रामपुर: जिले में पिछले 2 हफ्तों से जंगली हाथियों का आतंक लोगों का परेशानी का सबब बना हुआ है. वन विभाग द्वारा लोगों को हाथियों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है. वहीं आबादी वाले क्षेत्रों में अनाउंसमेंट के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है. फिलहाल हाथियों को दूर ले जाने के लिए वन विभाग की टीम को तीन हथिनियों का सहारा लेना पड़ रहा है.
- जिले में पिछले 2 हफ्तों से जंगली हाथी डेरा डाले हुए हैं.
- वन विभाग की टीम हाथियों को जंगल में ले जाने के लिए हथिनियों का सहारा ले रही है.
- हथनिया हाथियों को अपने प्रेम जाल में फंसा कर अपने साथ आबादी से दूर ले जायेंगी.
- अगर ऐसा होता है तो यह देखना बहुत रोमांचक होगा कि इंसानों की तरह जानवरों में भी प्यार का एहसास होता है.
- हालांकि यह झूठा प्रेम जाल होगा, लेकिन अब शायद यही हाथियों को आबादी से दूर ले जाने का एकमात्र रास्ता बचा है
हथिनियों के महावत अनीस ने बताया लखीमपुर खीरी के दुधवा नेशनल पार्क से 4 हाथी लाए गए थे, जिनमें से एक मेल हाथी वापस भेज दिया गया है और शेष तीन हथनियां गंगा कली, सुलोचना और चमेली लाई गई हैं, जिनके मल मूत्र से एक ट्रैक बनाया जाएगा. जिस पर हाथी मूव करेगा यह प्रक्रिया कल से शुरू की जाएगी.
जंगली हाथियों को रामपुर से बाहर ले जाने के लिए तीन हथिनियों को लाया गया है. जिनकी मदद से हाथियों को एक दिशा में ले जाया जा सकेगा. यह भी एक विकल्प है, लेकिन हमारा प्राथमिक विकल्प हाथियों को ट्रेंकुलाइजर करना है और हाथियों को पीलीभीत की ओर ले जाया जाएगा. फीमेल हाथियों के मल मूत्र के सहारे हाथियों को ड्राइव किया जाए सकता है.
-ए के कश्यप, डीएफओ