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उन्नाव दुष्कर्म कांड: पीड़ित परिवार को लगातार मिल रही थी धमकियां, सवालों के घेरे में खाकी

उन्नाव दुष्कर्म कांड में सड़क दुर्घटना के बाद से पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है. पीड़ित परिजनों ने सुरक्षा को लेकर यूपी पुलिस के मुखिया ओपी सिंह को 12 जुलाई को पत्र लिखा था. बावजूद इसके पीड़ित परिजनों की किसी ने नहीं सुनी.

सवालों के घेरे में पुलिस की कार्यप्रणाली.
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Published : Jul 30, 2019, 5:21 PM IST

उन्नाव: सड़क हादसे में घायल पीड़िता अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. हादसे के बाद पीड़िता के घर के बाहर पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है. लेकिन हकीकत यह भी है कि हादसे के पहले पीड़िता के परिजन लगातार कुलदीप सिंह सेंगर के गुर्गों की तरफ से धमकियां दिए जाने को लेकर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगा रहे थे. पीड़िता के परिजनों की गुहार के बावजूद उनकी ये आवाज किसी ने नहीं सुनी. हादसे में सुरक्षाकर्मियों की तरफ से पीड़िता के साथ न जाने को लेकर भले ही पुलिस के अधिकारी सफाई पेश कर रहे हों, लेकिन इस मामले में एक बार फिर खाकी सवालों के घेरे में है.

सवालों के घेरे में पुलिस की कार्यप्रणाली.

परिजनों को मिल रही थी धमकियां

  • सड़क हादसे के बाद पुलिस पर भी कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
  • हादसे के वक्त पीड़िता के साथ सुरक्षाकर्मी नहीं होने से पुलिस पर उठ रहे सवाल.
  • पीड़िता की मां और उसकी बहन को लगातार धमकियां मिल रही थीं.
  • कुलदीप सिंह सेंगर के भाई और उसके आदमियों पर धमकी देने का आरोप है.

    मुकदमा वापस लेने के लिए परिजनों को तमाम तरीके से धमकियां दी जा रही थी, जिसको लेकर पीड़िता की मां और बहन ने यूपी पुलिस के मुखिया ओपी सिंह से लेकर प्रमुख सचिव गृह, सीबीआई से लेकर हाईकोर्ट के न्यायाधीश से सुरक्षा दिए जाने के लिए 12 जुलाई को पत्र लिखा था, लेकिन पीड़ित परिजनों की किसी ने नहीं सुनी. नतीजा ये हुआ कि आज दुष्कर्म पीड़िता जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है.


उन्नाव: सड़क हादसे में घायल पीड़िता अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. हादसे के बाद पीड़िता के घर के बाहर पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है. लेकिन हकीकत यह भी है कि हादसे के पहले पीड़िता के परिजन लगातार कुलदीप सिंह सेंगर के गुर्गों की तरफ से धमकियां दिए जाने को लेकर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगा रहे थे. पीड़िता के परिजनों की गुहार के बावजूद उनकी ये आवाज किसी ने नहीं सुनी. हादसे में सुरक्षाकर्मियों की तरफ से पीड़िता के साथ न जाने को लेकर भले ही पुलिस के अधिकारी सफाई पेश कर रहे हों, लेकिन इस मामले में एक बार फिर खाकी सवालों के घेरे में है.

सवालों के घेरे में पुलिस की कार्यप्रणाली.

परिजनों को मिल रही थी धमकियां

  • सड़क हादसे के बाद पुलिस पर भी कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
  • हादसे के वक्त पीड़िता के साथ सुरक्षाकर्मी नहीं होने से पुलिस पर उठ रहे सवाल.
  • पीड़िता की मां और उसकी बहन को लगातार धमकियां मिल रही थीं.
  • कुलदीप सिंह सेंगर के भाई और उसके आदमियों पर धमकी देने का आरोप है.

    मुकदमा वापस लेने के लिए परिजनों को तमाम तरीके से धमकियां दी जा रही थी, जिसको लेकर पीड़िता की मां और बहन ने यूपी पुलिस के मुखिया ओपी सिंह से लेकर प्रमुख सचिव गृह, सीबीआई से लेकर हाईकोर्ट के न्यायाधीश से सुरक्षा दिए जाने के लिए 12 जुलाई को पत्र लिखा था, लेकिन पीड़ित परिजनों की किसी ने नहीं सुनी. नतीजा ये हुआ कि आज दुष्कर्म पीड़िता जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है.


Intro:उन्नाव:-उन्नाव के माखी रेप कांड में मार्ग दुर्घटना में घायल पीड़िता जहां अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है वही हादसे के बाद भले ही पीड़िता के घर के बाहर पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया हो लेकिन हादसे के पहले पीड़िता के परिजन लगातार कुलदीप सिंह सेंगर के गुर्गों द्वारा धमकियां दिए जाने को लेकर पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगा रहे थे लेकिन उनकी ये आवाज़ किसी ने नही सुनी।हादसे में सुरक्षा कर्मियों द्वारा पीड़िता के साथ ना जाने को लेकर भले ही पुलिस के अधिकारी सफाई पेश कर रहे हो लेकिन इस मामले में एक बार फिर खाकी सवालों के घेरे में है।




Body:रायबरेली में माखी रेप कांड की पीड़िता की गाड़ी का दुर्घटनाग्रस्त होना और हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद साथ मे सुरक्षाकर्मियों का ना होने को लेकर भले ही पुलिस के आलाधिकारी इसमें अपनी सफाई पेश कर रहे हो लेकिन हालात पुलिस पर कई गंभीर सवाल खड़े रहे है दरहसल गांव में रह रही पीड़िता की माँ और उसकी बहन को रेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का भाई और उसके गुंडे धमकियां दे रहे थे मुकदमा वापस लेने के लिए परिजनों को तमाम तरीके से धमकियां दी जा रही थी जिसको लेकर पीड़िता की माँ व बहन ने यू पी पुलिस के मुखिया ओ पी सिंह से लेकर प्रमुख सचिव गृह, सी बी आई से लेकर हाईकोर्ट के न्यायधीश से सुरक्षा दिए जाने के लिए 12 जुलाई को पत्र लिखा था लेकिन पीड़ित परिजनों की किसी ने नही सुनी नतीजा ये हुआ कि आज रेप पीड़िता जिंदगी और मौत से जूझ रही है और रेप के आरोपी बाहुबली विधायक के रसूख के आगे एक बार फिर कानून बौना साबित हुआ।







Conclusion:वीरेंद्र यादव
उन्नाव
मो-9839757000
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