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श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर कोरोना का ग्रहण, नहीं निकलेंगी झांकियां

कोरोना महामारी की वजह से उत्तर प्रदेश के सीतापुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार झांकियां नहीं निकलेंगी. हालांकि परम्परा को निभाने के लिए झांकियां तैयार की जा रही हैं.

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कोरोना का असर
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Published : Aug 11, 2020, 9:53 PM IST

सीतापुर: अपनी लीलाओं के कारण अनेक नामों से पहचाने जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन इस बार कोरोना संक्रमण के दौर में मनाया जाएगा. कोरोना के कारण इस बार त्योहार का रंग फीका है. जिन मंदिरों में कई दिन पहले से भव्य झांकी तैयार की जाने लगती थी, आजकल वहां रौनक नदारद है. मात्र परम्पराओं को निभाने के लिए झांकी तैयार की जा रही है, ताकि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की परम्परा को पूरा किया जा सके.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर नहीं निकलेंगी झांकियां.

मनाया जाता था धूमधाम से त्योहार
जिले में पीएसी की तीन दूसरी, 11वीं और 27 वीं वाहिनियां हैं. इन सभी जगहों के अलावा पुलिस लाइन और जेल में भी जन्माष्टमी का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता रहा है. कुल मिलाकर जिले में इस पर्व पर कई जगह झांकिया सजती थी, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती थी और कई दिनों तक धूमधाम रहती थी. इस बार कोरोना महामारी ने नन्दकिशोर के जन्मोत्सव पर भी ग्रहण लगा दिया है. पुलिस लाइन से लेकर पीएसी में सजने वाली झाकियां फीकी पड़ गई हैं. जिन झांकियों को आकर्षक बनाने के लिए कई दिनों तक मेहनत करके तैयार किया जाता था, वहां अंतिम दिन तैयारी की जा रही है और वह भी इसलिए क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की परंपरा तो पूरी ही करनी है.

लगता था मेला
11वीं वाहिनी पीएसी के भव्य मंदिर की जन्माष्टमी की तो बात ही कुछ अलग थी. यहां कई दिन पहले से झांकी सजाई जाती थी और लगभग एक सप्ताह तक मेला भी लगता था. लेकिन इस बार कोरोना के प्रोटोकॉल और लोगों की दहशत का असर इस त्योहार पर भी साफ दिखाई देगा. पीएसी मंदिर के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगोंं ने बताया कि पीएसी में सजने वाली झांकियों के कारण मंदिर गुलजार रहते थे. बाहर क्षेत्रों से लोग झांकी देखने आते थे. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते इस त्योहार को सादगी से मनाया जा रहा है.

सीतापुर: अपनी लीलाओं के कारण अनेक नामों से पहचाने जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन इस बार कोरोना संक्रमण के दौर में मनाया जाएगा. कोरोना के कारण इस बार त्योहार का रंग फीका है. जिन मंदिरों में कई दिन पहले से भव्य झांकी तैयार की जाने लगती थी, आजकल वहां रौनक नदारद है. मात्र परम्पराओं को निभाने के लिए झांकी तैयार की जा रही है, ताकि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की परम्परा को पूरा किया जा सके.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर नहीं निकलेंगी झांकियां.

मनाया जाता था धूमधाम से त्योहार
जिले में पीएसी की तीन दूसरी, 11वीं और 27 वीं वाहिनियां हैं. इन सभी जगहों के अलावा पुलिस लाइन और जेल में भी जन्माष्टमी का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता रहा है. कुल मिलाकर जिले में इस पर्व पर कई जगह झांकिया सजती थी, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती थी और कई दिनों तक धूमधाम रहती थी. इस बार कोरोना महामारी ने नन्दकिशोर के जन्मोत्सव पर भी ग्रहण लगा दिया है. पुलिस लाइन से लेकर पीएसी में सजने वाली झाकियां फीकी पड़ गई हैं. जिन झांकियों को आकर्षक बनाने के लिए कई दिनों तक मेहनत करके तैयार किया जाता था, वहां अंतिम दिन तैयारी की जा रही है और वह भी इसलिए क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की परंपरा तो पूरी ही करनी है.

लगता था मेला
11वीं वाहिनी पीएसी के भव्य मंदिर की जन्माष्टमी की तो बात ही कुछ अलग थी. यहां कई दिन पहले से झांकी सजाई जाती थी और लगभग एक सप्ताह तक मेला भी लगता था. लेकिन इस बार कोरोना के प्रोटोकॉल और लोगों की दहशत का असर इस त्योहार पर भी साफ दिखाई देगा. पीएसी मंदिर के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगोंं ने बताया कि पीएसी में सजने वाली झांकियों के कारण मंदिर गुलजार रहते थे. बाहर क्षेत्रों से लोग झांकी देखने आते थे. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते इस त्योहार को सादगी से मनाया जा रहा है.

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