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ऑनलाइन होकर भी दलालों के चंगुल में फंसा सुलतानपुर परिवहन विभाग

यूपी के सुलतानपुर में दलालों ने अब ऑनलाइन सेंध लगानी भी शुरू कर दी है. सरकारी कार्यालयों के बाहर बोर्ड लगाकर बैठे लोग मनचाहे दाम वसूल रहे हैं. ऐसे में प्रशासन मूक दर्शक बनकर बैठा हुआ है.

ऑनलाइन काम में भी बिचौलियों ने लगाई सेंध.
ऑनलाइन काम में भी बिचौलियों ने लगाई सेंध.
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Published : Oct 31, 2020, 10:25 PM IST

सुलतानपुरः प्रदेश सरकार की संभागीय परिवहन कार्यालयों को दलालों के चंगुल से मुक्त करने की ऑनलाइन प्रक्रिया अब धराशाई होती नजर आ रही है. कार्यालयों के बाहर बिचौलियों ने भी ऑनलाइन व्यवस्था के बोर्ड लगा लिए हैं. यूं तो ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे हैं, लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन वितरित किए जा रहे हैं. इससे साक्षरता के अभाव में ज्यादातर आम नागरिक इन सेवाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों ने कंप्यूटर साक्षरता दर बढ़ाए जाने का आह्वान किया.

ऑनलाइन काम में भी बिचौलियों ने लगाई सेंध.

एक क्लिक पर मिल जाता है कोई भी फॉर्म
शासन के निर्देश पर संभागीय परिवहन विभाग के सभी पटलों को ऑनलाइन कर दिया गया है. यानी आवेदन फॉर्म लेना हो तो भी काउंटर पर जाने की जरूरत नहीं है. घर बैठे एक क्लिक पर फॉर्म उपलब्ध हो जाएगा. यही स्थिति स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस, टैक्स जमा करने की प्रक्रिया, वाहन ट्रांसफर समेत अन्य सभी काउंटरों से संबंधित कार्यों पर देखी जा रही है.

ऑनलाइन में भी कर्मचारी बिचौलियों का हो रहा गठजोड़
संभागीय परिवहन विभाग के बाहर दलालों के बड़े काउंटर और कार्यालय खुले हुए हैं. परिवहन विभाग की तर्ज पर यह भी खुद को ऑनलाइन होने के दावे कर रहे हैं. उपभोक्ता यहां आते हैं और आवेदन करके लौट जाते हैं. यहीं से उन्हें संबंधित आवेदन के प्रमाण पत्र मिल जाते हैं. दलालों और संभागीय परिवहन विभाग के कर्मचारियों के गठजोड़ से ऑनलाइन व्यवस्था का लाभ नागरिकों को नहीं मिल पा रहा है.

ऑनलाइन है सब कुछ
आरटीओ प्रशासन माला बाजपाई कहती हैं कि अब आप अपनी ऑनलाइन फीस जमा कर सकते हैं. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए पासपोर्ट जैसी व्यवस्था लागू कर दी गई हैं. अब नागरिक अपनी ऑनलाइन फीस जमा करने के साथ अपना प्लाट भी बुक कर सकते हैं. उन्हें इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है, जो तिथि नियत कर उन्हें दी जाती है, उस तिथि पर ही परिवहन कार्यालय आएं.

पहले लोग जल्दी फीस जमा करा दूंगा, जल्दी काम करा दूंगा इस तरीके से प्रलोभन देकर लोगों को भटकाते थे. अब भ्रष्टाचार या बिचौलियों की सक्रियता नीति नियंत्रित हो गई है. day-night कभी भी अपनी फीस जमा कर सकते हैं. नेट बैंकिंग और अन्य सेवाओं का लाभ ले सकते हैं. हमारे यहां सारे पटल ऑनलाइन कर दिए गए हैं. सारी चीजें कैशलेस हो गई हैं. डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है.

-माला बाजपाई, एआरटीओ, संभागीय परिवहन कार्यालय

सितंबर में 14 लाख की रिकवरी
संभागीय परिवहन विभाग की तरफ से 14 लाख की रिकवरी टैक्स वसूली के तौर पर सितंबर माह में वसूला गया है, जो रिकॉर्ड है. इसी तरीके से 1000 ड्राइविंग लाइसेंस प्रत्येक माह स्थायी रूप से जारी होते हैं. इसके अलावा टैक्स पेमेंट और वाहनों के ट्रांसफर की बड़ी फेहरिस्त संभागीय परिवहन विभाग में दर्ज है.

कंप्यूटर साक्षरता का देश में काफी अभाव है. इसी वजह से दलालों की सक्रियता ऑनलाइन तंत्र में देखी जा रही है. जिसके चलते सरकार को नवयुवकों को कंप्यूटर साक्षर की शिक्षा दी जानी चाहिए. इससे वे अपने काम खुद कर सकें और भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लग सकें.

-शैलेंद्र त्रिपाठी, डॉक्टर

सुलतानपुरः प्रदेश सरकार की संभागीय परिवहन कार्यालयों को दलालों के चंगुल से मुक्त करने की ऑनलाइन प्रक्रिया अब धराशाई होती नजर आ रही है. कार्यालयों के बाहर बिचौलियों ने भी ऑनलाइन व्यवस्था के बोर्ड लगा लिए हैं. यूं तो ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे हैं, लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन वितरित किए जा रहे हैं. इससे साक्षरता के अभाव में ज्यादातर आम नागरिक इन सेवाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों ने कंप्यूटर साक्षरता दर बढ़ाए जाने का आह्वान किया.

ऑनलाइन काम में भी बिचौलियों ने लगाई सेंध.

एक क्लिक पर मिल जाता है कोई भी फॉर्म
शासन के निर्देश पर संभागीय परिवहन विभाग के सभी पटलों को ऑनलाइन कर दिया गया है. यानी आवेदन फॉर्म लेना हो तो भी काउंटर पर जाने की जरूरत नहीं है. घर बैठे एक क्लिक पर फॉर्म उपलब्ध हो जाएगा. यही स्थिति स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस, टैक्स जमा करने की प्रक्रिया, वाहन ट्रांसफर समेत अन्य सभी काउंटरों से संबंधित कार्यों पर देखी जा रही है.

ऑनलाइन में भी कर्मचारी बिचौलियों का हो रहा गठजोड़
संभागीय परिवहन विभाग के बाहर दलालों के बड़े काउंटर और कार्यालय खुले हुए हैं. परिवहन विभाग की तर्ज पर यह भी खुद को ऑनलाइन होने के दावे कर रहे हैं. उपभोक्ता यहां आते हैं और आवेदन करके लौट जाते हैं. यहीं से उन्हें संबंधित आवेदन के प्रमाण पत्र मिल जाते हैं. दलालों और संभागीय परिवहन विभाग के कर्मचारियों के गठजोड़ से ऑनलाइन व्यवस्था का लाभ नागरिकों को नहीं मिल पा रहा है.

ऑनलाइन है सब कुछ
आरटीओ प्रशासन माला बाजपाई कहती हैं कि अब आप अपनी ऑनलाइन फीस जमा कर सकते हैं. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए पासपोर्ट जैसी व्यवस्था लागू कर दी गई हैं. अब नागरिक अपनी ऑनलाइन फीस जमा करने के साथ अपना प्लाट भी बुक कर सकते हैं. उन्हें इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है, जो तिथि नियत कर उन्हें दी जाती है, उस तिथि पर ही परिवहन कार्यालय आएं.

पहले लोग जल्दी फीस जमा करा दूंगा, जल्दी काम करा दूंगा इस तरीके से प्रलोभन देकर लोगों को भटकाते थे. अब भ्रष्टाचार या बिचौलियों की सक्रियता नीति नियंत्रित हो गई है. day-night कभी भी अपनी फीस जमा कर सकते हैं. नेट बैंकिंग और अन्य सेवाओं का लाभ ले सकते हैं. हमारे यहां सारे पटल ऑनलाइन कर दिए गए हैं. सारी चीजें कैशलेस हो गई हैं. डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है.

-माला बाजपाई, एआरटीओ, संभागीय परिवहन कार्यालय

सितंबर में 14 लाख की रिकवरी
संभागीय परिवहन विभाग की तरफ से 14 लाख की रिकवरी टैक्स वसूली के तौर पर सितंबर माह में वसूला गया है, जो रिकॉर्ड है. इसी तरीके से 1000 ड्राइविंग लाइसेंस प्रत्येक माह स्थायी रूप से जारी होते हैं. इसके अलावा टैक्स पेमेंट और वाहनों के ट्रांसफर की बड़ी फेहरिस्त संभागीय परिवहन विभाग में दर्ज है.

कंप्यूटर साक्षरता का देश में काफी अभाव है. इसी वजह से दलालों की सक्रियता ऑनलाइन तंत्र में देखी जा रही है. जिसके चलते सरकार को नवयुवकों को कंप्यूटर साक्षर की शिक्षा दी जानी चाहिए. इससे वे अपने काम खुद कर सकें और भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लग सकें.

-शैलेंद्र त्रिपाठी, डॉक्टर

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