वाराणसी : लोकसभा चुनाव 2019 के ठीक पहले नया पान दरीबा के रहने वाले नसीम के परिवार में लोकतंत्र के महापर्व में शामिल होने को लेकर खुशियां है. यह खुशी प्रधानमंत्री और यहां के सांसद नरेंद्र मोदी की वजह से मिली. दरअसल नसीम की दो बेटियां नीला और माहेरू पाकिस्तान के कराची में जन्मी और उनको भारत की नागरिकता नहीं मिली थी. 12 वर्ष बाद उन्हें भारत की नागरिकता मिली है. इस बार लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बनेंगी.
- पान दरीबा के रहने वाले नसीम की शादी पाकिस्तान के कराची रहने वाली शाहीन से हुई थी. यह शादी 1989 को कराची में हुई.
- बड़ी बेटी निदा का जन्म अप्रैल 1992 में जबकि छोटी बेटी माहेरू का जन्म जनवरी 1995 में कराची में हुआ.
पूरा मामले की जानकारी पिता नसीम ने दी
- 1995 के बाद पत्नी प्रॉपर रूप से बनारस में रहने लगी. काफी सालों बाद पत्नी को 2007 में भारत की नागरिकता मिली.
- मुझे लगा था कि मैं भारतीय हूं तो पत्नी को कुछ फॉर्मेलिटी के बाद नागरिकता मिल जाएगी, लेकिन उसे 2007 में नागरिकता मिली.
- 2007 से दोनों बेटियों के लिए भारतीय नागरिकता के लिए अप्लाई किया गया, लेकिन किसी न किसी वजह से फॉर्म कैंसिल हो जाता था.
- 2017 में दोनों बेटियां पीएम मोदी के रविंद्रपुरी जनसंपर्क कार्यालय पहुंची और सारी फॉर्मेलिटी और फाइलों को वहीं जमा किया.
- इसी कार्यालय से एंबेसी और गृह मंत्रालय को संपर्क किया गया. 23 मार्च 2019 को दोनों बेटियों को 12 साल बाद जनसंपर्क कार्यालय की वजह से 2 साल के अंदर नागरिकता मिल गई.
- जिला प्रशासन की ओर से सर्टिफिकेट बुलाकर दिया गया. दोनों बच्चियों के नाम वोटर लिस्ट में आ गए हैं और इस बार दोनों वोट देंगी.
- मैं पीएम मोदी को और उनके कार्यालय में काम करने वाले व्यक्तियों का तहे दिल से आभारी हूं.
2007 से अब तक 12 साल हम भटकते रहे. मैं पीएम मोदी को दिल से धन्यवाद देती हूं कि उनकी वजह से हमारी बच्चियों को इतनी जल्दी भारत की नागरिकता मिल गई.
शाहिना, मां