उन्नाव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की मुहिम को सफल बनाने के लिए शनिवार को विकास भवन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें शोधार्थी डॉ. नीलम सिंह ने समाज में घटते लिंगानुपात पर चिंता जताई. साथ ही तेजी से बढ़ रहे पैथोलॉजी सेंटरों और जांच केंद्रों पर भी सवाल खड़े किए.
क्यों दिया जाता है बेटियों को दूसरा दर्जा
- जिले के विकास भवन में लिंगानुपात जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया.
- कार्यशाला के दौरान लिंगानुपात पर शोध कर रही डॉ. नीलम सिंह ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
- डॉ. नीलम सिंह ने कार्यशाला में मौजूद जिले के सभी अधिकारियों को देश में घटते लिंग अनुपात के बारे में सचेत किया.
- डॉ. नीलम ने बताया कि समाज में बेटियों को बेटे के बाद दूसरा दर्जा मिलना भी लिंगानुपात घटने की वजहों में एक है.
- डॉ. नीलम ने जिले में तेजी से बढ़ रहे पैथोलॉजी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिले के सभी पैथोलॉजी सेंटरों की जांच होनी चाहिए.
- कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों और लोगों को समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए लघु फिल्म दिखाकर प्रोत्साहित भी किया गया.
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बेटियों को समाज में बराबर का सम्मान न मिलना और समाज की कुरीतियां लिंगानुपात में कमी की सबसे बड़ी वजह है, जिसके लिए कार्यक्रम में प्रोजेक्टर से अधिकारियों और लोगों को लघु फिल्म दिखाकर प्रोत्साहित किया गया.
डॉ. नीलम सिंह, शोधार्थी, लिंगानुपात