सहारनपुर: जिला अस्पताल में संचालित अस्थायी रैन बसेरे में अव्यवस्था ने पैर पसार रखे हैं. हालात ये हैं कि अस्पताल में बने रैन बसेरे के बेडों पर कुत्ते आराम फरमा रहें हैं. वहीं इलाज के लिए आने वाले मरीज और उनके तीमारदार फर्श पर रात बिताने को मजबूर हैं. जिला अस्पताल के सीसीटीवी इस बात की तस्दीक कर रहे हैं.
अस्पताल में हैं मुकम्मल इंतजाम
दरअसल सहारनपुर जिला अस्पताल में बने रैन बसेरे के अंदर मरीजों के तीमारदारों के लिए एक हॉल बना हुआ है, जहां मरीज और तीमारदारों के लिए रात बिताने के मुकम्मल इंतजाम किए गए हैं. हॉल में पर्याप्त बेडों की व्यवस्था की गई है, जिससे यहां आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को भीषण सर्दी में किसी तरह की कोई असुविधा न हो.
मरीजों ने कैमरे पर बोलने से किया इनकार
इन सब तैयारियों के बावजूद जरूरतमंदों को सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं इन बेडों पर कुत्ते आराम फरमा रहे हैं. इस बारे में जब ईटीवी भारत की टीम ने मरीजों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
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परिसर में नहीं है अलाव की व्यवस्था
पहचान छिपाने की शर्त पर उन्होंने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि अस्पताल का स्टाफ उन्हें बेडों पर लेटने के लिए मना करता है. इसलिए हमें मजबूरन फर्श पर सोना पड़ता है और पलंग पर कुत्ते सोते हुए देखे जाते हैं. यही नहीं अस्पताल परिसर में अलाव की भी मुकम्मल व्यवस्था नहीं है.
रैन बसेरों के बाहर रहती है गार्ड की तैनाती
इस संबंध में जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एस के वार्ष्णेय का कहना है कि उन्होंने अभी ऐसा कुछ देखा नहीं है और अगर ऐसा है तो इसकी जांच कराएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि रैन बसेरे तीमारदारों के लिए बनाए गए हैं और उन पर तीमारदार ही सोते हैं. सुरक्षा की दृष्टि से रैन बसेरों के बाहर गार्ड भी हर वक्त मौजूद रहता है.
प्रमुख अधीक्षक खुद करते हैं व्यवस्थाओं का दौरा
अगर तीमारदारों के बेड पर कुत्तों के सोने वाली बात जांच में सही पाई जाती है तो लापरवाहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि वह खुद समय-समय पर व्यवस्थाएं का दौरा करते हैं.