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रायबरेली के भावी इंजीनियरों की प्रतिभा को निखारेगा टीसीएस

फिरोज गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ एक करार किया है. इसके तहत इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की टेक्निकल स्किल्स को बढ़ाने और उन्हें कॉर्पोरेट लीडर्स के रुप में स्थापित करने में टीसीएस मदद करेगी.

एफजीआईटी सचिव आर पी शर्मा.
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Published : Jul 11, 2019, 6:37 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शुमार टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने जनपद की प्रतिभा को निखारने का बीड़ा उठाया है. इसके चलते टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने शहर के एकमात्र इंजीनियरिंग कॉलेज फिरोज गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ एक करार किया है.

टीसीएस देगी एफजीआईटी के छात्रों को प्रशिक्षण.

इसके तहत टीसीएस ने इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की टेक्निकल स्किल्स को बढ़ाने और उन्हें कॉर्पोरेट लीडर्स के रुप में स्थापित करने के लिए एफजीआईटी को चुना है. इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के तीसरे वर्ष के दौरान ही टीसीएस बी.टेक छात्रों का ऑलराउंड डिवेलपमेंट से लेकर प्लेसमेंट तक में मदद करती है. मॉक इंटरव्यू सरीखें कई नायाब तरीकों से कैंपस सेलेक्शन के लिए छात्रों को हर संभव मदद देने का कार्य भी किया जाता है.

सचिव आर पी शर्मा ने किए ये दावे:
फिरोज गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के सचिव आर पी शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि सीएसआर के तहत टीसीएस ने आईटी एम्प्लॉयबिलिटी प्रोग्राम के मकसद से प्रदेश के तमाम कॉलेज के बीच एफजीआईटी को चुना है. इस खास प्रोग्राम का उद्देश्य इंजीनियरिंग छात्रों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उपयुक्त तैयार करना है. जिससे बड़े और मेट्रोपोलिटन शहरों के सामने रायबरेली जैसे शहरों के छात्र कहीं पीछे न छूट जाएं.

छात्रों पर देते हैं खास ध्यान:
आर पी शर्मा आगे कहते हैं कि टीसीएस की लीडर्स टीम से कुछ डेडिकेटेड मेंबर्स इन छात्रों से हर वीकेंड में रूबरू होते हैं. खास बात यह है कि इस दौरान टीसीएस के यह विशेषज्ञ मेंबर छात्रों को पूरी तरह से पर्सनलाइज्ड अटेंशन देते हैं. इंजीनियरिंग के तीन वर्ष में शुरु हुए इस प्रोग्राम को कोर्स के चौथे और अंतिम वर्ष के उस समय तक जारी रखा जाता है, जब तक उस छात्र का किसी बड़े बहुराष्ट्रीय कंपनी में प्लेसमेंट न हो जाए.

90 मेधावियों का होता है चयन:
इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रबंध कमेटी के सचिव आरपी शर्मा ने दावा किया कि हर वर्ष टीसीएस इस विशेष प्रोग्राम के तहत 90 चुनिंदा छात्र-छात्राओं का चयन करती है. ये छात्र इंस्टीट्यूट में चल रहे सभी 4 ट्रेड कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन, मैकेनिकल समेत एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग वर्ग के होते हैं.

स्टूडेंट्स के स्ट्रेंथ और वीकनेस पर फोक्स:
स्टूडेंट्स को उनके इंटरेस्ट के अनुसार स्ट्रेंथ और वीकनेस पर फोकस करने की सलाह दी जाती है. साथ ही टीसीएस की स्पेशल टीम टेक्निकल एबिलिटी के अलावा इंडस्ट्री ओरिएंटेशन और वर्तमान समय की जरुरत के अनुसार ग्रूमिंग तैयार करने पर भी जोर देती है. जिससे 4 वर्ष के पाठ्यक्रम के बाद छात्र न केवल इंजीनियर के तौर पर परिपक्व बनते है, बल्कि भविष्य के कॉर्पोरेट लीडर्स के तौर पर अपने कैरियर की शुरुआत करने में भी कामयाब रहते हैं.

रायबरेली: देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शुमार टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने जनपद की प्रतिभा को निखारने का बीड़ा उठाया है. इसके चलते टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने शहर के एकमात्र इंजीनियरिंग कॉलेज फिरोज गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ एक करार किया है.

टीसीएस देगी एफजीआईटी के छात्रों को प्रशिक्षण.

इसके तहत टीसीएस ने इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की टेक्निकल स्किल्स को बढ़ाने और उन्हें कॉर्पोरेट लीडर्स के रुप में स्थापित करने के लिए एफजीआईटी को चुना है. इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के तीसरे वर्ष के दौरान ही टीसीएस बी.टेक छात्रों का ऑलराउंड डिवेलपमेंट से लेकर प्लेसमेंट तक में मदद करती है. मॉक इंटरव्यू सरीखें कई नायाब तरीकों से कैंपस सेलेक्शन के लिए छात्रों को हर संभव मदद देने का कार्य भी किया जाता है.

सचिव आर पी शर्मा ने किए ये दावे:
फिरोज गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के सचिव आर पी शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि सीएसआर के तहत टीसीएस ने आईटी एम्प्लॉयबिलिटी प्रोग्राम के मकसद से प्रदेश के तमाम कॉलेज के बीच एफजीआईटी को चुना है. इस खास प्रोग्राम का उद्देश्य इंजीनियरिंग छात्रों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उपयुक्त तैयार करना है. जिससे बड़े और मेट्रोपोलिटन शहरों के सामने रायबरेली जैसे शहरों के छात्र कहीं पीछे न छूट जाएं.

छात्रों पर देते हैं खास ध्यान:
आर पी शर्मा आगे कहते हैं कि टीसीएस की लीडर्स टीम से कुछ डेडिकेटेड मेंबर्स इन छात्रों से हर वीकेंड में रूबरू होते हैं. खास बात यह है कि इस दौरान टीसीएस के यह विशेषज्ञ मेंबर छात्रों को पूरी तरह से पर्सनलाइज्ड अटेंशन देते हैं. इंजीनियरिंग के तीन वर्ष में शुरु हुए इस प्रोग्राम को कोर्स के चौथे और अंतिम वर्ष के उस समय तक जारी रखा जाता है, जब तक उस छात्र का किसी बड़े बहुराष्ट्रीय कंपनी में प्लेसमेंट न हो जाए.

90 मेधावियों का होता है चयन:
इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रबंध कमेटी के सचिव आरपी शर्मा ने दावा किया कि हर वर्ष टीसीएस इस विशेष प्रोग्राम के तहत 90 चुनिंदा छात्र-छात्राओं का चयन करती है. ये छात्र इंस्टीट्यूट में चल रहे सभी 4 ट्रेड कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन, मैकेनिकल समेत एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग वर्ग के होते हैं.

स्टूडेंट्स के स्ट्रेंथ और वीकनेस पर फोक्स:
स्टूडेंट्स को उनके इंटरेस्ट के अनुसार स्ट्रेंथ और वीकनेस पर फोकस करने की सलाह दी जाती है. साथ ही टीसीएस की स्पेशल टीम टेक्निकल एबिलिटी के अलावा इंडस्ट्री ओरिएंटेशन और वर्तमान समय की जरुरत के अनुसार ग्रूमिंग तैयार करने पर भी जोर देती है. जिससे 4 वर्ष के पाठ्यक्रम के बाद छात्र न केवल इंजीनियर के तौर पर परिपक्व बनते है, बल्कि भविष्य के कॉर्पोरेट लीडर्स के तौर पर अपने कैरियर की शुरुआत करने में भी कामयाब रहते हैं.

Intro:रायबरेली: एफजीआईटी तैयार कर रहा वेल ट्रेनड इंजीनियर, टीसीएस ने कारपोरेट सेक्टर के लिए आसान की राह

रायबरेली:टीसीएस निखारेगा रायबरेली के भावी इंजीनियरों की प्रतिभा,तकनीकी दक्षता के अलावा कॉर्पोरेट कल्चर से भी कराएगा रुबरु


10 जुलाई 2019 - रायबरेली


देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शुमार टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने जनपद की प्रतिभा को निखारने का बीड़ा उठाया है।शहर के एकमात्र इंजीनियरिंग कॉलेज फिरोज गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के साथ हुए करार के तहत टीसीएस ने इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की टेक्निकल स्किल्स को बढ़ाने के साथ उन्हें कॉर्पोरेट लीडर्स के रुप में स्थापित करने के मकसद से प्रदेश के तमाम इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट में से रायबरेली के कॉलेज को चुना है।इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के तीसरे वर्ष के दौरान ही टीसीएस बी.टेक छात्रों का ऑलराउंड डिवेलपमेंट से लेकर प्लेसमेंट तक में मदत करती है।मॉक इंटरव्यू सरीखें कई नायाब तरीकों से कैंपस सेलेक्शन के लिए छात्रों को हर संभव मदत देने का कार्य भी किया जाता है।



Body:फिरोज़ गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के सचिव आर पी शर्मा ने ETV को बताया कि सीएसआर के तहत टीसीएस ने आईटी एम्प्लॉयबिलिटी प्रोग्राम के मकसद से प्रदेश के तमाम कॉलेज के बीच एफजीआईटी को चुना है।इस खास प्रोग्राम का उद्देश्य इंजीनियरिंग छात्रों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उपयुक्त
तैयार करना है।इंजीनियरिंग में प्लेसमेंट को लेकर छात्रों के बीच होड़ सी लगी रहती है, बड़े व मेट्रोपोलिटन शहरों के सामने रायबरेली जैसे शहरों के छात्र कही पीछे न छूट जाएं,इसमें छात्रों को उनकी तैयारी में टीसीएस का साथ मिलेगा।

शर्मा ने बताया कि टीसीएस की लीडर्स टीम से कुछ डेडिकेटेड मेंबर्स इन छात्रों से हर वीकेंड में रुबरु होते है,ख़ास बात यह है कि इस दौरान टीसीएस के यह विशेषज्ञ मेंबर छात्रों को पूरी तरह से पर्सनलाइज्ड अटेंशन देते है।इंजीनियरिंग के 3वर्ष में शुरु हुए इस प्रोग्राम को कोर्स के चौथे व अंतिम वर्ष के उस समय तक
जारी रखा जाता है जब तक उस छात्र का किसी बड़े बहुराष्ट्रीय कंपनी में प्लेसमेंट न हो जाएं।

इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रबंध कमिटी के सचिव आरपी शर्मा ने दावा किया कि हर वर्ष टीसीएस इस विशेष प्रोग्राम के तहत 90 चुनिंदा छात्र - छात्राओं जो इंस्टीट्यूट में चल रहे सभी 4 ट्रेड कंप्यूटर साइंस,इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन,मैकेनिकल समेत एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग वर्ग से स्टूडेंट्स का चयन करती है।स्टूडेंट्स को उनका इंटरेस्ट के अनुसार स्ट्रेंथ व वीकनेस पर फोकस करने की सलाह देते हुए टीसीएस की स्पेशल टीम टेक्निकल एबिलिटी के अलावा इंडस्ट्री ओरिएंटेशन और वर्तमान समय की जरुरत के अनुसार तैयार करने ग्रूमिंग पर जोर देते हुए,जिसके फर्क यह पड़ता है कि 4 वर्ष के पाठ्यक्रम के बाद छात्र ने केवल इंजीनियर के तौर पर परिपक्व बनते है साथ ही भविष्य के कॉर्पोरेट लीडर्स के तौर पर अपने कैरियर की शुरुआत कर सकने में कामयाब रहते है।














Conclusion:विज़ुअल:संबंधित विज़ुअल व

बाइट:आर पी शर्मा - सचिव - फिरोज़ गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी - रायबरेली



प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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