति होती है. स्वर्ण स्वरूप धारण किए हुए माता अपने भक्तों की सभी मुरादों को पूरी करने वाली हैं. माता के दर्शन मात्र से ही दरिद्रता का नाश होता है और सुख-समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं.
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित शशि शेखर त्रिवेदी के अनुसार नवरात्र के छठे दिन माता का विधिवत पूजन करने से अविवाहित लोगों के विवाह में आ रही दिक्कतें दूर होती हैं. इसके अलावा विवाह में आ रही समस्या के निवारण के लिए भी मां कात्यायनी की आराधना करने से मनचाहा वर प्रदान होता है. मान्यता के अनुसार लोग मनचाहे वर या वधु की प्राप्ति के लिए मां का दर्शन-पूजन करते हैं.
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मां के पूजन की विधि बताई
पंडित शशि शेखर त्रिवेदी ने मां की आराधना करने की पूजन विधि के बारे में जानकरी दी. उन्होंने बताया कि सुबह की नित क्रिया से सम्पन्न होकर मां की आराधना करें. मां को लाल अड़हुल के पुष्प अर्पित कर खीर का भोग लगाए. उसके बाद मां कात्यायनी के मंत्र का 108 बार जप करें. विवाह के लिए पुरुष और महिलाओं के लिए माता के अलग-अलग मंत्र देवी भागवत में उल्लिखित हैं. माता को दही और हल्दी का लेप लगाने से जल्द विवाह के योग बनते हैं.