उन्नाव : ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त की शाखा कोटवर का एक फर्जी कारनामा सामने आया है. साल 2009 में यहां के मैनेजर ने स्वर्ण जयंती ग्रामीण स्वरोजगार योजना के अंतर्गत गलत फोटो लगाकर फर्जी नाम से 40 हजार का लोन पास करा दिया. वहीं अब बैंक कर्मचारी पीड़ित पर वसूली का दबाव बना रहे हैं.
वसूली के दबाव से परेशान पीड़ित ने जब लोन की फाइल निकलवाई, तो फाइल में न तो उसकी फोटो और न ही उसकी कोई आईडी लगी थी. वहीं तत्कालीन खंड विकास अधिकारी सहायक विकास अधिकारी एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ने न केवल फर्जी फोटो को प्रमाणित किया था, बल्कि वहीं लोन हेतु पात्र बता कर कागजों का सत्यापन कर बैंक को भेज दिया था. फाइल में भैंस खरीद के फर्जी दस्तावेज भी लगे हैं.
पीड़ित का कहना है कि उसने लोन नहीं लिया है और बैंक मैनेजर ने फर्जी फोटो लगाकर लोन पास कर दिया, इसलिए अगर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई न हुई और उसके ऊपर लोन अदा करने का दबाव बनाया गया तो वह आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएगा.