रायबरेली : योगी सरकार में पुलिस को अपराध मिटाने के लिए दी गई छूट अब जनता के लिए सजा बनने लगी है. लखनऊ में हुए एप्पल मैनेजर हत्याकांड के बाद अब रायबरेली में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां अवैध शराब की सूचना पहुंची पुलिस ने एक बेगुनाह को पीट-पीटकर मार डाला. वहीं पुलिस प्रशासन इस घटना से साफ इनकार कर रही है.
जहरीली शराब से प्रदेश में हुई बेहिसाब मौतों से स्थानीय प्रशासन भी जागा और जिले के हर थाने को अपने क्षेत्रों में सघन अभियान चलाने के निर्देश जारी किए गए. इसी के तहत सलोन थाना क्षेत्र के चकपूर्वा गांव में अवैध शराब की सूचना पर पुलिस ने छापा मारा. गांव के बाहर ही बेर के बाग से लगी जगह में शराब बेची जा रही थी. शराब कारोबारी पुलिस को आता देख मौके से फरार हो गए, लेकिन वहीं बेर की बाग की रखवाली कर रहे गांव के व्यक्ति सुरेश सोनकर को पोलिस ने पकड़ लिया. फिर उसे इतना पीटा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई. ग्रामीण की मौत के बाद पुलिस मौके से भाग खड़ी हुई.
मृतक सुरेश सोनकर के पुत्र ने बताया कि गांव में पुलिस ने शराब को लेकर दबिश दी थी. शराब व्यवसायी मौके से फरार हो गए और बाग की रखवाली कर रहे उसके पिता को पकड़कर जमकर मारा पीटा गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. वहीं पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने पुलिस द्वारा ऐसी किसी भी घटना को अंजाम दिए जाने की बात से इनकार किया. उन्होंने बताया कि मृतक की पत्नी ने तहरीर दी है कि उसके पति का शव मृत अवस्था मे बाग के पास रखवाली करते वक्त पाया गया था. इसलिए शव का पोस्टमार्टम कराकर मृत्यु के असल कारण को पता लगाने में मदद की बात कही गयी थी. पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट में शव पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं पाए गए हैं.