उन्नाव: सड़क हादसे में घायल पीड़िता अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. हादसे के बाद पीड़िता के घर के बाहर पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है. लेकिन हकीकत यह भी है कि हादसे के पहले पीड़िता के परिजन लगातार कुलदीप सिंह सेंगर के गुर्गों की तरफ से धमकियां दिए जाने को लेकर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगा रहे थे. पीड़िता के परिजनों की गुहार के बावजूद उनकी ये आवाज किसी ने नहीं सुनी. हादसे में सुरक्षाकर्मियों की तरफ से पीड़िता के साथ न जाने को लेकर भले ही पुलिस के अधिकारी सफाई पेश कर रहे हों, लेकिन इस मामले में एक बार फिर खाकी सवालों के घेरे में है.
परिजनों को मिल रही थी धमकियां
- सड़क हादसे के बाद पुलिस पर भी कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
- हादसे के वक्त पीड़िता के साथ सुरक्षाकर्मी नहीं होने से पुलिस पर उठ रहे सवाल.
- पीड़िता की मां और उसकी बहन को लगातार धमकियां मिल रही थीं.
- कुलदीप सिंह सेंगर के भाई और उसके आदमियों पर धमकी देने का आरोप है.
मुकदमा वापस लेने के लिए परिजनों को तमाम तरीके से धमकियां दी जा रही थी, जिसको लेकर पीड़िता की मां और बहन ने यूपी पुलिस के मुखिया ओपी सिंह से लेकर प्रमुख सचिव गृह, सीबीआई से लेकर हाईकोर्ट के न्यायाधीश से सुरक्षा दिए जाने के लिए 12 जुलाई को पत्र लिखा था, लेकिन पीड़ित परिजनों की किसी ने नहीं सुनी. नतीजा ये हुआ कि आज दुष्कर्म पीड़िता जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है.